जयपुर। भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी की तारीफों के चलते एक कवि सम्मेलन में वाह-वाहियों के स्थान पर श्रोता आपस में तू-तू मैं-मैं पर उतर आए। नौबत धक्का मुक्की तह पहुंच गई और मोदी पर कसीदे गढ़ने वाला कवि मुसीबत में पड़ गया। विरोध के बीच आनन फानन में आयोजकों ने कवि को वहां से हटाना पड़ा।
मामला राजस्थान के उदयपुर शहर के नगर निगम मंच पर रविवार को आयोजित कवि सम्मेलन का है। काव्यपाठ के दौरान यह हंगामा तब खड़ा हुआ जब अब्दुल गफ्फान ने मोदी की तारीफ में काव्य पाठ शुरू किया। कांग्रेसी पार्षदों ने इसका विरोध किया और नारेबाजी के बाद कांग्रेसी और भाजपाईयों के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई।
आचार संहिता का उल्लंघन ?
जानकारी के अनुसार काव्यपाठ का आयोजन नगर निगम के सरकारी मंच पर हुआ था। ऎसे में यहां से भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी की तारीफों और पक्ष में बयान को चुनावी आचार सहिंता के खिलाफ माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि चुनाव की घोषणा के बाद किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में उम्मीदवार के पक्ष में बयान चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है। उधर,निगम ने सफाई दी है कि काव्य सम्मेलन पूरी तरह से निजी आयोजकों की पेशकश थी।
यूं चला "मोदीपाठ" का दौर
सूत्रों के अनुसार कवि सम्मेलन में अब्दुल गफ्फान ने सबसे पहले प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए काव्य पाठ किया। इसपर वहां मौजूद भाजपाई पार्षदों ने जमकर वाह-वाहिया की। इसी बीच श्रोताओं ने मोदी पर कुछ बोलने की फरमाइश की। जब गफ्फार मोदीपाठ(मोदी पर काव्य) शुरू किया तो वहां मौजूद कांग्रेसी पार्षदों ने विरोध शुरू कर दिया। जल्द ही बात धक्का-मुक्की तक पहुंच गई। और कवि को मंच से हटाना पड़ा।
कांग्रेसियों की हालत कमजोर
जानकारी के अनुसार उदयपुर नगर निगम में भाजपा का बोर्ड और यहां कांग्रसी पार्षदों की स्थिति कमजोर है। निगम के इस आयोजन में भी भाजपाई पार्षदों की तुलना में कांग्रेसियों की संख्या कम थी। ऎसे में काव्यपाठ के दौरान डॉ.सिंह पर कटाक्ष पर कोई विरोध नहीं हुआ। लेकिन जब मोदीपाठ शुरू हुआ तो संख्या में कम दिखने वाले कांग्रेसियों ने भी जमकर विरोध शुरू कर दिया।
मामला राजस्थान के उदयपुर शहर के नगर निगम मंच पर रविवार को आयोजित कवि सम्मेलन का है। काव्यपाठ के दौरान यह हंगामा तब खड़ा हुआ जब अब्दुल गफ्फान ने मोदी की तारीफ में काव्य पाठ शुरू किया। कांग्रेसी पार्षदों ने इसका विरोध किया और नारेबाजी के बाद कांग्रेसी और भाजपाईयों के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई।
आचार संहिता का उल्लंघन ?
जानकारी के अनुसार काव्यपाठ का आयोजन नगर निगम के सरकारी मंच पर हुआ था। ऎसे में यहां से भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी की तारीफों और पक्ष में बयान को चुनावी आचार सहिंता के खिलाफ माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि चुनाव की घोषणा के बाद किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में उम्मीदवार के पक्ष में बयान चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है। उधर,निगम ने सफाई दी है कि काव्य सम्मेलन पूरी तरह से निजी आयोजकों की पेशकश थी।
यूं चला "मोदीपाठ" का दौर
सूत्रों के अनुसार कवि सम्मेलन में अब्दुल गफ्फान ने सबसे पहले प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए काव्य पाठ किया। इसपर वहां मौजूद भाजपाई पार्षदों ने जमकर वाह-वाहिया की। इसी बीच श्रोताओं ने मोदी पर कुछ बोलने की फरमाइश की। जब गफ्फार मोदीपाठ(मोदी पर काव्य) शुरू किया तो वहां मौजूद कांग्रेसी पार्षदों ने विरोध शुरू कर दिया। जल्द ही बात धक्का-मुक्की तक पहुंच गई। और कवि को मंच से हटाना पड़ा।
कांग्रेसियों की हालत कमजोर
जानकारी के अनुसार उदयपुर नगर निगम में भाजपा का बोर्ड और यहां कांग्रसी पार्षदों की स्थिति कमजोर है। निगम के इस आयोजन में भी भाजपाई पार्षदों की तुलना में कांग्रेसियों की संख्या कम थी। ऎसे में काव्यपाठ के दौरान डॉ.सिंह पर कटाक्ष पर कोई विरोध नहीं हुआ। लेकिन जब मोदीपाठ शुरू हुआ तो संख्या में कम दिखने वाले कांग्रेसियों ने भी जमकर विरोध शुरू कर दिया।
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