बाड़मेर जिले के पचपदरा में रिफाइनरी के शिलान्यास को दो दिन ही हुए है और बेरोजगार युवकों को इसमें नौकरी देने के नाम पर पैसे कमाने का धंधा शुरू हो गया है। बेराजगार युवकों से कहा जा रहा है कि 55 हजार रूपये में उन्हें रिफायनरी में नौकरी मिल जाएगी।
गौरतलब है कि अभी तक रिफाइनरी के निर्माण सहित अन्य काम शुरू नहीं हुए हैं और इसे अस्तित्व में आने में करीब चार साल का समय लगने का अनुमान है, लेकिन पूरे क्षेत्र में अभी से रिफाइनरी में नौकरी के नाम पर बेरोजगारों से प्रशिक्षण के नाम पर वसूली का काम शुरू हो गया है।
जोधपुर से लेकर पचपदरा और उसके पास बड़ी संख्या में होर्डिग्स लगे हैं, जिनमें रिफाइनरी में जॉब के नाम पर युवाओं को प्रशिक्षण में प्रवेश के लिए बुलाया जा रहा है। गौरतलब है कि रिफाइनरी में करीब बीस हजार लोगों को सीधा और एक लाख से ज्यादा लोगों को परोक्ष रूप से रोजगार मिलने की संभावना है। विभिन्न प्रशिक्षण संस्थान इसी का फायदा उठाने में जुट गए हैं।
होर्डिग्स से अटा क्षेत्र
क्षेत्र में लगे होर्डिग्स पर आईआईटी प्रशिक्षण के तहत फीटर, मैकेनिकल सहित अन्य प्रशिक्षण के बाद रिफाइनरी में नौकरी का आश्वासन दिया गया है। युवाओं से पचास से पचपन हजार रूपए फीस वसूली जा रही है।
संस्थान का दावा नौकरी पक्की
एक संस्थान को जब फोन किया तो, फोन गणपत सैनी नामक व्यक्ति ने उठाया। सैनी ने खुद को संस्थान संचालक बताया और कहा कि दसवीं पास होने पर 55 हजार रूपए फीस देकर प्रवेश ले सकते हैं। इसके बाद नौकरी जरूर मिलेगी। जब ओपन बोर्ड से संगीत, चित्रकला और गृहविज्ञान में चालीस फीसदी अंक आने की बात कही, तब भी नौकरी मिलने का आश्वासन दिया।
कंपनी खुद देगी प्रशिक्षण
एचपीसीएल के एचआर हैड इलेंगो के मुताबिक, रिफाइनरी में नियुक्ति के लिए राज्य सरकार की ओर से तय प्रक्रिया को अपनाया जाएगा। इसमें पूरी पारदर्शिता के साथ ही नियुक्ति होगी। इनके प्रशिक्षण सहित अन्य चीजों पर कंपनी ध्यान देगी। इसके लिए स्थानीय युवाओं को महत्व दिया जाएगा लेकिन अभी रिफाइनरी के शुरू होने में चार साल का समय है, ऎसे में इसके लिए पूरा समय है।
ऎसी बात हमारे सामने नहीं आई है लेकिन फिर भी इस विष्ाय में पता करवाते हैं और यदि ऎसा है तो मामले में कार्रवाई करवाएंगे। शत-प्रतिशत नौकरी का दावा कोई नहीं कर सकता।
- भानू प्रकाश एटरू
जिला कलक्टर बाड़मेर
गौरतलब है कि अभी तक रिफाइनरी के निर्माण सहित अन्य काम शुरू नहीं हुए हैं और इसे अस्तित्व में आने में करीब चार साल का समय लगने का अनुमान है, लेकिन पूरे क्षेत्र में अभी से रिफाइनरी में नौकरी के नाम पर बेरोजगारों से प्रशिक्षण के नाम पर वसूली का काम शुरू हो गया है।
जोधपुर से लेकर पचपदरा और उसके पास बड़ी संख्या में होर्डिग्स लगे हैं, जिनमें रिफाइनरी में जॉब के नाम पर युवाओं को प्रशिक्षण में प्रवेश के लिए बुलाया जा रहा है। गौरतलब है कि रिफाइनरी में करीब बीस हजार लोगों को सीधा और एक लाख से ज्यादा लोगों को परोक्ष रूप से रोजगार मिलने की संभावना है। विभिन्न प्रशिक्षण संस्थान इसी का फायदा उठाने में जुट गए हैं।
होर्डिग्स से अटा क्षेत्र
क्षेत्र में लगे होर्डिग्स पर आईआईटी प्रशिक्षण के तहत फीटर, मैकेनिकल सहित अन्य प्रशिक्षण के बाद रिफाइनरी में नौकरी का आश्वासन दिया गया है। युवाओं से पचास से पचपन हजार रूपए फीस वसूली जा रही है।
संस्थान का दावा नौकरी पक्की
एक संस्थान को जब फोन किया तो, फोन गणपत सैनी नामक व्यक्ति ने उठाया। सैनी ने खुद को संस्थान संचालक बताया और कहा कि दसवीं पास होने पर 55 हजार रूपए फीस देकर प्रवेश ले सकते हैं। इसके बाद नौकरी जरूर मिलेगी। जब ओपन बोर्ड से संगीत, चित्रकला और गृहविज्ञान में चालीस फीसदी अंक आने की बात कही, तब भी नौकरी मिलने का आश्वासन दिया।
कंपनी खुद देगी प्रशिक्षण
एचपीसीएल के एचआर हैड इलेंगो के मुताबिक, रिफाइनरी में नियुक्ति के लिए राज्य सरकार की ओर से तय प्रक्रिया को अपनाया जाएगा। इसमें पूरी पारदर्शिता के साथ ही नियुक्ति होगी। इनके प्रशिक्षण सहित अन्य चीजों पर कंपनी ध्यान देगी। इसके लिए स्थानीय युवाओं को महत्व दिया जाएगा लेकिन अभी रिफाइनरी के शुरू होने में चार साल का समय है, ऎसे में इसके लिए पूरा समय है।
ऎसी बात हमारे सामने नहीं आई है लेकिन फिर भी इस विष्ाय में पता करवाते हैं और यदि ऎसा है तो मामले में कार्रवाई करवाएंगे। शत-प्रतिशत नौकरी का दावा कोई नहीं कर सकता।
- भानू प्रकाश एटरू
जिला कलक्टर बाड़मेर
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