त्रयोदशी के मेले में दूर-दराज से पहुंचे श्रद्धालु, अलसवेरे से रात तक रहा मेला
जसोल. दर्शनार्थ लगी श्रद्धालुओं की कतार तथा शृंगारित माता राणी भटियाणी की प्रतिमा।
जसोल आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के अवसर पर जसोल स्थित माता राणी भटियाणी मंदिर में मेले का आयोजन हुआ। मेले में स्थानीय सहित दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में पूजा-अर्चना की तथा मत्था टेककर परिवार सहित प्रदेश में खुशहाली की कामना की।
रविवार को सवेरे से ही मंदिर में दर्शनार्थियों के आने का सिलसिला प्रारंभ हो गया था, जो दिन चढऩे के साथ बढ़ता गया।
मेले में बालोतरा, समदड़ी, सिणधरी, मोकलसर, सराणा, जोधपुर, बाड़मेर, पाली, शिव, जालोर, सिरोही, सांचोर के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र से भी श्रद्धालुओं माजीसा के दर्शनार्थ पहुंचे।
मंदिर व्यवस्था समिति की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बेरीकेट्स, पेयजल के साथ सुचारू रूप से दर्शन करने के लिए व्यवस्था की गई। जसोल चौकी प्रभारी शैतानसिंह व मंदिर के व्यवस्थापक जेठूसिंह के नेतृत्व में मंदिर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए।
माकूल रही सुरक्षा व्यवस्था
मेले में भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर व्यवस्था समिति तथा पुलिस प्रशासन की ओर से मंदिर परिसर में सुरक्षा के माकूल बंदोबस्त किए गए। जसोल चौकी प्रभारी शैतानसिंह, वीरसिंह, विक्रम टेंपो यूनियन के कालू खां, हरचंद सोलंकी व मंदिर व्यवस्थापकों ने श्रद्धालुओं की कतारबद्ध व सुचारू रूप से दर्शन करने में अपना सहयोग दिया।
मेले में सजी दुकानें
मेले के आयोजन को लेकर मंदिर परिसर, बस स्टैंड व आसपास के क्षेत्रों में दुकानें सजाई गई। दुकानदारों की ओर से ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए दुकानों पर आकर्षक ढंग से सजावट की गई।
छेड़ाबंदी कर जात लगाई
त्रयोदशी के अवसर पर कई नवविवाहित जोड़ों ने छेड़ाबंदी कर सुखी दांपत्य जीवन की कामना के लिए मां के दरबार में जात लगाई। नव विवाहित जोड़ों ने अपने परिजनों के साथ मां के दरबार में शीश नवाकर पूजा-अर्चना की। छेड़ाबंदी जात देने वालों के लिए सुरक्षाकर्मियों की ओर से अलग से व्यवस्था की गई।
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