दुबई। धर्म और धार्मिक नेताओं की भूमिका पर साइट बनाना एक वेबसाइट एडिटर को काफी महंगा पड़ा। यहां की कोर्ट ने एडिटर को इस्लामिक मूल्यों का उल्लंघन करने का दोषी पाया और 600 कोडे मारने व 7 साल की जेल की सजा सुनाई।
रैफ बदावी जो कि फ्री सऊदी लिबरल नाम से एक सोशल नेटवर्किग साइट चलाते हैं, उन्हें इस सजा का सामना इसलिए करना पड़ा क्योंकि उन्होंने धर्म की भूमिका पर साइट चलाने व इस पर डिबेट के लिए लोगों आमंत्रित किया। इतना ही नहीं कोर्ट ने इस वेबसाइट को बंद करने का भी आदेश दिया है।
गौरतलब है कि सऊदी अरब में धार्मिक मान्यताओं में दखल के आरोपी को मृत्युदंड दिया जाता है और ईशनिंदा का आरोप लगता है वो अलग।
खबरों के अनुसार इस साइट पर धार्मिक हस्तियों की आलोचना की जाती है। वहीं एडिटर की पत्नी का कहना है कि बदावी को इस बात का कोई पछतावा नहीं है। बदावी की पत्नी ने टि्वटर पर लिखा कि जज ने बदावी से पूछा, क्या तुम मुस्लिम हो? और उसने कहा, हां मैं मुस्लिम हूं और मैं नहीं चाहता कि कोई मेरे धर्म पर शंका करे।
रैफ बदावी जो कि फ्री सऊदी लिबरल नाम से एक सोशल नेटवर्किग साइट चलाते हैं, उन्हें इस सजा का सामना इसलिए करना पड़ा क्योंकि उन्होंने धर्म की भूमिका पर साइट चलाने व इस पर डिबेट के लिए लोगों आमंत्रित किया। इतना ही नहीं कोर्ट ने इस वेबसाइट को बंद करने का भी आदेश दिया है।
गौरतलब है कि सऊदी अरब में धार्मिक मान्यताओं में दखल के आरोपी को मृत्युदंड दिया जाता है और ईशनिंदा का आरोप लगता है वो अलग।
खबरों के अनुसार इस साइट पर धार्मिक हस्तियों की आलोचना की जाती है। वहीं एडिटर की पत्नी का कहना है कि बदावी को इस बात का कोई पछतावा नहीं है। बदावी की पत्नी ने टि्वटर पर लिखा कि जज ने बदावी से पूछा, क्या तुम मुस्लिम हो? और उसने कहा, हां मैं मुस्लिम हूं और मैं नहीं चाहता कि कोई मेरे धर्म पर शंका करे।
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