स्विस महिला गैंगरेप केस,6 को उम्रकैद
भोपाल। मध्य प्रदेश के दतिया जिले में स्विस महिला से हुए गैंगरेप केस में स्पेशल कोर्ट ने सभी छह आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। 15 मार्च को हुई इस वारदात के महज 4 माह के भीतर ही कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। यह प्रकरण भारत एवं स्विट्जरलैण्ड में चर्चित रहा है।
प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 31 गवाह न्यायालय में प्रस्तुत किए गए। इस अपराध की घटना के बाद 11 दिन के अन्दर पुलिस अनुसन्धान पूर्ण हो कर न्यायालय मे चार्ज-शीट दिनांक 26 मार्च को प्रस्तुत हुई थी और पौने चार माह में अभियोजन पक्ष की ओर से अपनी साक्ष्य समाप्त घोषित कर दी थी।
विशेष न्यायाधीश जितेन्द्र कुमार शर्मा की न्यायालय से पुलिस थाना सिविल लाइन्स के अपराध R. 32/2013 धारा 376 (डी), 395, 397 आई.पी.सी. एवं धारा 11/13 एम.पी.डी.के. तथा धारा 25 (1) (1-बी) (ए) 27(ए) आम्र्स एक्ट के अपराध मे निर्णय सुनाते हुए अभियुक्त रामप्रोक (23 वर्ष), बृजेश उर्फ गजा (24), भुता (30 वर्ष) ऋषि उर्फ बाबा (20), विष्णु (25वर्ष) एवं नितिन (22 वर्ष) को धारा 376 (डी) एवं 395 आई.पी.सी. व धारा 13 एम.पी.डी.पी.के. के अपराध में आजीवन कारावास एवं प्रत्येक को 10-10 हजार रूपए का जुर्माना से दण्डित किया गया है।
अतिरिक्त रूप में अभियुक्त रामप्रोक को धारा 397/395 तथा 25/27 आर्मस एक्ट के अपराध में तीन-तीन वर्ष का अतिरिक्त कारावास एवं 500/- अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। इस जुर्माने की राशि में से 50 हजार रूपए बलात्कार की पीडित विदेशी महिला को भुगतान किए जाने का निर्णय दिया गया है।
घटना वाली रात क्या-क्या हुआ
अभियोजन की कहानी के अनुसार स्विट्जरलैण्ड से इस प्रकरण के पीडित पति-पत्नी दिनांक 15 फ रवरी 2013 को भारत भ्रमण पर आए थे और यह विदेशी जोड़ा साइकिल से भ्रमण कर रहा था। दिनांक 15 मार्च 2013 को सैलानी जोड़ा साइकिल से दतिया होकर इंदरगढ़ रोड की तरफ शाम को लगभग 7 बजे जा रहे थे तो ग्राम झडिया के पास सड़क के निकट भुता जंगल में इन दोनों ने रात व्यतीत करने के लिए एक छोटा सा टेन्ट लगाया था। दोनों रात 9 बजे जब अपने टेन्ट के अंदर थे तो अभियुक्तगण बन्दूक तथा लाठी लिए टेन्ट के पास पहुंचे और पति को बाहर बुलाकर उससे रूपयों की मांग की।
उसी समय झगड़े का माहौल देखकर पत्नी भी टेन्ट के बाहर आ गई थी। अभियुक्तगण ने दोनों की मारपीट करना प्रारम्भ कर दिया। बन्दूक को दिखाते हुए धमकाया। पति को पकड़कर जमीन पर पटक दिया, उसके दोनों हाथ बांध दिए और पत्नी को पति से अलग हटाकर दूर कर लिया तभी कुछ अभियुक्तों ने पत्नी को घेर लिया और उसके हाथ बांध दिए, मारपीट करने लगे तथा उसके साथ एक-एक करके लगातार बल पूर्वक हिंसात्मक बलात्कार किया था।
इस घटना में पति व पत्नी को अनेकों चोटें आई थीं। अभियुक्तगण उनका लैपटॉप, मोबाइल, बैटरी, ईयरफ ोन और दस हजार रूपए छीनकर जंगल की ओर से भाग गए थे। घटना के दो दिन बाद ही पुलिस ने समस्त अभियुक्तगण को दिनांक 17 मार्च को गिरफ्तार कर लिया था और उनसे लूटा हुआ समस्त सामान जप्त किया जिसकी शिनाख्तगी पीडित पति से कार्यपालक मजिस्ट्रेट के समक्ष एवं न्यायालय में ट्रायल के दौरान की गई थी।
फिंगरप्रिंट और मेडिकल रिपारेर्ट बनी सबूत
न्यायालय में फिं गरप्रिंट एक्सपर्ट ने भी यह प्रमाणित किया था कि लैपटॉप आदि पर अभियुक्तगण के अंगुष्ठ चिन्ह पाए गए तथा अभियुक्तगण में से एक ने अपने हिस्से में आए मोबाइल में से विदेशी सैलानी की सिम निकालकर एक दूसरी सिम डाल ली थी और लूटे हुए मोबाइल से डायल भी किया था।
अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अभिभाषक राजेन्द्र तिवारी ने सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्रमाण डी.एन.ए. टेस्ट रिपोर्ट की ओर न्यायालय में अपना तर्क प्रस्तुत किया था। डी.एन.ए. टेस्ट रिपोर्ट में पीडित महिला की वेजाइनल स्लाइड में पांच अभियुक्तगण के शुक्राणु मौजूद पाए गए थे।
अभियुक्त ऋ षि उर्फ बाबा की डी.एन.ए. टेस्ट रिपोर्ट पोजीटिव नहीं थी लेकिन इस अभियुक्त से डकैती में लूटी गई बैटरी, ईयरफ ोन, रूपए व लड़की जप्त हुई थी। इस कारण से यह स्पष्ट हुआ कि गैंगरेप एवं डकैती के अपराध में अन्य अभियुक्तगण के साथ ऋ षि उर्फ बाबा भी शामिल था।
घटना के बाद स्विस लौट गए दंपती
इस महत्वपूर्ण प्रकरण में विदेशी स्विस सैलानी जोडा घटना के 10 दिन बाद ही भारत छोड़ कर स्विटजरलैण्ड चले गए थे और घटना के कारण इतने भयभीत थे कि वे दतिया न्यायालय में उपस्थित होकर अपना ब्यान नहीं देना चाहते थे।
अभियोजन पक्ष के समक्ष बड़ी विकट स्थिति यह थी कि गैंगरेप की पीडित महिला और उसके पति का कथन कराए बिना न्याय नहीं मिल सकता था। तब चाणक्यपुरी नई दिल्ली में स्थित स्विटजरलैण्ड दूतावास के माध्यम से पीडित पति-पत्नी से सम्पर्क किया गया था और कथन के लिए उनकी आवश्यकता बताई गई।
लम्बित प्रकरण में स्विटजरलैण्ड से भारत वापिस आने के लिए वे इस शर्त पर तैयार हुए थे कि दतिया न्यायालय में पीडित महिला भय और शॉक के कारण कथन देने हेतु नहीं जाएगी और उन दोनों का कथन चाणक्यपुरी नई दिल्ली में स्थित स्विटजरलैण्ड एम्बेसी के अन्दर कमीशन पर मजिस्ट्रेट के द्वारा रिकॉर्ड किए जाने का उन्होंने प्रस्ताव रखा था।
भोपाल। मध्य प्रदेश के दतिया जिले में स्विस महिला से हुए गैंगरेप केस में स्पेशल कोर्ट ने सभी छह आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। 15 मार्च को हुई इस वारदात के महज 4 माह के भीतर ही कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। यह प्रकरण भारत एवं स्विट्जरलैण्ड में चर्चित रहा है।
प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 31 गवाह न्यायालय में प्रस्तुत किए गए। इस अपराध की घटना के बाद 11 दिन के अन्दर पुलिस अनुसन्धान पूर्ण हो कर न्यायालय मे चार्ज-शीट दिनांक 26 मार्च को प्रस्तुत हुई थी और पौने चार माह में अभियोजन पक्ष की ओर से अपनी साक्ष्य समाप्त घोषित कर दी थी।
विशेष न्यायाधीश जितेन्द्र कुमार शर्मा की न्यायालय से पुलिस थाना सिविल लाइन्स के अपराध R. 32/2013 धारा 376 (डी), 395, 397 आई.पी.सी. एवं धारा 11/13 एम.पी.डी.के. तथा धारा 25 (1) (1-बी) (ए) 27(ए) आम्र्स एक्ट के अपराध मे निर्णय सुनाते हुए अभियुक्त रामप्रोक (23 वर्ष), बृजेश उर्फ गजा (24), भुता (30 वर्ष) ऋषि उर्फ बाबा (20), विष्णु (25वर्ष) एवं नितिन (22 वर्ष) को धारा 376 (डी) एवं 395 आई.पी.सी. व धारा 13 एम.पी.डी.पी.के. के अपराध में आजीवन कारावास एवं प्रत्येक को 10-10 हजार रूपए का जुर्माना से दण्डित किया गया है।
अतिरिक्त रूप में अभियुक्त रामप्रोक को धारा 397/395 तथा 25/27 आर्मस एक्ट के अपराध में तीन-तीन वर्ष का अतिरिक्त कारावास एवं 500/- अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। इस जुर्माने की राशि में से 50 हजार रूपए बलात्कार की पीडित विदेशी महिला को भुगतान किए जाने का निर्णय दिया गया है।
घटना वाली रात क्या-क्या हुआ
अभियोजन की कहानी के अनुसार स्विट्जरलैण्ड से इस प्रकरण के पीडित पति-पत्नी दिनांक 15 फ रवरी 2013 को भारत भ्रमण पर आए थे और यह विदेशी जोड़ा साइकिल से भ्रमण कर रहा था। दिनांक 15 मार्च 2013 को सैलानी जोड़ा साइकिल से दतिया होकर इंदरगढ़ रोड की तरफ शाम को लगभग 7 बजे जा रहे थे तो ग्राम झडिया के पास सड़क के निकट भुता जंगल में इन दोनों ने रात व्यतीत करने के लिए एक छोटा सा टेन्ट लगाया था। दोनों रात 9 बजे जब अपने टेन्ट के अंदर थे तो अभियुक्तगण बन्दूक तथा लाठी लिए टेन्ट के पास पहुंचे और पति को बाहर बुलाकर उससे रूपयों की मांग की।
उसी समय झगड़े का माहौल देखकर पत्नी भी टेन्ट के बाहर आ गई थी। अभियुक्तगण ने दोनों की मारपीट करना प्रारम्भ कर दिया। बन्दूक को दिखाते हुए धमकाया। पति को पकड़कर जमीन पर पटक दिया, उसके दोनों हाथ बांध दिए और पत्नी को पति से अलग हटाकर दूर कर लिया तभी कुछ अभियुक्तों ने पत्नी को घेर लिया और उसके हाथ बांध दिए, मारपीट करने लगे तथा उसके साथ एक-एक करके लगातार बल पूर्वक हिंसात्मक बलात्कार किया था।
इस घटना में पति व पत्नी को अनेकों चोटें आई थीं। अभियुक्तगण उनका लैपटॉप, मोबाइल, बैटरी, ईयरफ ोन और दस हजार रूपए छीनकर जंगल की ओर से भाग गए थे। घटना के दो दिन बाद ही पुलिस ने समस्त अभियुक्तगण को दिनांक 17 मार्च को गिरफ्तार कर लिया था और उनसे लूटा हुआ समस्त सामान जप्त किया जिसकी शिनाख्तगी पीडित पति से कार्यपालक मजिस्ट्रेट के समक्ष एवं न्यायालय में ट्रायल के दौरान की गई थी।
फिंगरप्रिंट और मेडिकल रिपारेर्ट बनी सबूत
न्यायालय में फिं गरप्रिंट एक्सपर्ट ने भी यह प्रमाणित किया था कि लैपटॉप आदि पर अभियुक्तगण के अंगुष्ठ चिन्ह पाए गए तथा अभियुक्तगण में से एक ने अपने हिस्से में आए मोबाइल में से विदेशी सैलानी की सिम निकालकर एक दूसरी सिम डाल ली थी और लूटे हुए मोबाइल से डायल भी किया था।
अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अभिभाषक राजेन्द्र तिवारी ने सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्रमाण डी.एन.ए. टेस्ट रिपोर्ट की ओर न्यायालय में अपना तर्क प्रस्तुत किया था। डी.एन.ए. टेस्ट रिपोर्ट में पीडित महिला की वेजाइनल स्लाइड में पांच अभियुक्तगण के शुक्राणु मौजूद पाए गए थे।
अभियुक्त ऋ षि उर्फ बाबा की डी.एन.ए. टेस्ट रिपोर्ट पोजीटिव नहीं थी लेकिन इस अभियुक्त से डकैती में लूटी गई बैटरी, ईयरफ ोन, रूपए व लड़की जप्त हुई थी। इस कारण से यह स्पष्ट हुआ कि गैंगरेप एवं डकैती के अपराध में अन्य अभियुक्तगण के साथ ऋ षि उर्फ बाबा भी शामिल था।
घटना के बाद स्विस लौट गए दंपती
इस महत्वपूर्ण प्रकरण में विदेशी स्विस सैलानी जोडा घटना के 10 दिन बाद ही भारत छोड़ कर स्विटजरलैण्ड चले गए थे और घटना के कारण इतने भयभीत थे कि वे दतिया न्यायालय में उपस्थित होकर अपना ब्यान नहीं देना चाहते थे।
अभियोजन पक्ष के समक्ष बड़ी विकट स्थिति यह थी कि गैंगरेप की पीडित महिला और उसके पति का कथन कराए बिना न्याय नहीं मिल सकता था। तब चाणक्यपुरी नई दिल्ली में स्थित स्विटजरलैण्ड दूतावास के माध्यम से पीडित पति-पत्नी से सम्पर्क किया गया था और कथन के लिए उनकी आवश्यकता बताई गई।
लम्बित प्रकरण में स्विटजरलैण्ड से भारत वापिस आने के लिए वे इस शर्त पर तैयार हुए थे कि दतिया न्यायालय में पीडित महिला भय और शॉक के कारण कथन देने हेतु नहीं जाएगी और उन दोनों का कथन चाणक्यपुरी नई दिल्ली में स्थित स्विटजरलैण्ड एम्बेसी के अन्दर कमीशन पर मजिस्ट्रेट के द्वारा रिकॉर्ड किए जाने का उन्होंने प्रस्ताव रखा था।
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