द हेग। लड़कियों की पढाई और उनके हक की आवाज उठाने के कारण तालिबान के निशाने पर आई पाकिस्तान की मलाला यूसुफजाई को बच्चों को दिए जाने वाले प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय शांति पुरस्कार के लिए चुना गया है। यह जानकारी किड्स राइट्स ने मंगलवार को दी।
मलाला (16) को यह पुरस्कार 6 सितंबर को नीदरलैंडस की राजधानी द हेग में 2011 की नोबेल शांति पुरस्कार विजेता तवक्कल कारमान एक शानदार समारोह मे देंगी। पुरस्कार के साथ उसे एक लाख यूरो राशि भी दी जाएगी।
किड्स राइट्स ने जारी एक वक्तव्य में कहा कि मलाला ने अपनी जिंदगी खतरे में डालकर दुनियाभर में लड़कियो की शिक्षा के लिए आवाज उठाई। गौरतलब है कि पिछले साल तालिबान ने पाकिस्तान की स्वात घाटी में मलाला को उसके घर के पास सिर में गोली मार दी थी जब वह स्कूल से लौट रहे थी।
पाकिस्तान सरकार ने उसकी जान बचाने के लिए ब्रिटेन भेज दिया था जहां मलाला वर्तमान में रह रही है। ठीक होने के बाद मलाला द्वारा संयुक्त राष्ट्र में जुलाई में दिए गए भाषण के बाद से वह नोबेल शांति पुरस्कार की प्रबल दावेदारों में से एक है।
वहीं, पाकिस्तान में लोगों से उसे मिश्रित प्रक्रिया मिल रही है। जहां कई लोग उसे राष्ट्रीय नायिका बता रहे हैं, तो कई पश्चिमी विचारों को बढ़ावा देने के लिए उसकी आलोचना कर रहे हैं।
मलाला (16) को यह पुरस्कार 6 सितंबर को नीदरलैंडस की राजधानी द हेग में 2011 की नोबेल शांति पुरस्कार विजेता तवक्कल कारमान एक शानदार समारोह मे देंगी। पुरस्कार के साथ उसे एक लाख यूरो राशि भी दी जाएगी।
किड्स राइट्स ने जारी एक वक्तव्य में कहा कि मलाला ने अपनी जिंदगी खतरे में डालकर दुनियाभर में लड़कियो की शिक्षा के लिए आवाज उठाई। गौरतलब है कि पिछले साल तालिबान ने पाकिस्तान की स्वात घाटी में मलाला को उसके घर के पास सिर में गोली मार दी थी जब वह स्कूल से लौट रहे थी।
पाकिस्तान सरकार ने उसकी जान बचाने के लिए ब्रिटेन भेज दिया था जहां मलाला वर्तमान में रह रही है। ठीक होने के बाद मलाला द्वारा संयुक्त राष्ट्र में जुलाई में दिए गए भाषण के बाद से वह नोबेल शांति पुरस्कार की प्रबल दावेदारों में से एक है।
वहीं, पाकिस्तान में लोगों से उसे मिश्रित प्रक्रिया मिल रही है। जहां कई लोग उसे राष्ट्रीय नायिका बता रहे हैं, तो कई पश्चिमी विचारों को बढ़ावा देने के लिए उसकी आलोचना कर रहे हैं।
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