जो व्यकित गम खाता है वह गंभीर बनता है:- साध्वी प्रियरंजना
बाडमेर:- 09 अगस्त स्थानीय जिनकानितसागर श्री आराधना भवन में चातुर्मासिक विराजित साध्वीवर्या प्रखर व्याख्यात्री प्रियरंजनाश्री जी ने अपने प्रवचन में उपसिथत धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि गंभीर व्यकित ही धर्म को प्राप्त कर सकता है । क्षुद्र या तुच्छ व्यकित नही । गंभीर व्यकित वस्तु की गहरार्इ तक पहुच सकता है । आज इस गुण के अभाव में चारों तरफ संघर्ष के भंयकर तूफान खडे है । परिसिथति को वर्तमान के संदर्भ में रखकर निर्णय देने वाला अनेक आत्माओं का भंयकर अहित कर देता है । एक बुरार्इ अनेक प्रकार के अवगुणों को खींच कर लाती है । इस कारण लम्बे समय की मैत्री टूट जाती है । क्योंकि वह सामने वाले के दोषों को देखकर पचाना नही जानता है । अति हर्ष या अति खेद में सामने वाले के दोषों को कहीं कह देता है जिससे सामने वाले के दिल को दर्द दे देता है । दुर्भावों के कारण मैत्री टूट जाती है । सामान्य विषय में हर्ष या खेद को धारण करने से संसार में दुखी हुए बिना नही रहता है ।
क्षुद्रता का दोष यह है कि मामूली बातों में स्वयं ही हर्ष या खेद पैदा कर देता है । किसी ने आपका थोडा अपमान कर दिया तो आप अपना आपा खो देते है । इससे घर, परिवार व समाज में कलह का वातावरण पैदा होता है । सागर में अथाह पानी तथा सीपों को देखकर हम लोग खुश हो जाते है परन्तु गोताखोर सागर की गहरार्इ में रहे हुए मोती को देखकर खुश हो जाते है । जबकि सागर गंभीर होता है । इसी अनुरूप हमें भी हमारी गंभीरता का परिचय देना चाहिए ।
साध्वी डा प्रियदिव्यांजना ने कहा कि संसार सागर का सफर कर रहे प्राणियों के लिए सर्वप्रथम प्राप्त करने जैसा है तो वह है सम्यक तत्व का स्वीकार । सम्यक तत्व को हमारे महापुरूषों ने दीपक की उपमा दी है । हमें भी हमारे भीतर सम्यक का दीपक प्रज्जवलित करके रखना चाहिये ।
सम्यकत्व का सरल अर्थ है श्रद्धा । दुनिया में तत्व तो अनेक है किन्तु मुख्य तीन तत्व है देव तत्व , गुरू तत्व और धर्म तत्व । इन तीन तत्वों में दुनिया के सभी तत्वों का समावेश हो जाता है । इन तीन तत्वों दृढ श्रद्धा रखना सम्यक दर्शन कहलाता है ।
हमारे जीवन की वास्तविक सम्पति है तो वह है सुदेव, सुगुरू और सुधर्म है । इनके प्रति अनुराग होना आवश्यक है ।
आज के आयोजन
स्थानीय जिनकानितसागर श्री आराधना भवन में शनिवार को प्रात: 6.00 बजे से 7.00 बजे तक तत्वज्ञान व बोधज्ञान का स्वाध्याय , 9.00 बजे से 10.00 प्रवचन एवं दोपहर को 2.00 बजे से 4.00 बजे तक महिलाओं का शिविर आयोजित होंगा ।
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