रूस के एक नेता ने महिलाओं को 'पीरियड्स' के दौरान होनी वाली पीड़ा की ओर संसद का ध्यान खींचते हुए इनके लिए विशेष सुविधा की मांग की है. नेता ने 'पीरियड्स' के दौरान कामकाजी महिलाओं को 2 दिन की छुट्टी वेतन के साथ दिलाए जाने की मांग पार्लियामेंट से की है.
एलडीपीआर पार्टी के सदस्य मिखाइल देगत्रारयोव ने अपनी वेबसाइट पर लिखा कि उन्होंने कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा और सुविधाओं में इजाफा किए जाने से संबंधित कानून का एक मसौदा तैयार किया है.
32 वर्षीय मिखाइल देगत्रारयोव ने कहा, 'पीरियड के दौरान महिलाओं को भावनात्मक और शारीरिक कष्ट से गुजरना पड़ता है.' देगत्रारयोव शादीशुदा हैं, जिनके 2 बेटे हैं.
देगत्रारयोव मॉस्को में 8 सितंबर को होने जा रहे मेयर के चुनाव में उम्मीदवार हैं. उन्होंने कहा कि पीरियड्स से महिलाओं की थकान में जबरदस्त इजाफा होता है. साथ ही इससे महिलाओं की काम करने की क्षमता और याद्दाश्त में गिरावट आती है.
दूसरी ओर, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने महिलाओं को इस तरह की खास सुविधा दिए जाने की बात को ही सिरे से खारिज कर दिया है. रूस में लंबे समय से मानवाधिकार के लिए काम रहे ग्रुप से जुड़े अन्ना सोबको ने कहा कि महिलाओं के लिए इस तरह की मांग अस्पष्ट और पूरी तरह से तर्कहीन है.
बहरहाल, देगत्रारयोव महिलाओं को कितनी खास सुविधाएं दिलवा पाते हैं, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. पर उनकी मांग ने एक लंबी बहस की शुरुआत तो कर ही दी है.
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