रविवार, 11 अगस्त 2013

'रिफाइनरी कहीं भी लगे, कोई फर्क नहीं'



जयपुर। 'मैंने लोगों की मंशा देख लीलाला में रिफाइनरी लाने के लिए इस्तीफा दिया था, अब रिफाइनरी नहीं आई तो मैं क्या करूं, मामले में सरकार और एचपीएल सोचे।' कुछ इस बेबाक तरीके से राजस्व मंत्री हेमाराम ने आज अपना पक्ष रखा। हेमाराम आज दोपहर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात कर सकते हैं।

रिफाइनरी विवाद को लेकर लगभग दो सप्ताह पहले मंत्रीमंडल से इस्तीफा देने वाले राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री हेमाराम चौधरी शनिवार तड़के 2 बजे जयपुर लौटे। इसी के साथ उनके द्वारा इस्तीफा वापस लेने के कयास लगाए जा रहे हैं।

हेमाराम ने शनिवार सुबह कहा कि रिफाइनरी कहीं लगे, इससे अब मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। बस लगनी प्रदेश में ही चाहिए। उन्होंने कहा कि रिफाइनरी के नाम पर क्षेत्र के नेता अपनी राजनीति चमकाना चाह रहे हैं।

इस्तीफा वापस नहीं लूंगा

हेमाराम ने कहा कि मैं इस्तीफा वापस नहीं ले रहा हूं। आज सीएम से मुलाकात के बाद कुछ बताऊंगा। क्षेत्र की जनता ने सोचा था कि मेरे इस्तीफे से रिफायनरी लीलाला में आ जाएगी, तो मैंने इस्तीफा दे दिया। रिफाइनरी वहां आई क्या? इस विवाद से मैं इतना दुखी हो गया हूं कि अब इस्तीफा वापस लेने का मेरा मन नहीं है।

हैसियत नहीं, देखी जाती है भावना

जनता के काम में या इच्छा में हैसियत नहीं देखी जाती है, बल्कि भावनाओं को देखा जाता है। मैं अब भी कह रहा हूं कि यह सरकार के उपर है कि वह जनता की मांग को किस तरह से लेती है।

सोनाराम ने भड़काया

मामले में फायदा या नुकसान बाद की बात है। कर्नल सोनाराम ने लोगों को मेरे खिलाफ भड़काया। मेरे इस्तीफे के बाद वे किसको उकसाएंगे और किसको भड़काएंगे। अब ज्यादा नुकसान तो उनको ही होगा।

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