जबलपुर। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में अपनी पांच बेटियों के हत्यारे को गुरूवार आठ अगस्त को जबलपुर के केंद्रीय जेल में फांसी दी जाएगी। आरोपी मंगन लाल बरेला को फांसी दिए जाने की तैयारी पूरी हो गई है।
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने 22 जुलाई को मंगल बरेला की दया याचिका को खारिज कर दिया था। इसके चलते उसे उच्च न्यायालय जबलपुर व सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सुनाई गई सजा बरकरार रही। इसी के तहत उसे गुरूवार को जबलपुर केंद्रीय जेल में फांसी की फंदे पर लटकाया जाएगा।
ज्ञात हो कि मंगल ने जून 2011 में दो पत्नियों के संपत्ति विवाद के चलते पांच बेटियों आरती, सविता, लीला, जमुना व फूलकंवर की हत्या कर दी थी। सभी की उम्र एक से छह साल के मध्य थी।
जबलपुर केंद्रीय जेल में मौत का घर (डेथ चेंबर) है, यहां अंतिम फांसी कामता प्रसाद तिवारी को 27 मई 1997 में दी गई थी। उस पर एक मासूम की बलात्कार के बाद हत्या का आरोप था। अंग्रेजों के काल में 1818 में बने इस जेल में पहली फांसी मेहरवान सिंह को अगस्त 1858 में दी गई थी।
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने 22 जुलाई को मंगल बरेला की दया याचिका को खारिज कर दिया था। इसके चलते उसे उच्च न्यायालय जबलपुर व सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सुनाई गई सजा बरकरार रही। इसी के तहत उसे गुरूवार को जबलपुर केंद्रीय जेल में फांसी की फंदे पर लटकाया जाएगा।
ज्ञात हो कि मंगल ने जून 2011 में दो पत्नियों के संपत्ति विवाद के चलते पांच बेटियों आरती, सविता, लीला, जमुना व फूलकंवर की हत्या कर दी थी। सभी की उम्र एक से छह साल के मध्य थी।
जबलपुर केंद्रीय जेल में मौत का घर (डेथ चेंबर) है, यहां अंतिम फांसी कामता प्रसाद तिवारी को 27 मई 1997 में दी गई थी। उस पर एक मासूम की बलात्कार के बाद हत्या का आरोप था। अंग्रेजों के काल में 1818 में बने इस जेल में पहली फांसी मेहरवान सिंह को अगस्त 1858 में दी गई थी।
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