नौकरी का लालची,पिता को मार दिया
बेंगलूरू। पिता की अगर मौत हो जाए तो उनकी नौकरी मुझे मिल जाएगी.....लालच में इतना अंधा शायद ही कोई पुत्र हो पाए। लेकिन कर्नाटक के चित्रदुर्गा जिले के निवासी एक युवक ने लालच की इस सीमा को भी छू लिया। इस युवक ने अपने ही पिता की सुपारी दे दी और भाड़े के इन कातिलों के साथ मिल कर उसकी दर्दनाक हत्या कर दी।
कलियुगी पुत्र की इस दरिन्दगी का शिकार हुआ स्थानीय चक्कालेरे नगरसभा में कार्यरत कर्मचारी 58 वर्षीय शिवानंद। शिवानंद का 19 वर्षीय पुत्र अर्जुन अपने पिता की किसी ऊंचे औहदे वाली नौकरी के लिए नहीं, बल्कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद के लिए ही इतना वहशी हो गया कि उसे दर्द से तडपते पिता पर भी तरस नहीं आया।
एक के बाद एक अर्जुन क्रूरता भरे तरीकों से शिवानंद को जख्म देता रहा। वहशी ने बिजली का तार, चाकू, पत्थर कुछ नहीं छोड़ा। बेटे के दिए जख्मों का दर्द जब हद से पार हुआ तो शिवानंद की जान ने शरीर का साथ छोड़ दिया।
अब मामला सामने आने पर पुलिस ने अब इस कलियुगी पुत्र और उसके दोनों सहयोगियों श्रीनिवास व बोरेश को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों भाड़े के कातिलों से पूछताछ में उन्होंने अर्जुन के इशारे पर वारदात को अंजाम देने की बात मानी है।
गला घोंटा, चाकू घोंपे और कुचल दिया
अर्जुन से पूछताछ के दौरान मिली जानकारी के मुताबिक वह अपने पिता को एक पार्टी में भोजन कराने के बहाने ऑटो से एक मंदिर के पास ले गया। वहां पहले से ही श्रीनिवास व बोरेश मौजूद थे। सभी ने वहीं भोजन किया। भोजन करने के बाद बोरेश और श्रीनिवास ने पीछे से बिजली की तार से शिवनन्द का गला घोंटने लगे। गला घोंटे जाने के कारण शिवानंद तड़पने लगा और मौका पाकर तीनों ने उस पर चाकू से कई वार कर दिया। बाद में उनलोगों ने शिवानंद के सिर को पत्थर से कुचल दिया और उनलोगों ने शव को बुडनाहट्टी पुल के नीचे फेंका दिया।
25 हजार रूपए दी थी सुपारी
अर्जुन ने पुलिस को बताया कि उसने पिता की मौत के बाद अनुकंपा के आधार पर मिलने वाली सरकारी नौकरी पाने के लिए पिता की हत्या कराई। पिता की हत्या करने के लिए उसने मित्रों को 25 हजार रूपए की सुपारी दी थी। बोरेश और श्रीनिवासकी उम्र भी 18 और 19 साल है। पुलिस ने तीनों अभियुक्तों को सोमवार न्यायालय के सामने पेश किया। अदालत ने तीनों को एक सप्ताह के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
बेंगलूरू। पिता की अगर मौत हो जाए तो उनकी नौकरी मुझे मिल जाएगी.....लालच में इतना अंधा शायद ही कोई पुत्र हो पाए। लेकिन कर्नाटक के चित्रदुर्गा जिले के निवासी एक युवक ने लालच की इस सीमा को भी छू लिया। इस युवक ने अपने ही पिता की सुपारी दे दी और भाड़े के इन कातिलों के साथ मिल कर उसकी दर्दनाक हत्या कर दी।
कलियुगी पुत्र की इस दरिन्दगी का शिकार हुआ स्थानीय चक्कालेरे नगरसभा में कार्यरत कर्मचारी 58 वर्षीय शिवानंद। शिवानंद का 19 वर्षीय पुत्र अर्जुन अपने पिता की किसी ऊंचे औहदे वाली नौकरी के लिए नहीं, बल्कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद के लिए ही इतना वहशी हो गया कि उसे दर्द से तडपते पिता पर भी तरस नहीं आया।
एक के बाद एक अर्जुन क्रूरता भरे तरीकों से शिवानंद को जख्म देता रहा। वहशी ने बिजली का तार, चाकू, पत्थर कुछ नहीं छोड़ा। बेटे के दिए जख्मों का दर्द जब हद से पार हुआ तो शिवानंद की जान ने शरीर का साथ छोड़ दिया।
अब मामला सामने आने पर पुलिस ने अब इस कलियुगी पुत्र और उसके दोनों सहयोगियों श्रीनिवास व बोरेश को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों भाड़े के कातिलों से पूछताछ में उन्होंने अर्जुन के इशारे पर वारदात को अंजाम देने की बात मानी है।
गला घोंटा, चाकू घोंपे और कुचल दिया
अर्जुन से पूछताछ के दौरान मिली जानकारी के मुताबिक वह अपने पिता को एक पार्टी में भोजन कराने के बहाने ऑटो से एक मंदिर के पास ले गया। वहां पहले से ही श्रीनिवास व बोरेश मौजूद थे। सभी ने वहीं भोजन किया। भोजन करने के बाद बोरेश और श्रीनिवास ने पीछे से बिजली की तार से शिवनन्द का गला घोंटने लगे। गला घोंटे जाने के कारण शिवानंद तड़पने लगा और मौका पाकर तीनों ने उस पर चाकू से कई वार कर दिया। बाद में उनलोगों ने शिवानंद के सिर को पत्थर से कुचल दिया और उनलोगों ने शव को बुडनाहट्टी पुल के नीचे फेंका दिया।
25 हजार रूपए दी थी सुपारी
अर्जुन ने पुलिस को बताया कि उसने पिता की मौत के बाद अनुकंपा के आधार पर मिलने वाली सरकारी नौकरी पाने के लिए पिता की हत्या कराई। पिता की हत्या करने के लिए उसने मित्रों को 25 हजार रूपए की सुपारी दी थी। बोरेश और श्रीनिवासकी उम्र भी 18 और 19 साल है। पुलिस ने तीनों अभियुक्तों को सोमवार न्यायालय के सामने पेश किया। अदालत ने तीनों को एक सप्ताह के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
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