जांच में फर्जीवाड़ा उजागर
62 लाख रूपए का भुगतान उठाने के मामले की जांच पूरी
जैसलमेर। शहरी विकास के लिए केवल कागजो मे सड़क, नाली व फर्श निर्माण कर करीब 62 लाख रूपए का भुगतान उठाने के मामले की जांच पूरी हो चुकी है।
जांच अधिकारी जयसिंह परिहार की ओर से नगरपरिषद आयुक्त आरके माहेश्वरी को सौंपी गई रिपोर्ट मे गलत भुगतान उठाने, धोखाधड़ी करने व कूट रचित दस्तावेज पेश किए जाने की पुष्टि हुई है। मंगलवार शाम को यह रिपोर्ट सौंपे जाने पर नगरपरिषद आयुक्त माहेश्वरी ने पुलिस मे मामला दर्ज करवा दिया है। जांच रिपोर्ट मे यह भी स्पष्ट किया गया है कि जिस कार्य के लिए भुगतान उठाया गया है, हकीकत मे वहां कार्य हुआ ही नहीं। नगरपरिषद आयुक्त माहेश्वरी ने आरोपी संबंधित ठेकेदार के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है, लेकिन पुलिस जांच मे और भी कई लोगों पर गाज गिरने के आसार है।
इससे पूर्व जांच अधिकारी जयसिंह परिहार की ओर से मंगलवार को जांच रिपोर्ट सौंपने और उसमे गड़बड़झाले का मामला उजागर होने से मंगलवार को नगरपरिषद मे दिन भर चर्चा का माहौल बना रहा। गौरतलब है कि नगरपरिषद प्रशासन के सामने जैसलमेर नगर मे गीता आश्रम कच्ची बस्ती में नाली-फर्श और बाड़मेर तिराहे से एसबीबीजे चौराहा जाने वाले सड़क मार्ग पर कारपेट बिछाने के कार्य मे गड़बड़झाला होने और हकीकत मे वहां कार्य ही नहीं किए जाने के बावजूद 62 लाख रूपए का भुगतान उठाने का मामला सामने आया था। इस कार्य मे फर्जीवाड़ा व अनियमितताओं के साथ भ्रष्टाचार होने का अंदेशा बना हुआ था।
सब कुछ फर्जी
यह मामला तब सामने आया, जब जैसलमेर के भीतरी क्षेत्र के वार्डो में नाली और फर्श की मरम्मत व निर्माण संबंधी कार्य लंबे समय से नहीं हो रहे थे, लेकिन वार्ड नंबर 30 मे नाली-फर्श और सड़क निर्माण कार्यो पर लाखों की राशि खर्च होने की जानकारी आ रही थी। उक्त कार्यो मे फर्जीवाड़ा किए जाने की शिकायत सामने आने पर नगरपरिषद आयुक्त माहेश्वरी ने इसकी जांच नगरपरिषद के सहायक अभियंता को सौंपी थी। जांच अधिकारी ने दस्तावेजों को खंगालने के साथ ही कार्य स्थलों का भौतिक सत्यापन किया गया। ऎसे मे पूरा मामला फर्जी पाया गया। आयुक्त ने जांच रिपोर्ट के बाद पुलिस मे मामला दर्ज कराया।
इन्होने कहा
जांच अधिकारी ने मुझे रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट मे गलत तरीके से भुगतान होने व फर्जीवाड़ा किए जाने की बात सामने आई है। इस संबंध मे मामला दर्ज करवाया गया गया है। मामले मे और कौन-कौन दोषी है, यह बात पुलिस जांच मे सामने आ जाएगी। -आरके माहेश्वरी, नगरपरिषद आयुक्त, जैसलमेर
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