बुधवार, 7 अगस्त 2013

'बेटियां बनें ब्रांड एम्बेंसडर, अभियान को पहुंचाएं घर-घर

''बेटियां बनें ब्रांड एम्बेंसडर, अभियान को पहुंचाएं घर-घर

-पधारो म्हारी लाडो जागरूकता महाअभियान के तहत नवोदय विधालय पचपदरा में हुआ कार्यक्रम का आयोजन


बाडमेर। परिवार, समाज और देश आज बेटियों से ही चल रहा है और बेटियां बखूबी अपने माता-पिता का नाम रोशन कर रहीे हैं। हमारी बेटियां भी अब राष्ट्रस्तर पर परचम फहराने लगी हैं। यानी बेटियां बेटों से कम नहीं है, इसलिए सभी बेटियों को चािहए कि वे अधिकाधिक शिक्षित होकर समाज व परिवार का नाम रोशन करें। यही नहीं बेटियों को चाहिए कि वे बेटियों के इस अभियान की ब्र्रांड एम्बेंसडर बनकर अभियन के उददेश्यों को घर-घर पहुंंचाएं। ये विचार बुधवार को जिला प्रमुख मदनकौर ने व्यक्त किए, जो पचदपरा सिथत जवाहर नवोदय विधालय में विधार्थियों को संबोधित कर रही थीं। मौका था, पधारो म्हारी लाडो अभियान के तहत आयोजित जागरूकता कार्यक्रम का, जिसमें चौहटन पंचायत समिति प्रधान शमा बानो, बालोतरा पंचायत समिति प्रधान जमनादेवी, बालोतरा एसडीएम अयूब खान, विधालय के प्राचार्य डा. महबूब अली, उपप्राचार्या उषा किरण, केयर्न अधिकारी सुंदरराज नायडू बतौर अतिथि मौजूद थे। इस दौरान पांच बेटियों श्रद्धा, मोहिनी, चंपा, प्रियांशी व प्रतिभा का केक काटकर जन्मदिन मनाया गया और उन्हें उपहार भेंट किए। वहीं छात्रा रूप कंवर ने बेटी के जन्म पर प्रतिकात्मक थाली बजाकर बेटियाें के जन्म पर थाली बजाने का संदेश दिया।

विधार्थियों को संबोधित करते हुए चौहटन प्रधान शमा बानो ने कहा कि नवोदय के विधार्थी होनहार हैं और वे जिले के कोने-कोने से आए हुए हैं। इसलिए यदि सभी विधार्थी सकारात्मक रवैया अपनाते हुए अभियान को घर-घर पहुंचाने की ठान लें तो अभियान के बेहतरीन नतीजे आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि अभियान शुरू होने के बाद से अब तक आमजन में अच्छी जागरूकता आर्इ है और अभियान यदि आगे चलता रहा तो बाडमेर में और अधिक जागरूकता आएगी। उन्होंने कहा कि बिना जागरूकता बेटे-बेटियों के भेदभाव को नहीं रोका जा सकता। एसडीएम अयूब खान ने युवाओं को प्रेरित करते हुए देश के प्रतिषिठत प्रतिभाओं की जीवनी से रूबरू करवाया। उन्होेंने कहा कि इदिरा गांधी, मदर टेरेसा, कृष्णा पूनिया, कल्पना चावला, सुनिता विलियम्स, नंदा कोचर, प्रतिभा पाटिल वो सखिसयतें हैं जो बेटियों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं और हमारी बेटियों को इनसे प्रेरित होना चाहिए। बेटियों के गिरते लिंगानुपात पर चिंता जाहिर करते हुए विधालय के प्राचार्य डा. महबूब अली ने कहा कि हम किस कदर समाज बेटियों के जन्म से भयभीत हैं और यह कहीं न कहीं हमारी नकारात्मक सोच का दर्शाता है। जबकि आज बेटियां दिन-ब-दिन तरक्की कर रही हैं, देश-दुनिया में मां-बाप का नाम रोशन कर रही हैं। इसलिए हमें बेटियों को बेटे से कमतर नहंी आंकना चाहिए। उपप्राचार्य उषा किरण ने कहा कि एक सृजनिका को समाप्त होना जिन सामाजिक विकृतियों को आपको सौंपेगा, उनमें से एक होगी 'मानव संसाधनों की कमी, जिसकी भरपार्इ के लिए कोर्इ भी विज्ञान सक्षम नहीं होगा। बेटियांं अभिशाप नहीं, वरदान हैं और बेटी सृषिट का मूलाधार हैं। यही बेेटियां संस्कृति की संवाहक हैं और सभ्यता की पालनहार हैं। केयर्न अधिकारी सुदंर नायडू ने अभियान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 17 अक्टूबर 2012 से शुरू हुए इस अभियान के तहत अब ब्लाक स्तर पर कार्यक्रम करवाए जा रहे हैं और अब निरंतर रूप से विधालयों व महाविधालयों में भी कार्यक्रम आयोजित करवाए जाएंगे। उन्होेंने कहा कि यदि युवा पीढ़ी इस अभियान को लेकर सजग हो तो निशिचत ही बेटियां कोख में कत्ल होने से बचेंगी और बेटे-बेटियाें का भेदभाव निशिचत ही समाप्त होगा। कार्यक्रम के दौरान हेल्पेज इंडिया के केदार शर्मा, स्मार्इल फाउंडेशन के मूलचंद खींची, जिला आर्इर्इसी समन्वयक विनोद बिश्नोर्इ, नवोदय एल्यूमनी सुखराम प्रजापत, दिलीप गहलोत, बीडी चारण, डा. भरत सहारण आदि मौजूद थे। मंच संचालन डा. सुरेंद्रसिंह चौधरी ने किया। अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन नवोदय प्राचार्य ने किया।

अब स्कूल-कालेजों में होगे कार्यक्रम

केयर्न अधिकारी सुंदर नायडू ने बताया कि पधारो म्हारी लाडो अभियान के तहत अब ब्लाक स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। नवोदय विधालय में इस कार्यक्रम की शुरूआत के साथ ही अब जिले के अन्य विधालयों व महाविधालयों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। विधालयों में कार्यक्रम करने का मुख्य उददेश्य ये हैं कि युवा टीम इस कार्यक्रम को घर-घर पहुंचाने का काम करेंगी ताकि आमजन अधिकाधिक जागरूक हो सकें।

ये रहे विजेता

प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के दौरान नवोदय विधालय के विधार्थियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। जिसमें महिमा, अचली, निकिता, कांता, नीतू, अनुराधा, चंद्रकांता, नोजी, ज्योति, किरण, रूकसाना, किर्ती, स्वेता, श्रुती, उर्मीला, अनुराधा कुमारी, कमलेश, ज्योति कुमारी, खींवरी, कोमल और तनसुख, विकास कुमार, चंपालाल, उमेंद्र, रतनलाल, बुद्धाराम, लक्ष्मीनारायण, देवाराम, उम्मेदाराम, मनोहरलाल, आकाश, राजेंद्र कुमार, प्रवीण, वासुदेव, प्रतापाराम, चैनाराम आदि छात्र-छात्राएं विजेता रहें। सभी विजेताओं को अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया।

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