मंगलवार, 27 अगस्त 2013

ताईवान में कुंआरी महिलाएं जमा करा रही अंडाशय

ताइपे। ताईवान की कामकाजी महिलाओं में बिना शादी किए बच्चे की चाहत बढ़ती जा रही है। कैरियर और कार्यस्थल पर कामकाजी दबाव के बीच अपनी इच्छा पूरी करने के लिए महिलाओं द्वारा अंडाशय को प्रजनन केन्द्रों में जमा कराने का नया चलन सामने आ रहा है। ताईवान में कुंआरी महिलाएं जमा करा रही अंडाशय
इसकी शुरूआत एक कंपनी में उच्च पद पर कार्यरत 34 वर्षीय ताईवानी महिला लिन कुओ ने अपने अंडाशय को जमा करा कर की है। कुओ ने कहा, मैं देर से शादी करना चाहती हूं और मुझे मां भी बनना सुनिश्चित करना है, अधिक उम्र में शादी करने से मेरे अंडाशय विकृत हो सकते हैं।

कुओ वृद्धावस्था में बच्चों की जरूरतों के प्रति संवदेनशील हैं। वह कहती हैं कि जब मेरी मां की मृत्यु हुई थी, तब मुझे वद्धावस्था में बच्चों की महत्व का अंदाजा लगा था। देर से शादी करने वाली महिलाओं की सहायता करने वाले एक प्रजनन केन्द्र के निदेशक लाइसिंग हुआ ने कहा कि इन डोनर सेवा भविष्य में इस तरह की समस्या से जूझ रही महिलाओं के लिए एक अच्छी खबर सिद्ध होगी।

अंडाशय को जमा करने के लिए इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इस तकनीक के जरिए अंडाशय से भू्रण विकसित किया जा सकेगा। करीब 80 हजार ताईवानी डॉलर की लागत से तैयार होने वाले भ्रूण की सफलता की दर अत्याधिक उच्च रहेगी और यह पूरी प्रक्रिया मात्र बीस मिनट में पूरी हो जाएगी।

महिलाओं की देर से शादी करने के समस्या को एक सामाजिक परेशानी और दबाव बताते हुयए नेशनल ताइपे विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र के प्राध्यापक चेन फेन लिंग कहते हैं, महिलाओं पर दो तरफा दबाव होता है। पारिवारिक और कामकाजी, जिसके दबाव के बीच संतुलन स्थापित करने के लिए वे संघर्ष करती रहती हैं।

"दिन के समय वह अपने काम के सिलसिले में कार्यालय में रहती हैं, पर रात को वापस घर आकर अपने बच्चों व परिवार को संभालना पड़ता है जो कष्टकर साबित होता है। इस कारण अधिकतर महिलाएं शादी करने से झिझकती हैं।

सीआईए की फैक्टबुक के अनुसार ताईवान हांगकांग के साथ चिंताजनक स्थिति में है जहां प्रति महिला जन्मदर अत्यधिक कम है। ताईवान के कार्यस्थलों पर महिलाओं की व्यापक भागीदारी है।

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