पचपदरा मेंरिफाइनरी शिलान्यास समारोह की झलकियां
ओम सोनी की एफबी वाल से
बालोतरा। पचपदरा में रिफाइनरी शिलान्यास समारोह के दौरान एक ओर जहां प्रदेश को सबसे बड़ी सौगात दी जा रही थी। वहीं दूसरी ओर सोनिया गांधी की एक झलक पाने के लिए संभाग भर से उमड़ी भीड़ का गर्मी व उमस से हाल बेहाल था। अनेक लोग तो यही चर्चा करते नजर आये कि यह रिफाइनरी होती क्या है? हमें तो केवल इंदिरा गांधी की बहु आ रही है उसे देखना है। साथ ही भारत की आला मुख्या की सभा के दौरान कानून एक हाशिये पर आंसू बहाता नजर आया। सोनिया गांधी की सभा में आने वाले वाहनों के लिए किसी प्रकार की यातायात व्यवस्था नहीं होने से आधे लोग तो टे्रफिक में ही फंस गए और सभा स्थल तक पहुंच ही नहीं पाये। अव्यवस्थाओं का आलम यह था कि एक रुपये का पानी पाऊच लोगों को पांच रुपये में खरीदकर हलक तर करने पड़े। पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों को 10 रुपये की पानी की बोतल दुगने दाम में खरीदनी पड़ी। समारोह स्थल के बाहर स्थानीय व्यापारियों द्वारा चाय नाश्ते की दुकानों की व्यवस्था होने के कारण लोगों को जरूर राहत मिली।
झलकियां -
कठै है पाणी री व्यवस्था
समारोह स्थल में शुरूआत से ही सोनिया गांधी की एक झलक पाने के लिए अंदर बैठे लोग कई बार समारोह स्थल के बाहर आकर चक्कर काटते दिखे। हालांकि पानी के टेंकरो की व्यवस्था की गई थी लेकिन लाखों लोगों की भीड़ में वह ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर थी। साथ ही समारोह स्थल में प्रवेश के दौरान जांच में ही पानी की बोतले तक अंदर नहीं ले जानी दी गई, जिससे लोगों की मुश्किल ओर बढ़ गई। ठैठ ग्रामीण इलाकों से आने वाली महिलाएं समारोह स्थल से बाहर आकर पूछती दिखी की कठै है पीवा रो पाणी।
गर्मी से परेशान, आधी सभा में ही किया टाटा
समारोह स्थल पर विशाल शामियानो के पीछे लगाये गए टेंटो में किसी भी प्रकार के पंखो की व्यवस्था नहीं होने के कारण भीषण गर्मी ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया। ऊपर से सिक्योरटी जांच में किसी भी प्रकार का अखबार या अन्य कागज अंदर ले जाने की रोक होने के कारण लोग अपने रूमालो से हवा खाते नजर आये। बाद में गर्मी सहन नहीं होने व सभा में देरी को देखते हुए लोगों ने आधी सभा में ही टाटा करना मुनासीब समझा।
बारिश अंधड़ ने अटकायी सांसे
सोनिया गांधी के आगमन से ऐन पहले मौसम के बदले व्यवहार व नासाजपन ने आयोजनकर्ताओं की सांसे अटका दी। एक बारगी पश्चिम दिशा से उठे अंधड़ से ऐसा लगा कि अब तेज बारिश होगी। लेकिन मामूली बूंदाबांदी के बाद जब मौसम सामान्य हुआ तब आयोजनकर्ताओं की सांस में सांस आयी। गनीमत यह रही कि सभा स्थल से करीब आधा किलोमीटर की रेडियस में बादल बरसे। बारिश होने की स्थिति में रंग में भंग पड़ सकता था।
पानी के लिए हुई जेब ढेली
शिलान्यास समारोह में भाग लेने आये लोगों को तेज गर्मी में हलक तर करने के लिए दुगने दाम चुकाकर पानी खरीदकर पीना पड़ा। आम दिनों में 10 रुपये में बाजार में उपलब्ध पानी की बोतल 20 रुपये में बिकती रही। साथ ही पानी के पाऊच की भी कीमत पांच रुपये वसूली गई।
चले ओवर लोड वाहन, कायदा-कानून दरकिनार
सोनिया गांधी की सभा में आने वाले वाहनों के लिए किसी भी प्रकार का कानून कायदा कहीं नहीं दिखा। सभा में आते व जाते वक्त अंधाधुंध गति से ओवरलोड वाहन चलते रहे। जिम्मेदार अधिकारी मौके पर मौजूद होते हुए भी केवल नजारा देखते रहे।
टे्रफिक जाम, पुलिस नदारद, मंत्री भी फंसे जाम में
सभा के खत्म होने के बाद वापिस जाने के लिए लोगों में होड़ मच गई। ओवरलोड वाहनों के तेज गति व अंधाधुंध रफ्तार से सडक़ पर दौडऩे से सभा स्थल से लेकर मेगा हाईवे तक चारों ओर जाम लग गया। पूरे दिनभर की ड्यूटी करने के बाद पुलिसकर्मी भी कहीं पर व्यवस्थाओं में लगे नजर नहीं आये। आलम यह रहा कि कई आला अधिकारियों व मंत्रीयों की गाडिय़ां करीब आधे घंटे तक जाम में फंसी रही। पुलिस अधिकारियों के निजी अंगरक्षको ने जरूर यातायात दुरस्त करने की कवायद की।
आपाधापी में वीआईपी के वाहन हुए गुम
सभा के बाद एक बारगी इतनी अफरा-तफरी ओर आपाधापी मच गई कि कई मंत्रीयों, आला अधिकारियों और वीआईपी लोगों के वाहन भीड़ में नदारद हो गए। भीड़ से परेशान अधिकारी, कर्मचारी, मंत्री, जनप्रतिनिधि सहित आम लोग अपने-अपने वाहनों को ढूंढ़ते नजर आये।
पचपदरा से भीड़ रही कम
सोनिया गांधी की सभा में मेजबान असक्रिय नजर आये। समूचे संभाग से बड़ी तादाद में लोग और वाहन पचपदरा पहुंचे। वहीं पचपदरा विधानसभा क्षेत्र से महज दर्जनों गाडिय़ां सहित इतने ही लोग पहुंचे।
जनसभा बनी शक्ति प्रदर्शन स्थल
विधानसभा चुनावों को लेकर दूर-दराज के इलाकों से आने वाले जनप्रतिनिधियों और टिकट के दावेदारों ने सोनिया गांधी की जनसभा में अपने-अपने इलाके से अधिक से अधिक तादाद में लोगों को लाने की कवायद की। जनप्रतिनिधियों ने रिफाइनरी के शिलान्यास समारोह और सोनिया की चुनावी रैली को शक्ति प्रदर्शन के रूप में लिया। राजनैतिक जानकारों के अनुसार इस सभा में जिन जनप्रतिनिधियों ने दमखम दिखाया है उसका असर आगामी चुनाव के टिकट वितरण पर अवश्य पड़ेगा।
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