सोमवार, 12 अगस्त 2013

जोशी और गहलोत फिर हुए आमने सामने

 जोशी और गहलोत फिर हुए आमने सामने 

सोनाराम ने कहा, यदि रिफाइनरी लीलाला में नहीं लगी तो पार्टी को सारी सीटों पर हार झेलनी पड़ेगी।

जयपुर। जयपुर में 20 जनवरी 2013 को कांग्रेस चिंतन शिविर में राहुल गांधी ने कहा था, रात को मां मेरे कमरे में आई और रोने लगीं। मां क्यों रोई? क्योंकि वह अपने अनुभवों से जानती हैं कि सत्ता एक जहर है। रविवार को इसी 'जहर' पर फिर तकरार हुई।



विधानसभा प्रत्याशियों के लिए गाइडलाइन और चुनावी रणनीति तय करने के लिए बुलाई कांग्रेस की प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राष्ट्रीय महासचिव सीपी जोशी में इसी जहर पर जुबानी जंग हो गई।



पार्टी की दोबारा जीत पर मंथन चल रहा था, तब जोशी ने कहा, चुनाव में सबकी मेहनत से ही जीत मिलेगी, लेकिन सीएम साहब इसके लिए आपको जहर का घूंट पीना पड़ेगा। जवाब में गहलोत बोले, आप बार-बार ऎसा क्यों कहते हैं, जहर का घूंट पीकर ही तो यहां तक पहुंचे हैं। बैठक में गुरूदास कामत, चंद्रभान, शीशराम ओला और कर्नल सोनाराम सहित कई सदस्य थे।



ओला और सोनाराम की खरी-खरी

यह हुआ


चुनाव में बड़े नेता किसी को टिकट की सिफारिश करेंगे तो उनकी जवाबदेही तय होने का मामला।
बाड़मेर जिले में रिफाइनरी की जगह पचपदरा और लीलाला का मामला।
बहुजन समाज पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों को टिकट देने का मामला।
राजनीतिक नियुक्तियों पर।
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की स्थिति पर।


जो कहा
कर्नल सोनाराम ने कहा, सीएम व प्रदेशाध्यक्ष किसी की गारंटी देते हैं तो उनकी भी जवाबदेही होनी चाहिए।
सोनाराम ने कहा, यदि रिफाइनरी लीलाला में नहीं लगी तो पार्टी को सारी सीटों पर हार झेलनी पड़ेगी।
ओला ने कहा, सरकार बचाने के बदले पांच साल मजे किए हैं। टिकट सोच-समझकर दिया जाना चाहिए।
ओला ने कहा, ऎसे लोगों को चेयरमैन बना दिया जो पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं।
ओला ने कहा, स्थिति अच्छी नहीं, लेकिन पार्टी एकजुटता से चुनाव लड़ेगी तो जीत पक्की है।

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