इस्लामाबाद।। पाकिस्तान के बलूचिस्तान में आए भूकंप से अब भारी जान-माल के नुकसान की खबरें आ रही हैं। 7.7 तीव्रता के इस भूकंप से बलूचिस्तान के अवारान जिले में 39 लोगों की मौत हो गई है, जबकि इलाके के करीब 30 फीसदी घर तबाह हो गए हैं। मरने वालों की तादाद बढ़ने की आशंका है।
बलूचिस्तान असेंबली के डेप्युटी स्वीकर अब्दुल कदूस ने बताया कि भूकंप से प्रभावित इलाकों से खबरें आने में वक्त लग रहा है। उनके मुताबिक बलूचिस्तान के अवारन जिले से मिली जानकारी के मुताबिक कम से कम 39 लोगों के मारे जाने की आशंका है। बड़े पैमाने पर घरों के गिरने की भी खबर है। गौरतलब है कि 7.7 तीव्रता के इस भूकंप का केंद्र बलूचिस्तान में जमीन से 10 किलोमीटर अंदर था।
बलूचिस्तान में आए तेज भूंकप ने दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत को भी हिला दिया था। भूकंप इतना तगड़ा था कि भारत में भी दो मिनट तक इसके झटके महसूस किए गए। हालांकि भारत के किसी इलाके से जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।पाकिस्तान के मुख्य मौसम विज्ञानी मोहम्मद रियाज ने बताया कि इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.7 थी। उन्होंने बताया कि भूकंप का केंद्र बलूचिस्तान के खुजदार इलाके में जमीन से 10 किलोमीटर अंदर था। वहीं पाकिस्तान के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान निगरानी केंद्र के डायरेक्टर जाहिद रफी ने बताया कि बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा तथा कुछ दूसरे इलाकों में भूकंप की तीव्रता बहुत ज्यादा थी। रफी ने कहा, जाफराबाद, नोसखी, कालत, विंडर, नसीराबाद, फुंजगुर तथा मस्तुंग भूकंप से प्रभावित हुए हैं। कराची, हैदराबाद, खैरपुर तथा लरकाना में झटके महूसस किए गए।
7.7 तीव्रता का भूकंप काफी तेज माना जाता है। भारत के मुकाबले पाकिस्तान में भूकंप के ज्यादा तेज झटके महसूस किए गए। लोग दहशत में घरों से बाहर निकल आए। कराची के चुंदरीगढ़ रोड इलाके के लोगों में अफरा-तफरी मच गई। शहर में सबसे पहले इसी इलाके में भूकंप का झटका महसूस किया गया। बैंकर समीरा ने कहा, मैं जिस कुर्सी पर बैठी हुई थी, वह हिलने लगी और लोग भूकंप-भूकंप कहकर चीखने लगे। हम तत्काल अपनी इमारत से बाहर आ गए। कराची के क्लिफ्टन, डिफेंस, गुलशन-ए-इकबाल, बहादुराबाद इलाकों के लोग भी अपने घरों एवं दफ्तरों से बाहर निकल गए।
पाकिस्तान के टीवी चैनलों पर लोगों को घर और ऑफिस के बाहर दहशत में खड़े देखा गया। बलूचिस्तान में 2011 में भी 7.22 तीव्रता का तगड़ा भूकंप आया था। तब इतना नुकसान नहीं हुआ था। ईरान में इस साल अप्रैल को 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 35 लोगों की जान चली गई थी।
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