/अयोध्या। अयोध्या में स्थित विवादित श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए विशव हिन्दू परिषद द्वारा आयोजित 84 कोसी परिक्रमा को मद्देनजर शनिवार देर रात तक विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण भाई तोगडिया, विश्व हिन्दू परिषद के महामंत्री चम्पतराय अयोध्या पहुंच सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक 84 कोसी परिक्रमा को प्र्रदेश सरकार द्वारा प्रतिबन्ध लगाए जाने पर जिला प्रशासन ने पूरे अयोध्या में पुलिस बल बढ़ा दिया है। इस बल को अनसुनी करते हुए विहिप के पदाधिकारी गुपचुप ही देर रात्रि तक अयोध्या में पहुंच जाएंगे और रविवार सुबह संत धर्माचार्यो के साथ सरयू सलिल के तट पर पूजन-अर्चन कर 84 कोस परिक्र मा शुरू कर देंगे।
इस बीच जिलाधिकारी विपिन कु मार द्विवेदी ने बताया कि विहिप के पदाधिकारियों पर कड़ी निगरानी रखी गई है। पाबंदी के बावजूद अयोध्या के आसपास 84 कोसी की परिक्रमा करने के विश्व हिंदू परिषद के ऎलान के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या से सटे छह जिलों की सीमाएं सील कर दी है। विहिप की तैयारियों को देखते हुए अयोध्या और फैजाबाद को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। रास्तों में बैरिकेटस लगाए जा रहे हैं। पीएसी की नौ कंपनियां अध्योध्या पहुंच गई हैं।
यूपी सरकार हर हाल में परिक्रेमा को रोकना चाहती है,उसका कहना है कि वह प्रदेश को गुजरात नहीं बनने देगी। अशोक सिंघल के अलावा प्रवीण तोगडिया, राम विलास वेदांती समेत विहिप के 70 नेताओं के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया गया है। अयोध्या में बड़ी संख्या में साधु-संतों के पहुंचने की आंशका को देखते हुए फैजाबाद में 10, बराबंकी में 12, बहराइच में छह , बस्ती में दो, गोंडा में तीन और अम्बेडकरनगर में पांच अस्थाई कारावास बनाए गए हैं।
प्रदेश भर में गिरफ्तारियां शुरू
विहिप की प्रस्तावित 84 कोसी परिक्रमा के मद्देनजर शनिवार को अयोध्या में 50 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के बी सिंह ने बताया कि इन लोगों को धारा 144 के उल्लंघन के तहत गिरफ्तार किया गया है। अयोध्या क्षेत्र में जनजीवन सामान्य है लेकिन 144 का उल्लंघन करने वालों की तत्काल गिरफ्तारी की जाएगी। इससे पहले आगरा में 66 और फतेहपुर में 17 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
विहिप परिक्रमा पर अडिग
सरकारी पाबंदी और भारी पुलिस बंदोबस्त होने के बावजूद विश्व हिन्दू परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष प्रवीण तोगडिया ने कहा कि 25 अगस्त से प्रस्तावित 84 कोसी परिक्रमा अपने निर्धारित समय से शुरू होगी। तोगडिया ने कहा कि परिक्रमा शुद्ध रूप से धार्मिक आयोजन है लेकिन समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने इस पर पाबंदी लगवाकर इसे राजनीतिक बना दिया। उनका कहना था कि यह संतों की यात्रा है इसे कभी भी निकाला जा सकता है।
तोगडिया ने कहा कि यह सही है कि यह यात्रा विवादित रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए शुरू की जा रही है लेकिन विहिप को इससे कोई मतलब नहीं है कि किस राजनीतिक पार्टी का इससे फायदा है या किसे नुकसान। उन्होंने कहा कि विहिप उसी राजनीतिक दल को समर्थन देगी जो मंदिर निर्माण में सहयोग देगा। उन्होंने कहा कि यह चुनावी रैली नहीं है इसलिए इसमें आम जनमानस नहीं बल्कि संत ही भाग लेंगे। प्रशासन यदि रोक सके तो रोक ले। उन्होंने कहा कि अयोध्या में काफी संख्या में पुलिस बल तैनात होना कोई नई बात नहीं है। यहां तो हमेशा ही पुलिस काफी संख्या में रहती ही है।
यात्रा को लेकर राजनीति गरमाई
विहिप की इस यात्रा को लेकर राजनीति गरमा गई है। चुनाव की आहटों के बीच उत्तर प्रदेश में एक बार फिर धर्मध्वजाएं लहराने लगे हैं। सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने कहा कि परिक्रमा के निर्धारित रास्ते को बदला गया है और नई परम्परा की शुरूआत की जा रही है इसीलिए पाबंदी लगाना जरूरी हो गया। पारम्परिक चौरासी परिक्रमा अप्रेल में शुरू होती है। साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और स्थानीय सांसद निर्मल खत्री इसे सपा और भाजपा की नूराकुश्ती बताते हैं। खत्री का कहना है कि दोनों दल लोकसभा चुनाव में साम्प्रदायिक आधार पर मतों का धु्रवीकरण कराना चाहते हैं इसलिए राजनीति का यह खतरनाक खेल खेल रहे हैं। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा है कि इस मामले को लेकर दोनों दलों भाजपा और सपा के बीच सांठगांठ है। उन्होंने कहा कि ये पार्टियां दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक हिंसा फैलाना चाहती हैं।
परिक्रमा करने वाले होंगे अरेस्ट
राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) अरूण कुमार ने सुरक्षा इंतजामों का जायजा लेते हुए कहा कि सरकार के निर्णय का अक्षरश: पालन किया जाएगा। परिक्रमा के लिए जाने वालों की गिरफ्तारी होगी। कानून व्यवस्था खराब करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं। स्थानीय पुलिस की मदद के लिए 13 कंपनी पीएसी और 10 कंपनी रैपिड एकशन फोर्स तैनात की जा रही है। इसके अलावा दो पुलिस अधीक्षक, 16 अपर पुलिस अधीक्षक, 32 पुलिस उपाधीक्षक, 80 निरीक्षक, 250 उपनिरीक्षक और 600 सिपाही के साथ ही महिला सुरक्षाकर्मी तथा होमगार्ड के जवान तैनात किए जा रहे है।
पहले भी हो चुकी है परिक्रमा
माना जाता है कि भगवान राम का साम्राज्य अयोध्या के इर्द-गिर्द 84 कोस में फैला था। इसीलिए श्रद्धालु हर साल चैत्र पूर्णिमा से वैशाख पूर्णिमा के बीच 84 कोस की यात्रा करते हैं। इस साल भी 25 अप्रेल से 20 मई के बीच ये यात्रा हुई।
सूत्रों के मुताबिक 84 कोसी परिक्रमा को प्र्रदेश सरकार द्वारा प्रतिबन्ध लगाए जाने पर जिला प्रशासन ने पूरे अयोध्या में पुलिस बल बढ़ा दिया है। इस बल को अनसुनी करते हुए विहिप के पदाधिकारी गुपचुप ही देर रात्रि तक अयोध्या में पहुंच जाएंगे और रविवार सुबह संत धर्माचार्यो के साथ सरयू सलिल के तट पर पूजन-अर्चन कर 84 कोस परिक्र मा शुरू कर देंगे।
इस बीच जिलाधिकारी विपिन कु मार द्विवेदी ने बताया कि विहिप के पदाधिकारियों पर कड़ी निगरानी रखी गई है। पाबंदी के बावजूद अयोध्या के आसपास 84 कोसी की परिक्रमा करने के विश्व हिंदू परिषद के ऎलान के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या से सटे छह जिलों की सीमाएं सील कर दी है। विहिप की तैयारियों को देखते हुए अयोध्या और फैजाबाद को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। रास्तों में बैरिकेटस लगाए जा रहे हैं। पीएसी की नौ कंपनियां अध्योध्या पहुंच गई हैं।
यूपी सरकार हर हाल में परिक्रेमा को रोकना चाहती है,उसका कहना है कि वह प्रदेश को गुजरात नहीं बनने देगी। अशोक सिंघल के अलावा प्रवीण तोगडिया, राम विलास वेदांती समेत विहिप के 70 नेताओं के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया गया है। अयोध्या में बड़ी संख्या में साधु-संतों के पहुंचने की आंशका को देखते हुए फैजाबाद में 10, बराबंकी में 12, बहराइच में छह , बस्ती में दो, गोंडा में तीन और अम्बेडकरनगर में पांच अस्थाई कारावास बनाए गए हैं।
प्रदेश भर में गिरफ्तारियां शुरू
विहिप की प्रस्तावित 84 कोसी परिक्रमा के मद्देनजर शनिवार को अयोध्या में 50 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के बी सिंह ने बताया कि इन लोगों को धारा 144 के उल्लंघन के तहत गिरफ्तार किया गया है। अयोध्या क्षेत्र में जनजीवन सामान्य है लेकिन 144 का उल्लंघन करने वालों की तत्काल गिरफ्तारी की जाएगी। इससे पहले आगरा में 66 और फतेहपुर में 17 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
विहिप परिक्रमा पर अडिग
सरकारी पाबंदी और भारी पुलिस बंदोबस्त होने के बावजूद विश्व हिन्दू परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष प्रवीण तोगडिया ने कहा कि 25 अगस्त से प्रस्तावित 84 कोसी परिक्रमा अपने निर्धारित समय से शुरू होगी। तोगडिया ने कहा कि परिक्रमा शुद्ध रूप से धार्मिक आयोजन है लेकिन समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने इस पर पाबंदी लगवाकर इसे राजनीतिक बना दिया। उनका कहना था कि यह संतों की यात्रा है इसे कभी भी निकाला जा सकता है।
तोगडिया ने कहा कि यह सही है कि यह यात्रा विवादित रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए शुरू की जा रही है लेकिन विहिप को इससे कोई मतलब नहीं है कि किस राजनीतिक पार्टी का इससे फायदा है या किसे नुकसान। उन्होंने कहा कि विहिप उसी राजनीतिक दल को समर्थन देगी जो मंदिर निर्माण में सहयोग देगा। उन्होंने कहा कि यह चुनावी रैली नहीं है इसलिए इसमें आम जनमानस नहीं बल्कि संत ही भाग लेंगे। प्रशासन यदि रोक सके तो रोक ले। उन्होंने कहा कि अयोध्या में काफी संख्या में पुलिस बल तैनात होना कोई नई बात नहीं है। यहां तो हमेशा ही पुलिस काफी संख्या में रहती ही है।
यात्रा को लेकर राजनीति गरमाई
विहिप की इस यात्रा को लेकर राजनीति गरमा गई है। चुनाव की आहटों के बीच उत्तर प्रदेश में एक बार फिर धर्मध्वजाएं लहराने लगे हैं। सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने कहा कि परिक्रमा के निर्धारित रास्ते को बदला गया है और नई परम्परा की शुरूआत की जा रही है इसीलिए पाबंदी लगाना जरूरी हो गया। पारम्परिक चौरासी परिक्रमा अप्रेल में शुरू होती है। साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और स्थानीय सांसद निर्मल खत्री इसे सपा और भाजपा की नूराकुश्ती बताते हैं। खत्री का कहना है कि दोनों दल लोकसभा चुनाव में साम्प्रदायिक आधार पर मतों का धु्रवीकरण कराना चाहते हैं इसलिए राजनीति का यह खतरनाक खेल खेल रहे हैं। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा है कि इस मामले को लेकर दोनों दलों भाजपा और सपा के बीच सांठगांठ है। उन्होंने कहा कि ये पार्टियां दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक हिंसा फैलाना चाहती हैं।
परिक्रमा करने वाले होंगे अरेस्ट
राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) अरूण कुमार ने सुरक्षा इंतजामों का जायजा लेते हुए कहा कि सरकार के निर्णय का अक्षरश: पालन किया जाएगा। परिक्रमा के लिए जाने वालों की गिरफ्तारी होगी। कानून व्यवस्था खराब करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं। स्थानीय पुलिस की मदद के लिए 13 कंपनी पीएसी और 10 कंपनी रैपिड एकशन फोर्स तैनात की जा रही है। इसके अलावा दो पुलिस अधीक्षक, 16 अपर पुलिस अधीक्षक, 32 पुलिस उपाधीक्षक, 80 निरीक्षक, 250 उपनिरीक्षक और 600 सिपाही के साथ ही महिला सुरक्षाकर्मी तथा होमगार्ड के जवान तैनात किए जा रहे है।
पहले भी हो चुकी है परिक्रमा
माना जाता है कि भगवान राम का साम्राज्य अयोध्या के इर्द-गिर्द 84 कोस में फैला था। इसीलिए श्रद्धालु हर साल चैत्र पूर्णिमा से वैशाख पूर्णिमा के बीच 84 कोस की यात्रा करते हैं। इस साल भी 25 अप्रेल से 20 मई के बीच ये यात्रा हुई।
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