शुक्रवार, 19 जुलाई 2013

भाजपा साथ खड़ी है, पर अलग-अलग

भाजपा साथ खड़ी है, पर अलग-अलग

बाड़मेर। प्रदेशाध्यक्ष वसुंधराराजे की सुराज संकल्प यात्रा के दौरान बाड़मेर जिले में भाजपा साथ तो खड़ी है लेकिन अलग-अलग। संगठन से ज्यादा व्यक्तिवाद हावी हो रहा है। नारे, बैनर और प्रदर्शन सबकुछ अपने-अपने। टिकट को उतावले हो रहे दावेदार एक दूसरे की आंख की किरकिरी बने हुए हैं। सब लोग वसुंधराराजे की आंखों में आने को बेताब हैं लेकिन इस उतावली में कई उनकी आंखों में चढ़ गए हैं।

पूरे जिले का दौरा कर शुक्रवार को प्रदेशाध्यक्ष नाकोड़ा पहुंच रही हंै। वे नाकोड़ा में जिला संगठन की बैठक लेंगी। सुराज संकल्प यात्रा की तैयारी के लिए पहले पहुंचे प्रदेश स्तरीय नेताओं का आकलन है कि अलग-अलग खड़ी अपनी पूरी टीम को एक साथ जोड़ने के लिए पूरी मशक्कत की जरूरत है।

उनका मानना है कि जितने शीर्ष नेता हैं,सबको टिकट चाहिए। दूसरी पंक्ति के लोग भी उतावले हो रहे हैं। कई कार्यकर्ता तो ऎसे हंै जिन्हें अच्छी तरह से मालूम है कि अभी उनकी राजनीति की प्राथमिक कक्षा है लेकिन वे भी फाइल बनाकर साक्षात्कार को खड़े हो गए हैं। इन सबने आम कार्यकर्ता को अपने अपने गुटों में बांट दिया है जो भाजपा की बजाय उनकी "जय" लगा रहे हंै। भाजपा के सक्रिय कार्यकत्ताü हजारों है लेकिन खेमों में बंटकर सैकड़ो हो गए हैं और सभी एक दूसरे को आंख दिखाने में लगे हैं।

प्रादेशिक नेताओं के अनुसार शिव में भीड़ खूब उमड़ी। सभा देखकर सभी दंग थे। यहां टिकट के एक दर्जन दावेदार। कुछ पहले के, कुछ एकदम नए। सभी ने अपने को तीसमारखां साबित करने के पूर्ण प्रयास किए। अच्छाई यह रही कि यहां पर किसी प्रकार का अव्यवहारिक प्रदर्शन नहीं हुआ। एक दूसरे से खुद को ऊपर साबित करने के प्रयास जरूर किए गए।

बाड़मेर में तो अति ही हो गई। यहां पर भी आठ- नौ दावेदार हैं। दावेदार भीड़ तो नहीं जुटा पाए लेकिन खुद को अव्वल बताने के लिए जी जान लगा दी। संगठन और अनुशासन से किसी को मतलब नहीं था। सब अपनी टिकट की दौड़ में लगे थे। दावेदारों ने पोस्टर बैनर से शहर और गांवों को रंग दिया। किसी के बैनर विरोधियों ने पोत दिए तो किसी के फाड़ डाले। रही सही कसर सभा में पूरी हो गई। तीन दावेदार खुलकर विरोध में आ गए। यहां शांत करवाया तो दूसरे दिन फिर व्यक्तिगत प्रदर्शन की उतावल रही। प्रदेशाध्यक्ष को कहना पड़ा कि यह ठीक नहीं है।

धोरीमन्ना यानि गुड़ामालानी में सीधे तौर पर दो ही दावेदार है। यहां सभा भी अच्छी गई। दोनों में से किसी ने अति नहीं की। कार्यक्रम अनुशासित रहा और सभा भी बढिया रही। बायतु में वसुंधराराजे के आने का रंग जमा। यहां दो तीन दावेदार है। सभी अपने हिसाब से जुटे थे। सभा के दौरान व्यक्तिगत नामों की नारेबाजी होती रही। सभा तक तो ठीक रहा लेकिन सभा खत्म होने के बाद कार्यकर्ता आमने सामने हो गए। धक्का मुक्की भी हो गई। यहां पर भी एक दूसरे के पर्दे बैनर फाड़े गए।

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