जोधपुर। नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में भागे-भागे फिर रहे कथावाचक आसाराम की लुकाछुपी का खेल शनिवार को खत्म हो गया। शनिवार रात 12.25 बजे जोधपुर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। आसाराम को गिरफ्तार करने से पहले आश्रम पर भारी तादाद में पुलिस बल तैनात कर लिया गया था।
प्रशासन ने एहतियातन एम्बुलेंस भी बुला रखी थी। जोधपुर पुलिस जब आसाराम को गाड़ी से लेकर बाहर निकली तो आसाराम समर्थकों ने विरोध किया। हालांकि पुलिस बल के आगे उनकी एक न चली। आसाराम के जाने के बाद समर्थकों ने आश्रम से पथराव शुरू कर दिया, जो देर रात तक जारी रहा।
इससे पहले, शुक्रवार को भोपाल से भाग कर आए आसाराम शनिवार को दिनभर इंदौर के खंडवा रोड स्थित आश्रम में दुबके रहे। हालांकि उनकी उपस्थिति को लेकर शनिवार दोपहर तक ऊहापोह की स्थिति थी। उनके इंदौर से लेकर रतलाम तक छुपे होने की बात कही जा रही थी।
इधर, आश्रम पर भी सुबह से हंगामे की स्थिति बनी हुई थी। आसाराम के हजार से अधिक समर्थक आश्रम के अंदर मौजूद थे। अंदर पूजा, यज्ञ और भजन का दौर जारी था, जबकि गेट के बाहर पुलिस के 500 से अधिक जवान डेरा डाले हुए थे। शाम करीब 4.45 बजे आसाराम के बेटे नारायण सांई ने खुलासा किया कि आसाराम आश्रम में ही हैं और बीमार है।
नारायण सांई ने कहा, "हम कहीं भाग नहीं रहे हैं, हम जोधपुर पुलिस का पूरा सहयोग करेंगे।" शाम को कलेक्टर और डीआईजी भी आश्रम पहुंचे। रात करीब 8 बजे जोधपुर पुलिस की एक टीम आश्रम पहुंची। टीम में दो महिला पुलिसकर्मी भी शामिल थीं। जोधपुर पुलिस के अंदर जाने के बाद करीब 8.45 बजे आसाराम के प्रवचन शुरू हो गए। प्रवचन के बाद कुछ देर के लिए जोधपुर पुलिस से बात कर आसाराम फिर कुटिया में चले गए। रात 11 बजे आसाराम से फिर पूछताछ शुरू हुई।
आसाराम के जवाबों से संतुष्ट न होने पर रात 12.25 बजे आसाराम को जोधपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस आसाराम को लेकर आश्रम से सीधा इंदौर एयरपोर्ट पहुंची। माना जा रहा है कि पुलिस उन्हें सुबह 7.45 बजे की फ्लाइट से जोधपुर ले जाएगी। ऎसी भी खबर है कि जरूरत पड़ने पर एयरपोर्ट पर आसाराम की मेडिकल जांच की जा सकती है।
पीडिता के पिता ने तोड़ा अनशन
पीडिता के परिजन आसाराम की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शाहजहांपुर कलेक्ट्रेट में शनिवार को अनशन पर बैठ गए थे। उनके साथ कुछ रिश्तेदार और स्थानीय लोग भी थे। पीडिता के पिता ने कहा था कि जब तक आसाराम की गिरफ्तारी नहीं हो जाती तब तक उनका अनशन जारी रहेगा। शनिवार देर रात आसाराम के गिरफ्तार हो जाने के बाद उन्होंने जूस पीकर अपना अनशन तोड़ दिया।
कयासबाजियों का दौर चला
शुक्रवार को भोपाल से भागे आसाराम को लेकर शनिवार दोपहर तक भ्रम की स्थिति बनी रही। उनके इंदौर से लेकर रतलाम तक छुपे होने की बात कही जा रही थी। हालांकि, खंडवा रोड स्थित आश्रम पर भी सुबह से हंगामे की स्थिति बनी हुई थी। आसाराम के हजार से अधिक समर्थक आश्रम के अंदर मौजूद थे। अंदर पूजा, यज्ञ और भजन का दौर जारी था, जबकि गेट के बाहर पुलिस के 500 से अधिक जवान डेरा डाले हुए थे।
रास्ते में लेट गए थे समर्थक
शनिवार रात पुलिस की गाडियां जब आसाराम के आश्रम के गेट के अंदर आ गई, तो आसाराम की गिरफ्तारी की आशंका के चलते उनके 250 से अधिक समर्थक आश्रम की सड़क पर लेट गए थे। देर रात पुलिस ने समर्थकों को सड़क से हटाकर मौके पर एक एम्बुलेंस लगा दी थी।
कलक्टर-आईजी भी पहुंचे
शाम करीब 4.45 बजे आसाराम के बेटे नारायण साई ने खुलासा किया था कि आसाराम आश्रम में ही हैं और बीमार है। नारायण साई ने पहले कहा था, "हम कहीं भाग नहीं रहे हैं, हम जोधपुर पुलिस का पूरा सहयोग करेंगे।" इससे पहले शाम को कलक्टर और डीआईजी भी आश्रम पहुंचे।
हमला फासीवादी कदम
आसाराम मामले में पुलिस अपना काम करेगी। आसाराम ध्यान बंटाने के लिए सोनिया गांधी का नाम ले रहे हैं। पत्रकारों पर हमला फासीवादी कदम है। -अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री
जोधपुर में आसाराम समर्थकों की गुंडागर्दी
जोधपुर में आसाराम के आश्रम के बाहर बड़ी तादाद में उनके समर्थक जमा हो गए। आश्रम से बाहर आसाराम समर्थकों के हमले में चार मीडियाकर्मी घायल हो गए। बोरानाडा थाना पुलिस ने जानलेवा हमला और डकैती का मामला दर्ज कर महिला सहित तेरह समर्थकों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आश्रम में जमा विभिन्न शहरों से आए पांच सौ समर्थकों को निकालकर घर रवाना किया।
मात्र एक-डेढ़ दर्जन संचालक को छोड़ आश्रम को खाली करवा लिया गया। प्रकरण में आरोपी आसाराम का सेवादार शिवा निर्घारित समयावधि से दो दिन बाद शनिवार दोपहर अधिवक्ता के साथ डीसीपी कार्यालय पेश हुआ। बाद में उसे हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए किसी अज्ञात स्थान पर ले जाया गया।
मीडियाकर्मियों पर हमला, पुलिस ने खाली कराया आश्रम
आसाराम समर्थकों द्वारा जोधपुर में आसाराम के आश्रम के बाहर मीडियाकर्मियों पर हमले के बाद पाल गांव के ग्रामीणों ने आसाराम के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। मीडियाकर्मियों पर हमले के बाद डीसीपी अजयपाल लाम्बा, एडीसीपी केसरसिंह शेखावत भारी पुलिस जाप्ता के साथ वहां पहुंचे और आश्रम को खाली करवाने के निर्देश दिए। पुलिस के सख्त रवैये को देखते हुए समर्थक पिछले रास्ते से सिटी बस व कारों से गंतव्य के लिए रवाना हो गए। दोपहर तक चार-पांच सौ समर्थक वहां से निकल गए। मात्र एक-डेढ़ दर्जन संचालक आश्रम में मौजूद हैं।
इससे पहले एक न्यूज चैनल के पत्रकार जयपुर निवासी भवानीसिंह अपने कैमरामैन श्यामसिंह व चालक मनीष जुल्का के साथ कवरेज के लिए आश्रम पहुंचे। उन्हें देख आश्रम में जमा पुरूष व महिला समर्थक बाहर आए और हाथापाई व फिर मारपीट करने लगे। तीनों की पिटाई के बाद समर्थकों ने पथराव किया। भवानीसिंह, श्यामसिंह व मनीष घायल हो गए।
आवाज सुनकर पास के एक मकान में बैठे एक अन्य पत्रकार प्रदीप जोशी वहां पहुंचे, तो महिलाओं ने उसके साथ भी मारपीट की। पुलिस ने चारों घायलों को पाल रोड स्थित एक निजी अस्पताल पहुंचाया, जहां सिर में चोट के कारण श्यामसिंह को आईसीयू में भर्ती किया गया है। जबकि शेष चारों को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। भवानीसिंह की रिपोर्ट पर जानलेवा हमला व डकैती का मामला दर्ज किया गया है।
आसाराम पर मानहानि का वाद दायर -
नाबालिग से दुष्कर्म मामले में खुद को आरोपी बनाए जाने के पीछे मैडम (सोनिया गांधी) और उनके पुत्र (राहुल गांधी) का हाथ बताने वाले आसाराम के बयान पर शैलेंद्र द्विवेदी ने शनिवार को प्रथण श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी की कोर्ट में परिवाद दायर किया।
द्विवेदी का कहना है, नाबालिग ने दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज करवाई और धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराए हैं। परिवाद में आसाराम के खिलाफ मानहानि के साथ धार्मिक उन्माद भड़काने का आरोप भी है। इस पर सुनवाई 19 सितंबर को होगी। बताया जाता है कि गुजरात, राजस्थान, दिल्ली समेत अन्य स्थानों पर लोग आसाराम के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं। पुलिस अधिकारियों की तेज गतिविधियों से आसाराम के जल्द गिरफ्तारी होने की संभावना से भी हलचल मची हुई है।
प्रशासन ने एहतियातन एम्बुलेंस भी बुला रखी थी। जोधपुर पुलिस जब आसाराम को गाड़ी से लेकर बाहर निकली तो आसाराम समर्थकों ने विरोध किया। हालांकि पुलिस बल के आगे उनकी एक न चली। आसाराम के जाने के बाद समर्थकों ने आश्रम से पथराव शुरू कर दिया, जो देर रात तक जारी रहा।
इससे पहले, शुक्रवार को भोपाल से भाग कर आए आसाराम शनिवार को दिनभर इंदौर के खंडवा रोड स्थित आश्रम में दुबके रहे। हालांकि उनकी उपस्थिति को लेकर शनिवार दोपहर तक ऊहापोह की स्थिति थी। उनके इंदौर से लेकर रतलाम तक छुपे होने की बात कही जा रही थी।
इधर, आश्रम पर भी सुबह से हंगामे की स्थिति बनी हुई थी। आसाराम के हजार से अधिक समर्थक आश्रम के अंदर मौजूद थे। अंदर पूजा, यज्ञ और भजन का दौर जारी था, जबकि गेट के बाहर पुलिस के 500 से अधिक जवान डेरा डाले हुए थे। शाम करीब 4.45 बजे आसाराम के बेटे नारायण सांई ने खुलासा किया कि आसाराम आश्रम में ही हैं और बीमार है।
नारायण सांई ने कहा, "हम कहीं भाग नहीं रहे हैं, हम जोधपुर पुलिस का पूरा सहयोग करेंगे।" शाम को कलेक्टर और डीआईजी भी आश्रम पहुंचे। रात करीब 8 बजे जोधपुर पुलिस की एक टीम आश्रम पहुंची। टीम में दो महिला पुलिसकर्मी भी शामिल थीं। जोधपुर पुलिस के अंदर जाने के बाद करीब 8.45 बजे आसाराम के प्रवचन शुरू हो गए। प्रवचन के बाद कुछ देर के लिए जोधपुर पुलिस से बात कर आसाराम फिर कुटिया में चले गए। रात 11 बजे आसाराम से फिर पूछताछ शुरू हुई।
आसाराम के जवाबों से संतुष्ट न होने पर रात 12.25 बजे आसाराम को जोधपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस आसाराम को लेकर आश्रम से सीधा इंदौर एयरपोर्ट पहुंची। माना जा रहा है कि पुलिस उन्हें सुबह 7.45 बजे की फ्लाइट से जोधपुर ले जाएगी। ऎसी भी खबर है कि जरूरत पड़ने पर एयरपोर्ट पर आसाराम की मेडिकल जांच की जा सकती है।
पीडिता के पिता ने तोड़ा अनशन
पीडिता के परिजन आसाराम की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शाहजहांपुर कलेक्ट्रेट में शनिवार को अनशन पर बैठ गए थे। उनके साथ कुछ रिश्तेदार और स्थानीय लोग भी थे। पीडिता के पिता ने कहा था कि जब तक आसाराम की गिरफ्तारी नहीं हो जाती तब तक उनका अनशन जारी रहेगा। शनिवार देर रात आसाराम के गिरफ्तार हो जाने के बाद उन्होंने जूस पीकर अपना अनशन तोड़ दिया।
कयासबाजियों का दौर चला
शुक्रवार को भोपाल से भागे आसाराम को लेकर शनिवार दोपहर तक भ्रम की स्थिति बनी रही। उनके इंदौर से लेकर रतलाम तक छुपे होने की बात कही जा रही थी। हालांकि, खंडवा रोड स्थित आश्रम पर भी सुबह से हंगामे की स्थिति बनी हुई थी। आसाराम के हजार से अधिक समर्थक आश्रम के अंदर मौजूद थे। अंदर पूजा, यज्ञ और भजन का दौर जारी था, जबकि गेट के बाहर पुलिस के 500 से अधिक जवान डेरा डाले हुए थे।
रास्ते में लेट गए थे समर्थक
शनिवार रात पुलिस की गाडियां जब आसाराम के आश्रम के गेट के अंदर आ गई, तो आसाराम की गिरफ्तारी की आशंका के चलते उनके 250 से अधिक समर्थक आश्रम की सड़क पर लेट गए थे। देर रात पुलिस ने समर्थकों को सड़क से हटाकर मौके पर एक एम्बुलेंस लगा दी थी।
कलक्टर-आईजी भी पहुंचे
शाम करीब 4.45 बजे आसाराम के बेटे नारायण साई ने खुलासा किया था कि आसाराम आश्रम में ही हैं और बीमार है। नारायण साई ने पहले कहा था, "हम कहीं भाग नहीं रहे हैं, हम जोधपुर पुलिस का पूरा सहयोग करेंगे।" इससे पहले शाम को कलक्टर और डीआईजी भी आश्रम पहुंचे।
हमला फासीवादी कदम
आसाराम मामले में पुलिस अपना काम करेगी। आसाराम ध्यान बंटाने के लिए सोनिया गांधी का नाम ले रहे हैं। पत्रकारों पर हमला फासीवादी कदम है। -अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री
जोधपुर में आसाराम समर्थकों की गुंडागर्दी
जोधपुर में आसाराम के आश्रम के बाहर बड़ी तादाद में उनके समर्थक जमा हो गए। आश्रम से बाहर आसाराम समर्थकों के हमले में चार मीडियाकर्मी घायल हो गए। बोरानाडा थाना पुलिस ने जानलेवा हमला और डकैती का मामला दर्ज कर महिला सहित तेरह समर्थकों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आश्रम में जमा विभिन्न शहरों से आए पांच सौ समर्थकों को निकालकर घर रवाना किया।
मात्र एक-डेढ़ दर्जन संचालक को छोड़ आश्रम को खाली करवा लिया गया। प्रकरण में आरोपी आसाराम का सेवादार शिवा निर्घारित समयावधि से दो दिन बाद शनिवार दोपहर अधिवक्ता के साथ डीसीपी कार्यालय पेश हुआ। बाद में उसे हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए किसी अज्ञात स्थान पर ले जाया गया।
मीडियाकर्मियों पर हमला, पुलिस ने खाली कराया आश्रम
आसाराम समर्थकों द्वारा जोधपुर में आसाराम के आश्रम के बाहर मीडियाकर्मियों पर हमले के बाद पाल गांव के ग्रामीणों ने आसाराम के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। मीडियाकर्मियों पर हमले के बाद डीसीपी अजयपाल लाम्बा, एडीसीपी केसरसिंह शेखावत भारी पुलिस जाप्ता के साथ वहां पहुंचे और आश्रम को खाली करवाने के निर्देश दिए। पुलिस के सख्त रवैये को देखते हुए समर्थक पिछले रास्ते से सिटी बस व कारों से गंतव्य के लिए रवाना हो गए। दोपहर तक चार-पांच सौ समर्थक वहां से निकल गए। मात्र एक-डेढ़ दर्जन संचालक आश्रम में मौजूद हैं।
इससे पहले एक न्यूज चैनल के पत्रकार जयपुर निवासी भवानीसिंह अपने कैमरामैन श्यामसिंह व चालक मनीष जुल्का के साथ कवरेज के लिए आश्रम पहुंचे। उन्हें देख आश्रम में जमा पुरूष व महिला समर्थक बाहर आए और हाथापाई व फिर मारपीट करने लगे। तीनों की पिटाई के बाद समर्थकों ने पथराव किया। भवानीसिंह, श्यामसिंह व मनीष घायल हो गए।
आवाज सुनकर पास के एक मकान में बैठे एक अन्य पत्रकार प्रदीप जोशी वहां पहुंचे, तो महिलाओं ने उसके साथ भी मारपीट की। पुलिस ने चारों घायलों को पाल रोड स्थित एक निजी अस्पताल पहुंचाया, जहां सिर में चोट के कारण श्यामसिंह को आईसीयू में भर्ती किया गया है। जबकि शेष चारों को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। भवानीसिंह की रिपोर्ट पर जानलेवा हमला व डकैती का मामला दर्ज किया गया है।
आसाराम पर मानहानि का वाद दायर -
नाबालिग से दुष्कर्म मामले में खुद को आरोपी बनाए जाने के पीछे मैडम (सोनिया गांधी) और उनके पुत्र (राहुल गांधी) का हाथ बताने वाले आसाराम के बयान पर शैलेंद्र द्विवेदी ने शनिवार को प्रथण श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी की कोर्ट में परिवाद दायर किया।
द्विवेदी का कहना है, नाबालिग ने दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज करवाई और धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराए हैं। परिवाद में आसाराम के खिलाफ मानहानि के साथ धार्मिक उन्माद भड़काने का आरोप भी है। इस पर सुनवाई 19 सितंबर को होगी। बताया जाता है कि गुजरात, राजस्थान, दिल्ली समेत अन्य स्थानों पर लोग आसाराम के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं। पुलिस अधिकारियों की तेज गतिविधियों से आसाराम के जल्द गिरफ्तारी होने की संभावना से भी हलचल मची हुई है।
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