मंगलवार, 13 अगस्त 2013

करोड़पति किन्नर को मिला एक संत और हुआ चमत्कार!



गुना। हजारों की भीड़ में एक किन्नर ऐसा भी है, जो बधाई गाने और त्योहारों पर चंदा मांगने के लिए नहीं बल्कि अपने चमत्कारी गुणों के कारण लोगों में जाना जाता है। इस किन्नर के पास करोड़ों की संपत्ति है। वहीं कमाई के नाम पर इसके पास है तो सिर्फ एक छोटी सी मिठाई की दुकान। जी हां दो रुपए किलो में मिठाई बेचने वाले इस किन्नर के पास एक ऐसी जादुई ताकत है, जिसके दम पर इसने करोड़ों रुपए कमाएं।



यह अनोखा मामला भोपाल के पास स्थित गुणा जिले का है। यहां रहने वाली किन्नर सुशीला माली भी अन्य किन्नरों की तरह लोगों के घर जाकर बधाई गीत गाया करती थी। लेकिन एक दिन अचानक उसके साथ ऐसा कुछ हुआ जो उसने बधाई गीत गाना छोड़कर धर्म का रास्ता अपना लिया।



कुछ दिनों पहले ही सुशीला ने एक दत्तक पुत्र को गोद लिया है। अपने इस बेटे के नाम सुशीला ने ढाई करोड़ की एफडी करवाई है। अपने जीवन की पूरी कमाई सुशीला ने अपने इस बेटे के नाम कर दी है।किन्नर सुशीला मुलत: किशनगढ़ राजस्थान की रहने वाली है, जो कुछ सालों पहले ही गुणा में रहने आई है। एक दिन सुशीला ने मुनि सुधासागर महाराज के प्रवचन सुने। प्रवचन सुनकर वह इतना प्रभावित हुई कि उसने अपने सारे पुराने काम छोड़ दिए। वह गलत काम करने वाले लोगों अपने अंदाज में सबक सिखाने लगी।
सुशीला की मिठाई की दुकान खोलने के पीछे भी एक कहानी है। दरअसल कुछ महीनों पहले एक गाय न हलवाई की दुकान की मिठाई जूठी कर दी थी। इस पर गुस्साए हलवाई ने गाय को गर्म कौंचा से मारा। इस मार से गाय को गहरा जख्म हो गया।गाय को उपचार न मिलने की दशा में उस जख्म में इन्फेक्शन हो गया और गाय की मौत हो गई। इस पर सुशीला ने हलवाई को सबक सिखाने की सोची और स्वयं एक मिठाई की दुकान खोल ली। सुशीला अपनी दुकान पर दो रुपए किलो में मिठाई बेचने लगी इससे उक्त हलवाई को काफी नुकसान सहना पड़ा।गाय की मौत से दुखी सुशीला ने गायों की रक्षा का संकल्प लिया और पुष्कर में एक गौशाला भी खोली। सुशीला की इस गौशाला में 300 गाय है। सुशीला धर्म का काम करने के साथ ही चमत्कार भी करती है। अपने चमत्कार की वजह से वह लोगों के साथ ही मीडिया की भी सुर्खियों में बनी हुई है।अपने चमत्कार दिखाते हुए सुशीला ने एक अखबार अपने सामने रखा और उसे ध्यान से देखने लगी। कुछ गुरु मंत्र पढ़ते हुए सुशीला ने कागज को हाथ में लिया और इससे कागज में आग लग गई। जलते हुए कागज की आरती बनाकर उसने मुनिश्री की आरती की। इतना ही नहीं सुशीला ने बिना ड्रायवर के एक फोर व्हीलर को भी चला दिया। वह कहती हैं कि 10 किमी तक वह बिना ड्रायवर के वाहन चला सकती हैं। सुशीला ने बताया कि मुनिश्री का नाम जपने से उसके सभी कार्य हो जाते हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें