जनता की नहीं सुनी,बाड़मेर कलेक्टर को थमाया सरकार ने कडा नोटिस
जयपुर। जनता को सुनवाई के अधिकार के क्रियान्वयन को लेकर मिली शिकायतों और जांच के आधार पर मुख्य सचिव सी.के. मैथ्यू ने बाड़मेर कलेक्टर भानु प्रकाश एटूरू सहित 14 जिला कलक्टरों को कारण बताओ नोटिस दिए हैं।हमने इस वेब न्यूज़ पर बाड़मेर कलेक्टर की कार्यशैली पर कड़ी तिपनियो के साथ लिखा था। सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर को नोटिस थमा दिया।
मैथ्यू ने कड़े मोबाइल मैसेज भी भेजे हैं। पांच कलक्टरों को सराहना पत्र भी भेजे गए हैं। नोटिस में कलक्टरों को कहा गया है कि उन्होंने राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप जन सुनवाई के अधिकार और उसके तहत होने वाली गतिविधियों पर ध्यान नहीं दिया। प्रशासनिक सुधार विभाग को लगातार जन सुनवाई के संबंध में शिकायतें मिल रही हैं।
इसलिए इस बारे में कारण सहित स्थिति स्पष्ट करें। सुनवाई का अधिकार कानून 1 अगस्त, 2012 को लागू हुआ और 20 अप्रेल, 2013 को सुनवाई केन्द्र बनाए गए।
इनसे पूछा बताओ कारण
टी. रविकांत (जयपुर)
भानुप्रकाश एटरू (बाड़मेर)
नीरज के. पवन (भरतपुर)
जोगाराम (कोटा)
कुमार पाल गौतम (धौलपुर)
धर्मेन्द्र भटनागर (श्रीगंगानगर)
लालचंद असवाल (टोंक)
अम्बरीश कुमार (पाली)
विक्रम सिंह चौहान (डूंगरपुर)
आनंधी (बूंदी)
सुमति लाल बोहरा (बारां)
एस. एस. सोहता (सीकर)
नारायण लाल मीणा (जैसलमेर)
रतन लाहोटी (प्रतापगढ़)
ऎसी आ रही हैं शिकायतें
सुनवाई सामूहिक रूप से खुली चर्चा में होना अनिवार्य है, लेकिन अधिकारी अक्सर एक-एक व्यक्ति को बुलाकर सुनवाई करते हैं।
सुनवाई नियमित रूप से नहीं हो रही है।
कुछ अधिकारी ग्रामीणों से अंग्रेजी में बात कहते या लिख कर दे देते हैं (उदयपुर जिले के वल्लभनगर-कोटड़ा क्षेत्र में)
निर्णय करके अवगत करवाना जरूरी होता है, लेकिन निर्णय नहीं किए जा रहे, सुनवाई केन्द्र नियमित रूप से खुलते ही नहीं हैं
लाल, पीली, सफेद रसीद के बिना सुनवाई संभव नहीं। लेकिन कई केन्द्रों पर यह रसीदें हैं ही नहीं
मुख्य सचिव व प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से विभिन्न पत्र भेजे गए, लेकिन सुधार नहीं हुआ।
इन्हें मिली सराहना
प्रीतम बी. यशवंत (राजसमंद)
आर. एस. जाखड़ (अलवर)
पी. सी. किशन (हनुमानगढ़)
ओंकार सिंह (भीलवाड़ा)
वैभव गालरिया (अजमेर)
(इनमें अजमेर
व भीलवाड़ा के कलक्टरों को फरवरी-13 में चेताया गया था, उन्होंने इसमें खासा सुधार किया है)
शिकायतें मिल रही हैं
हां, कुछ जिलों में सुनवाई ठीक ढंग से नहीं हो रही है। इसकी शिकायतें लगातार मिल रही हैं। ऎसे में राज्य सरकार की ओर से कड़े नोटिस जारी किए गए हैं।
बन्नालाल, निदेशक-प्रशासनिक सुधार विभाग
जयपुर। जनता को सुनवाई के अधिकार के क्रियान्वयन को लेकर मिली शिकायतों और जांच के आधार पर मुख्य सचिव सी.के. मैथ्यू ने बाड़मेर कलेक्टर भानु प्रकाश एटूरू सहित 14 जिला कलक्टरों को कारण बताओ नोटिस दिए हैं।हमने इस वेब न्यूज़ पर बाड़मेर कलेक्टर की कार्यशैली पर कड़ी तिपनियो के साथ लिखा था। सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर को नोटिस थमा दिया।
मैथ्यू ने कड़े मोबाइल मैसेज भी भेजे हैं। पांच कलक्टरों को सराहना पत्र भी भेजे गए हैं। नोटिस में कलक्टरों को कहा गया है कि उन्होंने राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप जन सुनवाई के अधिकार और उसके तहत होने वाली गतिविधियों पर ध्यान नहीं दिया। प्रशासनिक सुधार विभाग को लगातार जन सुनवाई के संबंध में शिकायतें मिल रही हैं।
इसलिए इस बारे में कारण सहित स्थिति स्पष्ट करें। सुनवाई का अधिकार कानून 1 अगस्त, 2012 को लागू हुआ और 20 अप्रेल, 2013 को सुनवाई केन्द्र बनाए गए।
इनसे पूछा बताओ कारण
टी. रविकांत (जयपुर)
भानुप्रकाश एटरू (बाड़मेर)
नीरज के. पवन (भरतपुर)
जोगाराम (कोटा)
कुमार पाल गौतम (धौलपुर)
धर्मेन्द्र भटनागर (श्रीगंगानगर)
लालचंद असवाल (टोंक)
अम्बरीश कुमार (पाली)
विक्रम सिंह चौहान (डूंगरपुर)
आनंधी (बूंदी)
सुमति लाल बोहरा (बारां)
एस. एस. सोहता (सीकर)
नारायण लाल मीणा (जैसलमेर)
रतन लाहोटी (प्रतापगढ़)
ऎसी आ रही हैं शिकायतें
सुनवाई सामूहिक रूप से खुली चर्चा में होना अनिवार्य है, लेकिन अधिकारी अक्सर एक-एक व्यक्ति को बुलाकर सुनवाई करते हैं।
सुनवाई नियमित रूप से नहीं हो रही है।
कुछ अधिकारी ग्रामीणों से अंग्रेजी में बात कहते या लिख कर दे देते हैं (उदयपुर जिले के वल्लभनगर-कोटड़ा क्षेत्र में)
निर्णय करके अवगत करवाना जरूरी होता है, लेकिन निर्णय नहीं किए जा रहे, सुनवाई केन्द्र नियमित रूप से खुलते ही नहीं हैं
लाल, पीली, सफेद रसीद के बिना सुनवाई संभव नहीं। लेकिन कई केन्द्रों पर यह रसीदें हैं ही नहीं
मुख्य सचिव व प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से विभिन्न पत्र भेजे गए, लेकिन सुधार नहीं हुआ।
इन्हें मिली सराहना
प्रीतम बी. यशवंत (राजसमंद)
आर. एस. जाखड़ (अलवर)
पी. सी. किशन (हनुमानगढ़)
ओंकार सिंह (भीलवाड़ा)
वैभव गालरिया (अजमेर)
(इनमें अजमेर
व भीलवाड़ा के कलक्टरों को फरवरी-13 में चेताया गया था, उन्होंने इसमें खासा सुधार किया है)
शिकायतें मिल रही हैं
हां, कुछ जिलों में सुनवाई ठीक ढंग से नहीं हो रही है। इसकी शिकायतें लगातार मिल रही हैं। ऎसे में राज्य सरकार की ओर से कड़े नोटिस जारी किए गए हैं।
बन्नालाल, निदेशक-प्रशासनिक सुधार विभाग
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