लंदन। अल कायदा के नेता अयमान अल जवहिरी ने जिहाद के लिए खास दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसमें गैर मुस्लिमों और अन्य मुस्लिम सम्प्रदायों पर हमले नहीं करने का अनुरोध किया गया है।
साथ ही उन देशों में संघर्ष करने के लिए कहा गया है जहां जिहादियों को अपने विचारों का प्रचार करने के लिए सेफ बेस मिल सके। एसआईटीई मॉनिटरिंग सर्विस की ओर से प्रकाशित दस्तावेजों में 9/11 हमले के 12 साल बाद अल कायदा की रणनीति के बारे में जानकारी मिलती है। साथ ही उत्तर अमरीका से लेकर काकेसस और कश्मीर के बारे में उसकी वैश्विक महत्वकांक्षी प्रकृति के बारे में भी जानकारी मिलती है।
जवाहिरी ने आतंकियों की काकेसस में रशियन,कश्मीर में भारतीयों और झिनजियांग में चीनियों से लड़ाई का समर्थन किया है। जवाहिरी ने इराक,सीरिया,अफगानिस्तान,यमन और सोमालिया में संघर्ष को अनिवार्य बताया है। पाकिस्तान के बारे में जवाहिरी ने कहा कि यहां लड़ाई का मकसद है सेफ हेवन बनाना ताकि इस्लामिक सिस्टम स्थापित करने के लिए इसको लॉन्चिंग पैड के रूप में इस्तेमाल किया जा सके।
कहा जाता है कि जवाहिरी पाकिस्तान में ही छिपा हुआ है। जिहाद के लिए जारी सामान्य दिशानिर्देशों को जिहादी मंचों पर पोस्ट किया गया है। इनमें कहा गया है कि हमारा संघर्ष लंबा चलने वाला है। सेफ बेसेज के लिए जिहाद जरूरी है। जवाहिरी ने अपने अनुयायियों से कहा है कि अन्य मुस्लिम सम्प्रदायों पर हमलों से बचें। अगर उन पर हमला किया जाता है तो उन्हें लड़ाई में शामिल लड़ाकों को अपना रिस्पांस सीमित करना चाहिए।
मुस्लिम धरती पर रहने वाले ईसाईयों,हिंदुओं और सिखों को छोड़ देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों की जिंदगी का सम्मान करना चाहिए। बाजारों, मस्जिदों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में दुश्मनों पर हमले करने से बचना चाहिए। ऎसी जगहों पर दुश्मन मुस्लिमों में शामिल हो जाते हैं जो लड़ाई नहीं लड़ रहे हैं।
साथ ही उन देशों में संघर्ष करने के लिए कहा गया है जहां जिहादियों को अपने विचारों का प्रचार करने के लिए सेफ बेस मिल सके। एसआईटीई मॉनिटरिंग सर्विस की ओर से प्रकाशित दस्तावेजों में 9/11 हमले के 12 साल बाद अल कायदा की रणनीति के बारे में जानकारी मिलती है। साथ ही उत्तर अमरीका से लेकर काकेसस और कश्मीर के बारे में उसकी वैश्विक महत्वकांक्षी प्रकृति के बारे में भी जानकारी मिलती है।
जवाहिरी ने आतंकियों की काकेसस में रशियन,कश्मीर में भारतीयों और झिनजियांग में चीनियों से लड़ाई का समर्थन किया है। जवाहिरी ने इराक,सीरिया,अफगानिस्तान,यमन और सोमालिया में संघर्ष को अनिवार्य बताया है। पाकिस्तान के बारे में जवाहिरी ने कहा कि यहां लड़ाई का मकसद है सेफ हेवन बनाना ताकि इस्लामिक सिस्टम स्थापित करने के लिए इसको लॉन्चिंग पैड के रूप में इस्तेमाल किया जा सके।
कहा जाता है कि जवाहिरी पाकिस्तान में ही छिपा हुआ है। जिहाद के लिए जारी सामान्य दिशानिर्देशों को जिहादी मंचों पर पोस्ट किया गया है। इनमें कहा गया है कि हमारा संघर्ष लंबा चलने वाला है। सेफ बेसेज के लिए जिहाद जरूरी है। जवाहिरी ने अपने अनुयायियों से कहा है कि अन्य मुस्लिम सम्प्रदायों पर हमलों से बचें। अगर उन पर हमला किया जाता है तो उन्हें लड़ाई में शामिल लड़ाकों को अपना रिस्पांस सीमित करना चाहिए।
मुस्लिम धरती पर रहने वाले ईसाईयों,हिंदुओं और सिखों को छोड़ देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों की जिंदगी का सम्मान करना चाहिए। बाजारों, मस्जिदों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में दुश्मनों पर हमले करने से बचना चाहिए। ऎसी जगहों पर दुश्मन मुस्लिमों में शामिल हो जाते हैं जो लड़ाई नहीं लड़ रहे हैं।
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