मंगलवार, 13 अगस्त 2013

देवघर के पाखंडी पंडे या भू-माफिया!



आज नरेन्द्र मोदी के नाम पर देश में धर्म और हिन्दुत्व को हवा दी जा रही है, युवाओं को हिन्दुत्व के नाम पर एक होने की सलाह दी जा रही है और वे अंधभक्ति में लीन होकर हिन्दुत्व-हिन्दुत्व का राग अलाप रहे हैं| मगर हम सबको यह जानना अतिआवश्यक भी है और हम में से कई यह जानते भी हैं, कि हिन्दुत्व और उसकी आस्था को डुबोने का काम इन हिन्दुत्व के ठेकेदारों ने ही किया है| यह लोग मन्दिरों, आश्रमों व बड़े-बड़े धर्म संस्थानों में धर्म के ठेकेदार बन कर बैठ गये हैं,  सही मायने में ये "धार्मिक गुरु" नहीं बल्कि गली-मौहल्ले के "गुंडे-मवाली व भू-माफिया" हैं, जिन्होंने अपने धन व बल का उपयोग करके इन संस्थानों में लगभग कब्जा सा कर लिया है| असली धर्म के वे विद्वान जो कभी हिंसा, जात-पात व ऊँच-नीच को अपने से दूर रखते थे, उन्हें इन गुंडों बदमाशों ने धार्मिक संस्थानों से लगभग खदेड़ सा दिया है जिसकी वजह से देश के 80% से 90% संस्थानों में इन गुंडे-मवालियों व भ्रष्ट नेताओं का कब्जा सा हो गया है| जिसके लिये यह पोस्ट पढिये-स्वामी दयानंद सरस्वती के सपनों का "आर्य समाज" क्या यह था?
जब ऐसे संस्थानों में "ढोंगी-पाखंडी" किस्म के "साधू महात्माओं" का कब्जा हो गया हो, तो हिन्दुत्व की रक्षा आखिर कौन कर पायेगा? इन पाखंडियों ने "संस्थानों व आश्रमों" की उन जगहों को अपनी "धन-लोलुपता" का स्थल बना कर रख लिया है| सही मायने में ईमानदारी से अगर हम इन पाखंडियों की दिनचर्या पर नज़र रखें तो इनका पाखंड खुलकर जनता के सामने दिखाई देने लगेगा| देश में जगह-जगह पंडा समाज और साधु समाज में घुलमिल गई पाखंडियों की जमात ने पंडों और साधू-सन्यासियों के नाम को पूरी तरह से बदनाम कर दिया है|
संगठन के सामने ऐसा ही एक मामला आया है लीलामन्दिर आश्रम, कबिलासपुर, झारखण्ड का| जिसमें होने वाली संदिग्ध गतिविधियाँ पूर्णरूप से यह दर्शा रही हैं, किआश्रम के अध्यक्ष स्वामी ध्यानचैतन्य जी ने क्षेत्र के भू-माफिया धर्मानंद झा और शिवानन्द झा जैसे पाखंडी पंडों के साथ मिलकर (संदेह है, कि मिले हुए हैं या फिर भयभीत हैं)ठाकुर दयानंद देव द्वारा 1921 में स्थापित आश्रम की जमीनों पर कब्जा करके बेचने का कार्य कर रहे हैंलीलामंदिर आश्रम की स्थापना ठाकुर दयानंद देव जी ने आदिवासियों, ग्रामीणों के उद्धार व विकास के लिये किया था, जिससे क्षेत्र में जागरूकता फैले और समाज का विकास हो, साथ ही यह ‘अरुणाचल मिशन’ का मुख्यालय भी है(नोटः किसी भी ट्रस्ट या आश्रम को अगर कोई जगह दान दी जाती है तो वह निजि उपयोग के लिये नहीं दी जाती बल्कि उस के उपयोग से आस-पास मौजूद जरूरतमंदों को सहायता देने के लिये दी जाती है और इस विश्वास के साथ दी जाती है कि कर्ताधर्ता उस जगह का उपयोग व उससे होने वाली आमदनी का उपयोग जरूरतमंदों को सहायता पहुँचाने के लिये करेगा) इस आश्रम के लिए भूमि यहीं के एक प्रतिष्ठित परिवार ने जनकल्यानार्थ दान में दी थी| मगर पिछले कुछ समय से इस आश्रम में कुछ असामाजिक तत्वों का आना जाना लगातार जारी है और आश्रम में रहने वाले कर्मचारियों व साधू-सन्यासियों के साथ मार-पीट, अपमान और मानसिक प्रताडनाओं का सिलसिला जारी है| जिससे दो तीन को छोड़कर लगभग सभी सन्यासी आश्रम को छोड़कर भागने पर मजबूर हो गये|

अभी कुछ दिन पहले ही स्वामी शिव चैतन्यानंद जी के साथ मारपीट की गई ऐसे हालात देखकर विशुद्ध चैतन्य जी ने(जिन्होंने कुछ समय पहले ही दीक्षा ली थी) ने आवश्यक कदम उठाते हुये संगठन के सहयोग से मामले को उजागर किया और असामाजिक तत्वों का एस.पी. श्री प्रभात कुमार व क्षेत्रीय थाना प्रभारी श्री बिरजू के सहयोग से आश्रम में आवागमन पर रोक लगवाई| जिसकी वजह से क्षेत्र में विशुद्ध चैतन्य जी रंगबाजों के निशाने पर आ गये हैं| परिमल बेनर्जी(ग्रामीणों का कहना है कि परिमल के सर पर मेयर बबलू खवाड़े जैसे सम्मानित लोगों का हाथ है) जैसे आश्रम के शुभचिंतक की धमकियों का सामना करना पड़ रहा है|परिमल का डर वहाँ के प्रमुख समाचारपत्र ‘प्रभात खबर’ के रिपोर्टरों को इतना है कि जिस दिन से  विशुद्ध चैतन्य जी ने FB के अपने Timeline पर(https://www.facebook.com/photo.php?fbid=162268900630456&set=a.116615985195748.1073741828.100005420410953&type=1&theaterपरिमल और स्वयं के बीच हुई वार्ता का अंश प्रस्तुत किया, एक रिपोर्टर नीरज मिश्रा (फोन-07240448444) की बोलती बंद हो गई और अब फोन रिसीव करने में भी डर रहें हैं(ठगों ने बेच दी शहीद आश्रम की जमीन,तालाब बेच रहे भूमाफियाआश्रम में हो सुरक्षा का पुख्ता इंतजामअभाविप कार्यकताओं ने फूंका भूमाफिया का पुतला)|

इस पूरे प्रकरण में आश्रम के अध्यक्ष जो पिछले 3 महीने से आश्रम से बाहर हैं, कि गतिविधियाँ सन्दिग्ध नज़र आ रही हैं क्योंकि उन्होंने उतनी बड़ी घटना होने के बाद भी विशुद्ध चैतन्य जी या स्वामी शिव चैतन्यानंद जी से कोई संपर्क करने की कोई कोशिश नहीं की जबकि बाहरी अफवाह यह भ्रम फैला रही है कि अध्यक्ष महोदय लगातार भू-माफियाओं के संपर्क में हैं और खबर यह भी सुनाई पड़ रही है कि आश्रम की पूरी जगह अध्यक्ष महोदय ने भूमाफियाओं के साथ मिलकर उनके कब्जे में दे दी है जो क्षेत्र में CBI के अफसरों द्वारा भू-माफियाओं के विरूद्ध चलाई जा रही गतिविधियों की वजह से आश्रम के ऊपर कब्जा नहीं कर पा रहे हैं मगर यह निश्चित है कि जैसे ही CBI क्षेत्र से बाहर निकल जायेगी और भू-माफियाओं के विरुद्ध जारी गतिविधियों को बंद कर देगी, उसके फौरन बाद ही यह भू-माफिया आश्रम पर कब्जा जमा लेंगे और आश्रम के कर्मचारियों और सन्यासियों को मार कर भगा दिया जायेगा| अगर कोई अभागा, विशुद्ध चैतन्य जी या स्वामी शिव चैतन्यानंद जी जैसे निडर सन्यासी नहीं भागे तो उन्हें जान से मार दिया जायेगा, जैसा कि वर्षों से होता चला आ रहा है क्योंकि इन भू-माफियाओं के खिलाफ बोलनेवाला गांव या आसपास के क्षेत्र में कोई है ही नहीं, न ही स्थानीय पुलिस प्रशासन इन भू-माफियाओं के खिलाफ कोई ठोस कदम उठा पाती है| क्षेत्र की कुछ पाखण्डी पंडे इन भू-माफियाओं के साथ मिलकर क्षेत्र में एक आतंकी माफिया के गैंग के रूप में कार्य करते हैं, और जरूरत पड़ने पर क्षेत्र के सांसद (उदाहरणार्थः निशिकांत दुबे केस) या प्रशासन (डी.सी. अविनाशकुमार कुमार केस) पर हमला करने से भी नहीं घबराते हैं| इन कामों के लिए ये लोग भोले-भाले ग्रामीणों और गरीब लोगों को उकसाते हैं और ज्यादातर खुद सामने नहीं आते, बदनाम होते हैं ग्रामीण और असली पण्डे जो पूजा पाठ करवाकर दो वक्त की रोटी का इंतजाम करते हैं|
देवघर, झारखण्ड के थानाध्यक्ष व ग्रामीणों की बात पर विश्वास करें तो डेढ़ साल पहले तक यहाँ सिर्फ पाखण्डी पंडों व भू-माफिया का जंगलराज चलता था और इनके लिये केन्द्र की सरकार या क्षेत्रीय प्रशासन कोई मायने नहीं रखता, कानून इनकी ठोकरों पर था| लेकिन जब से भू-माफिया सरगना ध्रुव नारायण परिहस्त गिरफ्तार हुआ है और सीबीआई को यहाँ जाँच शुरू करनी पड़ी, सभी भूमाफिया अपने अपने घरों में दुबक कर शान्ति पाठ कर रहें हैं लेकिन आश्रम में घटी हाल ही की घटना यह साबित कर रही है कि मामला अभी उतना शांत नहीं है, जितना बताया जा रहा है|
संगठन संबंधित मामले में CBI, गृह मंत्रालय, राज्य गृह विभाग, पुलिस प्रशासन को पत्र भेज रहा है, देखते हैं विशुद्ध चैतन्य जी जैसे लोगों की जान बचाने की ताकत क्या इस देश के कानून के पास है या नहीं? चूँकि विशुद्ध चैतन्य जी को ग्रामीणों का सहयोग मिलने लगा है, इसलिए आशा है कि देवघर में फैली अराजकता और भ्रष्टाचार से सम्बंधित कई तथ्य और सामने आयेंगे|

सोनिका शर्मा
मोब. 9920913897
भ्रष्टाचार विरूद्ध भारत जागृति अभियान

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