सोमवार, 15 जुलाई 2013

संकट आते ही बुर्का ओढ लेती है कांग्रेस

संकट आते ही बुर्का ओढ लेती है कांग्रेस
पुणे। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कांग्रेस और केन्द्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। पुणे में भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस पर जब-जब संकट आता है वह सेक्युलरिज्म का बुर्का पहनकर बंकर में घुस जाती है। कांग्रेस की बीते 50 साल से बुर्का पहनकर बंकर में छिप जाने की चाल अब नहीं चलेगी। उसे देश में बढ़ रही महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी पर जवाब देना ही होगा। कांग्रेस की नीति है चुनाव आने पर टुकड़े फेंकते रहो,वोट बटोर लो और फिर पांच साल आराम से काटो।


गरीबी दूर करने के वादे का क्या हुआ

मोदी ने कांग्रेस पर गरीबी दूर करने का वादा पूरा नहीं कर देश के लोगों को धोखा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 1970 के दशक में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने गरीबी हटाओ का नारा दिया था। इंदिरा गांधी के 1971 के चुनाव में दिए गए नारे "गरीबी हटाओ" और बाद में उनके बेटे व पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा इसका इस्तेमाल किए जाने की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा कि 35 वर्ष पहले उन्होंने गरीबी उन्मूलन का वादा किया था। कोई उनसे पूछे कि उस वादे का क्या हुआ? मोदी ने कहा कि क्या यह धोखा नहीं है? भारत के गरीब उनकी मत पेटियां भरते रहे, और अब उन्होंने खुले तौर पर मान लिया है कि वे गरीबी नहीं हटा सकते।

शहजादे साहब गरीबों के घरों में जाते हैं

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि शहजादे साहब गरीबों के घरों में जाते हैं तथा मीडिया को वह ध्वंसावशेष दिखाते हैं जहां कभी महल था। उन्होंने व्यंग्य किया कि शहजादे शायद यह कहना चाहते है कि देखो हमारे पुरखों ने क्या किया।

अर्थशास्त्री से अनर्थशास्त्री बन गए मनमोहन

भाजपा नेता ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर भी हमला बोला। मोदी ने कहा कि अर्थशास्त्र का विशेषज्ञ होने के बावजूद वह रूपए की कीमत में लगातार हो रही गिरावट को रोक नहीं पा रहे। राहुल गांधी का नाम लिए बगैर मोदी ने कहा कि "वारिस" गरीबों के घर में रात गुजारते हैं और मीडिया तथा विदेशियों को इसे "अतीत के हिस्से" कह कर दिखाते हैं, जब 35 साल पहले कांग्रेस ने "गरीबी हटाओ" का नारा दिया था।

मनमोहन सरकार को बेदखल कर देश बचाएं

मोदी ने यहां बीजे मेडिकल कॉलेज मैदान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि देश की मौजूदा समस्याओं के लिये केन्द्र सरकार जिम्मेदार है तथा इस सरकार को बेदखल कर ही देश का उद्धार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि देश की जनता केन्द्र में नई सरकार चाहती है क्योंकि मनमोहन सरकार ने महंगाई और भ्रष्टाचार को छोड़कर कुछ नहीं दिया।


बिल से खाना प्लेट में पहुंच जाएगा?

खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम को लेकर मोदी ने कहा कि सरकार यह सोचती है कि खाद्य सुरक्षा बिल लाने से ही जरूरतमंद लोगों तक खाना पहुंच जाएगा। पुणे के फग्र्यूसन कॉलेज में छात्रों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि दिल्ली की सरकार यह सोचती है कि खाद्य सुरक्षा बिल लाने से ही आपकी प्लेट में खाना पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि दूसरों की सत्ता में रूचि है जबकि मेरी भारतीयों के सशक्तिकरण में दिलचस्पी है। गौरतलब है कि खाद्य सुरक्षा यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है। खाद्य सुरक्षा बिल पर सहमति नहीं बनने के कारण कैबिनेट ने अध्यादेश लाने को मंजूरी दी थी।

"वेस्टर्न नहीं,मॉर्डन एजुकेशन चाहिए"

मोदी ने कहा कि हमारी शिक्षा मेन मेकिंग थी लेकिन उसे मनी मेकिंग बना दिया गया है। शिक्षा व्यवस्था की हालत पहले से बदतर हुई। जिस तरह अमरीका की शिक्षा व्यवस्था में सर्वागीण विकास के अवसर मिलते हैं उसी तरह हमारे गुरूकुलों में राजा और प्रजा को एक साथ शिक्षा प्राप्त करने की व्यवस्था थी लेकिन आज छात्रों को सर्वागीण विकास के लिए उचित शिक्षा नहीं मिल रही है।

मोदी ने कहा कि मैं सोशल मीडिया खासतौर पर टि्वटर पर बहुत एक्टिव हूं। सोशल मीडिया के जरिए देश के कोने-कोने के छात्रों का मुझसे संपर्क होता है। मैंने युवाओं से सुझाव मांगे थे। करीब 2500 युवाओं ने मुझे सुझाव भेजे। मेरे भाषण में कई विचार उन युवाओं के हैं। आगे भी मुझे आपका मार्गदर्शन चाहिए। उन्होंने कहा कि देश की 65 फीसदी जनसंख्या युवा है। यही देश और दुनिया को बहुत कुछ दे सकता है,लेकिन उन्हें सही मार्गदर्शन की जरूरत है।

युवाओं की राष्ट्र निर्माण में बहुत बड़ी भूमिका है। युवा देश के बारे में सोचता है। वह कुछ करना चाहता है। नौजवानों के पास सपने हैं,उमंग है लेकिन देश में निराशा का माहौल है। देश को इस माहौल से निकालना होगा। 120 करोड़ के देश में जब एक भी खिलाड़ी मेडल नहीं जीत पाता तो बहुत निराशा होती है। हमने अब तक अपनी युवा पीढ़ी को कोई अवसर नही दिया। युवाओं को आगे ले जाने के लिए सोच चाहिए।

1200 साल की गुलामी के बावजूद देश सीना तानकर खड़ा है। गुलामी के दौर में अंग्रेजों को ललकारने का साहस लोकमान्य बाल गंगाधकर तिलक ने दिखाया था। इस मंच से मैं राजनितिक बयान नहीं देना चाहता हूं लेकिन हमें यह सोचना होगा कि क्या हमने अपने पूर्वजों के सपनों को पूरा किया है।

कांग्रेस ने दी तीखी प्रतिक्रिया

मोदी के "बुर्के"वाले ताने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी। संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने मोदी के बयान को संविधान के खिलाफ बताया। शुक्ला ने कहा कि अगर मोदी को सेक्युलरिज्म शब्द पर आपत्ति है तो फिर उन्हें संविधान पर भी आपत्ति होगी।

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने मोदी को फेंकू बताते हुए कहा कि कॉमनवेल्थ पर वे सवाल उठा रहे हैं जबकि आप इसमें भाग ले चुके हैं। किसी भी देश से पूछ लिजिए वह इसकी तारीफ करेगा।

कांग्रेस नेता शकील अहमद ने ट्वीट कर कहा कि सेक्युलरिज्म का बुर्का बीजेपी की सांप्रदायिकता से कहीं बेहतर है। सांप्रदायिकता देश को बांटने का काम करती है।

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