चुनाव से पहले राजस्थान को मिलेगा रिफाइनरी प्रोजेक्ट
हकीकत रिफायनरी मुद्दा … एह पी सी एल को अभी तक नहीं मिली केबिनेट की मंजूरी
नई दिल्ली ऑयल मिनिस्ट्री ने राजस्थान में 37,230 करोड़ रुपए की लागत से रिफाइनरी सेट अप करने के लिए एक नोट तैयार किया है। इसे कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। कांग्रेस शासित इस राज्य में विधानसभा चुनाव होना है, इसलिए यह फैसला काफी अहम हो सकता है। एक सरकारी अधिकारी ने मिनिस्ट्री के नोट की जानकारी दी।
सरकार और इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के अनुसार, कैबिनेट यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और कांग्रेस वाइस-प्रेसिडेंट राहुल गांधी के राज्य में विजिट करने से पहले इसे अप्रूव कर सकता है। कांग्रेस के ये दिग्गज नेता सितंबर में विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार के लिए राज्य का दौरा कर सकते हैं। राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।
सरकारी कंपनी हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) को प्रोजेक्ट लागू करने के लिए कैबिनेट की इजाजत का इंतजार है। यहां 90 लाख टन सालाना क्षमता वाली रिफाइनरी बनाई जाएगी और एचपीसीएल इस प्रोजेक्ट की प्रमोटर है। राजस्थान सरकार लंबे समय से केंद्र सरकार से राज्य में रिफाइनरी लगाने की मांग कर रही है। केयर्न इंडिया ने देश का सबसे बड़ा ऑनलैंड ऑयलफील्ड राजस्थान में खोजा है। केयर्न ने 2009 में पहली बार बाड़मेर ब्लॉक में ऑयल प्रोडक्शन शुरू किया था।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया, 'राजस्थान देश का सबसे बड़ा ऑयल प्रोड्यूसिंग राज्य है। यहां एक रिफाइनरी होनी चाहिए। केंद्र सरकार ने इसका भरोसा दिया है। राज्य सरकार इस प्रोजेक्ट को अट्रैक्टिव बनाने के लिए जमीन और फाइनेंशियल छूट देने का भरोसा दे रही है।' गहलोत ने कहा, 'मैंने प्रधानमंत्री से राज्य में रिफाइनरी लगाने में मदद करने को कहा है। राजस्थान अकेला राज्य है, जहां ऑयलफील्ड है, लेकिन रिफाइनरी नहीं है।'
कांग्रेस के एक नेता ने बताया, 'राजस्थान के लिए यह दूसरा सबसे बड़ा प्रोजेक्ट हो सकता है। इंदिरा गांधी नहर योजना सबसे बड़ा प्रोजेक्ट था। इसे लागू करने से ही कांग्रेस को सत्ता हासिल करने में मदद मिली थी।' राजस्थान सरकार एचपीसीएल के इस रिफाइनरी प्रोजेक्ट में 26 फीसदी स्टेक लेने का मन बना रही है। एचपीसीएल को भी स्ट्रैटेजिक पार्टनर की तलाश है। कंपनी के एक अधिकारी ने बताया, 'कई नेशनल और इंटरनेशनल ऑयल कंपनियों से बात चल ही है। एचपीसीएल इस प्रोजेक्ट में 51 फीसदी हिस्सेदारी रखेगी।' ड्राफ्ट कैबिनेट नोट के अनुसार , ग्रीनफील्ड रिफाइनरी प्रोजेक्ट फाइनेंशियल तौर पर व्यवहारिक है। नोट केअनुसार , राज्य सरकार ने कैपिटल एक्सपेंडिचर पूरा करने के लिए हर साल 3,736 करोड़ रुपए का इंटरेस्ट फ्रीलोन सहित अन्य सुविधाएं देने का वादा किया है। राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया , ' राजस्थान नेअगले 15 साल में कंपनी को 56,040 करोड़ रुपए का फाइनेंशियल इनसेंटिव पैकेज देने की पेशकश की है।सरकार जमीन , पानी और बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर भी द ेगी।'
सरकार और इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के अनुसार, कैबिनेट यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और कांग्रेस वाइस-प्रेसिडेंट राहुल गांधी के राज्य में विजिट करने से पहले इसे अप्रूव कर सकता है। कांग्रेस के ये दिग्गज नेता सितंबर में विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार के लिए राज्य का दौरा कर सकते हैं। राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।
सरकारी कंपनी हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) को प्रोजेक्ट लागू करने के लिए कैबिनेट की इजाजत का इंतजार है। यहां 90 लाख टन सालाना क्षमता वाली रिफाइनरी बनाई जाएगी और एचपीसीएल इस प्रोजेक्ट की प्रमोटर है। राजस्थान सरकार लंबे समय से केंद्र सरकार से राज्य में रिफाइनरी लगाने की मांग कर रही है। केयर्न इंडिया ने देश का सबसे बड़ा ऑनलैंड ऑयलफील्ड राजस्थान में खोजा है। केयर्न ने 2009 में पहली बार बाड़मेर ब्लॉक में ऑयल प्रोडक्शन शुरू किया था।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया, 'राजस्थान देश का सबसे बड़ा ऑयल प्रोड्यूसिंग राज्य है। यहां एक रिफाइनरी होनी चाहिए। केंद्र सरकार ने इसका भरोसा दिया है। राज्य सरकार इस प्रोजेक्ट को अट्रैक्टिव बनाने के लिए जमीन और फाइनेंशियल छूट देने का भरोसा दे रही है।' गहलोत ने कहा, 'मैंने प्रधानमंत्री से राज्य में रिफाइनरी लगाने में मदद करने को कहा है। राजस्थान अकेला राज्य है, जहां ऑयलफील्ड है, लेकिन रिफाइनरी नहीं है।'
कांग्रेस के एक नेता ने बताया, 'राजस्थान के लिए यह दूसरा सबसे बड़ा प्रोजेक्ट हो सकता है। इंदिरा गांधी नहर योजना सबसे बड़ा प्रोजेक्ट था। इसे लागू करने से ही कांग्रेस को सत्ता हासिल करने में मदद मिली थी।' राजस्थान सरकार एचपीसीएल के इस रिफाइनरी प्रोजेक्ट में 26 फीसदी स्टेक लेने का मन बना रही है। एचपीसीएल को भी स्ट्रैटेजिक पार्टनर की तलाश है। कंपनी के एक अधिकारी ने बताया, 'कई नेशनल और इंटरनेशनल ऑयल कंपनियों से बात चल ही है। एचपीसीएल इस प्रोजेक्ट में 51 फीसदी हिस्सेदारी रखेगी।' ड्राफ्ट कैबिनेट नोट के अनुसार , ग्रीनफील्ड रिफाइनरी प्रोजेक्ट फाइनेंशियल तौर पर व्यवहारिक है। नोट केअनुसार , राज्य सरकार ने कैपिटल एक्सपेंडिचर पूरा करने के लिए हर साल 3,736 करोड़ रुपए का इंटरेस्ट फ्रीलोन सहित अन्य सुविधाएं देने का वादा किया है। राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया , ' राजस्थान नेअगले 15 साल में कंपनी को 56,040 करोड़ रुपए का फाइनेंशियल इनसेंटिव पैकेज देने की पेशकश की है।सरकार जमीन , पानी और बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर भी द ेगी।'
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