कोटा। बहुचर्चित सीमल्या टोल प्लाजा मामले में कोर्ट से सभी अभियुक्तों को दोषमुक्त करने के बाद अब नया विवाद हो गया है। मामले में जांच के बाद पद से हटाए गए एएसपी संजय गुप्ता ने आरोप लगाया है कि सार्वजनिक निर्माण मंत्री भरत सिंह मुझसे द्वेष रखते हैं और उन्होंने व्यक्तिगत बदले की भावना रखते हुए मुझे प्रताडित किया व मोहरा बनाया। उन्होंने कहा, मामले में एफआईआर या चालान मेरी ओर से नहीं किया गया।
परिवादी, आईओ, आईजी की रिपोर्ट व कोर्ट के फैसले से सारी तस्वीर साफ हो गई। मंत्री भरत सिंह ने अपने अहम, द्वेष व वर्चस्व का इस्तेमाल कर डीआईजी एम. पी. यादव से रिपोर्ट बनवाई। करीब साल भर पहले का यह मामला काफी चर्चित रहा था।
...और हटना पड़ा पद से
भरत सिंह ने मामले में पुलिस पर लूट के मामले को सामान्य धाराओं में दर्ज कर अभियुक्तों को बचाने का आरोप लगाया था। सरकार की ओर से तत्कालीन आईजी अमृत कलश ने भी जांच में पुलिस कार्रवाई को सही माना। भरत सिंह संतुष्ट नहीं हुए तो जयपुर से तत्कालीन डीआईजी एम.पी. यादव ने जांच की। यादव ने रिपोर्ट में घटना को लूट बताया और जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई की सिफारिश की। इसके बाद संजय गुप्ता को अपने पद से हटना पड़ा।
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