रामदेवरा दर्शन को पैदल यात्रियों का सैलाब
जैसलमेर। राजस्थान में जैसलमेर जिले के रामदेवरा में लोकदेवता बाबा रामदेव मेले में पहुंचने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से पैदल यात्रियों का सैलाब उमड़ पड़ा है। बाबा की बीज पर करीब पांच किलोमीटर तक लम्बी लाईनें लगी हुई हैं।
लोकदेवता बाबा रामदेव की अवतरण तिथि भाद्रपद शुक्ल द्वितीया के उपलक्ष्य में उनकी कर्मस्थली रामदेवरा में बाबा की समाधि के शीर्ष पर स्वर्ण मुकुट की प्रतिष्ठा तथा मंगला आरती की परंपरागत रस्मों के साथ शनिवार से शुरू हुए मेले में देश के विभिन्न हिस्सों के श्रद्धालुओ की भीड़ उमड़ने लगी है।
दुनिया भर में सर्वाधिक लम्बी अवधि तक चलने वाले और विराट मेले के रूप में ख्याति अर्जित कर चुके रामदेवरा मेले में हर साल लगभग 50 लाख लोग हिस्सा लेते हैं। इसके अलावा दुनिया के कई देशों से भी आने वाले विदेशी पर्यटकों के लिए यह मेला आकर्षण का केन्द्र बना रहता है।
साम्प्रदायिक सद्भाव के प्रतीक इस मेले में शामिल होने एवं मन्नत मांगने के लिए राजस्थान ही नहींं गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश एवं अन्य राज्यों से भी बड़ी तादाद में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। मेले में हिन्दू समाज के अलावा मुस्लिम समाज के भी बड़ी संख्या में जातरू आकर मन्नते मांगते हैं।
जैसलमेर। राजस्थान में जैसलमेर जिले के रामदेवरा में लोकदेवता बाबा रामदेव मेले में पहुंचने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से पैदल यात्रियों का सैलाब उमड़ पड़ा है। बाबा की बीज पर करीब पांच किलोमीटर तक लम्बी लाईनें लगी हुई हैं।
लोकदेवता बाबा रामदेव की अवतरण तिथि भाद्रपद शुक्ल द्वितीया के उपलक्ष्य में उनकी कर्मस्थली रामदेवरा में बाबा की समाधि के शीर्ष पर स्वर्ण मुकुट की प्रतिष्ठा तथा मंगला आरती की परंपरागत रस्मों के साथ शनिवार से शुरू हुए मेले में देश के विभिन्न हिस्सों के श्रद्धालुओ की भीड़ उमड़ने लगी है।
दुनिया भर में सर्वाधिक लम्बी अवधि तक चलने वाले और विराट मेले के रूप में ख्याति अर्जित कर चुके रामदेवरा मेले में हर साल लगभग 50 लाख लोग हिस्सा लेते हैं। इसके अलावा दुनिया के कई देशों से भी आने वाले विदेशी पर्यटकों के लिए यह मेला आकर्षण का केन्द्र बना रहता है।
साम्प्रदायिक सद्भाव के प्रतीक इस मेले में शामिल होने एवं मन्नत मांगने के लिए राजस्थान ही नहींं गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश एवं अन्य राज्यों से भी बड़ी तादाद में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। मेले में हिन्दू समाज के अलावा मुस्लिम समाज के भी बड़ी संख्या में जातरू आकर मन्नते मांगते हैं।
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