पोकरण। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की जोधपुर टीम ने रविवार को रामदेवरा मे कार्रवाई करते हुए एक पुलिस कांस्टेबल और उसके सहयोगी को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपी कांस्टेबल महावीरसिंह भाटी को तीन हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया।
एसीबी चौकी के निरीक्षक लक्ष्मणसिंह चौधरी ने बताया कि रामदेवरा निवासी व्यवसायी भंवरलाल विश्Aोई ने 21 अगस्त मामला दर्ज कराया था। इसमें बताया गया कि उसकी रामदेवरा में बाबा रामदेव मंदिर के पास दुकान है। जिसका काउंटर दुकान से बाहर लगा हुआ है। इस काउंटर को हटाने के लिए पुलिस कांस्टेबल महावीरसिंह भाटी उसे बार-बार परेशान करता। साथ ही काउंटर को दुकान से बाहर रखने की एवज में सात हजार रूपए की रिश्वत देने की मांग करता। उन्होंने बताया कि उसी दिन परिवादी की शिकायत पर एसीबी की टीम ने सत्यापन किया। सत्यापन के दौरान महावीरसिंह ने चार रूपए परिवादी से बतौर रिश्वत लिए तथा तीन हजार रूपए दूसरे दिन देने के लिए कहा। एसीबी की टीम दूसरे दिन 22 अगस्त को भी कार्रवाई के लिए रामदेवरा पहुंची, लेकिन उस दिन कांस्टेबल महावीरसिंह मुख्यालय से बाहर चला गया तथा परिवादी को कहा कि बाकि राशि वो और कभी ले लेंगे।
रविवार को रिश्वत की बकाया राशि की कांस्टेबल ने मांग की। इस पर परिवादी ने एसीबी को सूचित किया। एसीबी की टीम रविवार को रामदेवरा पहुंची। गांव के एक रेस्टोरेंट में राशि लेनदेन की बात हुई। इस पर परिवादी विश्Aोई चार हजार रूपए लेकर वहां पहुंचा। यहां पूर्व में काउंटर पर खड़े कांस्टेबल महावीरसिंह ने चार हजार रूपए परिवादी से ले लिए और यह राशि काउंटर पर खड़े भोजनालय के मालिक भोमसिंह तंवर को सुपुर्द की। इसी दौरान एसीबी की टीम ने कांस्टेबल व भोजनालय के मालिक तंवर को रिश्वत की राशि सहित रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
एसीबी की टीम ने पोकरण पहुंचकर कार्रवाई की पूर्ण
रामदेवरा में भीड़ हो जाने के बाद एसीबी की टीम आरोपी कांस्टेबल भाटी व रेस्टोरेंट मालिक तंवर एवं परिवादी भंवरलाल विश्Aोई को लेकर पोकरण पुलिस थाने पहुंची। यहां उन्होंने दो सरकारी गवाहों के समक्ष सभी के बयान लिए तथा कार्रवाई को रिकॉर्ड में लेकर कार्रवाई की।
रामदेवरा में मचा हड़कंप
एसीबी की कार्रवाई की सूचना मिलते ही रेस्टोरेंट के बाहर ग्रामीणों की भीड़ लग गई। सभी एसीबी की कार्रवाई से हैरान और दंग रह गए। गौरतलब है कि 28 मई को गांव में एसीबी की टीम ने रामदेवरा हल्का पटवारी को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। इसी प्रकार छह जुलाई को एसीबी जैसलमेर की टीम ने भ्रष्टाचार व अनियमितताओं की शिकायत पर ग्राम पंचायत पर छापा मारकर उसका रिकॉर्ड सीज किया था।
एसीबी चौकी के निरीक्षक लक्ष्मणसिंह चौधरी ने बताया कि रामदेवरा निवासी व्यवसायी भंवरलाल विश्Aोई ने 21 अगस्त मामला दर्ज कराया था। इसमें बताया गया कि उसकी रामदेवरा में बाबा रामदेव मंदिर के पास दुकान है। जिसका काउंटर दुकान से बाहर लगा हुआ है। इस काउंटर को हटाने के लिए पुलिस कांस्टेबल महावीरसिंह भाटी उसे बार-बार परेशान करता। साथ ही काउंटर को दुकान से बाहर रखने की एवज में सात हजार रूपए की रिश्वत देने की मांग करता। उन्होंने बताया कि उसी दिन परिवादी की शिकायत पर एसीबी की टीम ने सत्यापन किया। सत्यापन के दौरान महावीरसिंह ने चार रूपए परिवादी से बतौर रिश्वत लिए तथा तीन हजार रूपए दूसरे दिन देने के लिए कहा। एसीबी की टीम दूसरे दिन 22 अगस्त को भी कार्रवाई के लिए रामदेवरा पहुंची, लेकिन उस दिन कांस्टेबल महावीरसिंह मुख्यालय से बाहर चला गया तथा परिवादी को कहा कि बाकि राशि वो और कभी ले लेंगे।
रविवार को रिश्वत की बकाया राशि की कांस्टेबल ने मांग की। इस पर परिवादी ने एसीबी को सूचित किया। एसीबी की टीम रविवार को रामदेवरा पहुंची। गांव के एक रेस्टोरेंट में राशि लेनदेन की बात हुई। इस पर परिवादी विश्Aोई चार हजार रूपए लेकर वहां पहुंचा। यहां पूर्व में काउंटर पर खड़े कांस्टेबल महावीरसिंह ने चार हजार रूपए परिवादी से ले लिए और यह राशि काउंटर पर खड़े भोजनालय के मालिक भोमसिंह तंवर को सुपुर्द की। इसी दौरान एसीबी की टीम ने कांस्टेबल व भोजनालय के मालिक तंवर को रिश्वत की राशि सहित रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
एसीबी की टीम ने पोकरण पहुंचकर कार्रवाई की पूर्ण
रामदेवरा में भीड़ हो जाने के बाद एसीबी की टीम आरोपी कांस्टेबल भाटी व रेस्टोरेंट मालिक तंवर एवं परिवादी भंवरलाल विश्Aोई को लेकर पोकरण पुलिस थाने पहुंची। यहां उन्होंने दो सरकारी गवाहों के समक्ष सभी के बयान लिए तथा कार्रवाई को रिकॉर्ड में लेकर कार्रवाई की।
रामदेवरा में मचा हड़कंप
एसीबी की कार्रवाई की सूचना मिलते ही रेस्टोरेंट के बाहर ग्रामीणों की भीड़ लग गई। सभी एसीबी की कार्रवाई से हैरान और दंग रह गए। गौरतलब है कि 28 मई को गांव में एसीबी की टीम ने रामदेवरा हल्का पटवारी को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। इसी प्रकार छह जुलाई को एसीबी जैसलमेर की टीम ने भ्रष्टाचार व अनियमितताओं की शिकायत पर ग्राम पंचायत पर छापा मारकर उसका रिकॉर्ड सीज किया था।
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