रविवार, 11 अगस्त 2013

सूंघकर गर्भाशय के कैंसर का पता लगा लेगा कुत्ता



इंसानों का सबसे वफादार साथी कहा जाने वाला कुत्ता अब महिलाओं में गर्भाशय के कैंसर का भी 100 फीसदी सटीक ढंग से पता लगा सकता है. एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने यह दावा किया है.

शोधकर्ताओं के अनुसार लैब्राडोर प्रजाति के ओहलिन फ्रैंक नामक कुत्ते को कैमिकल कंपाउंड के जरिए इस तरह से प्रशिक्षित किया गया कि वह गर्भाशय के कैंसर के उत्तकों का 100 फीसदी पता लगाने में सक्षम हो गया.
लैब्राडोर कुत्ता
फ्रैंक और उसके साथी मैकबैनी चम्बरलैन नाम के दूसरे कुत्ते को यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवानिया की प्रयोगशाला में प्रशिक्षित किया गया है. ये कुत्ते समय रहते बीमारी का पता लगा सकते हैं. ये कुत्ते उन 15 कुत्तों की प्रजाति के हैं, जिन्हें विस्फोटकों, मादक द्रव्य और लापता लोगों का पता लगाने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है.

शोधकर्ता कुत्तों की सूंघने की प्रबल क्षमता का इस्तेमाल कर गर्भाशय के कैंसर के शुरुआती चरण का पता लगाने में मदद ले रहे हैं. ‘पेन वेट’ की संस्थापक और कार्यकारी निदेशक सिंथिया एम ओतू ने कहा कि इन कुत्तों को दो साल के विशेष प्रशिक्षण के दौरान इस तरह से तैयार किया जा सकता है कि गर्भाशय के कैंसर का पता लगाने के लिए किफायती जांच की व्यवस्था बनाई जा सकती है.

अमेरिका में बढ़ रहे हैं गर्भाशय कैंसर के मामले
अमेरिका की नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के मुताबिक इस साल गर्भाशय के कैंसर से 14,000 से ज्यादा महिलाओं की मौत होगी और करीब 22,000 नए मामले सामने आएंगे. अभी तक डॉक्टरों के पास गर्भाशय के कैंसर को डायग्नोज करने के लिए कोई बहुत अच्छा साधन नहीं था. इस अध्ययन के बाद डॉक्टरों ने भी उम्मीद जताई है कि गर्भाशय के कैंसर को डायग्नोज करना आसान हो जाएगा.


 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें