मंत्रिमंडल में बहुप्रतीक्षित फेरबदल कल
नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्रिमंडल में बहुप्रतीक्षित फेरबदल सोमवार को किया जाएगा, जिसमें कई रिक्तियों को भरने के अलावा दो-दो मंत्रालय संभाल रहे मंत्रियों का भार कम किए जाने की उम्मीद है। राष्ट्रपति भवन के प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी राष्ट्रपति भवन में शाम साढे पांच बजे आयोजित समारोह में नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे।
आम चुनाव के लिए अब एक साल से कम समय रह गया है और माना जा रहा है कि डा. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की इस दूसरी सरकार का यह आखिरी फेरबदल होगा। फेरबदल से पहले शनिवार को केंद्रीय शहरी आवास एवं गरीबी उन्मूलन मंत्री अजय माकन और सड़क परिवहन तथा रेल मंत्री सीपी जोशी ने इस्तीफा दे दिया था जिसे राष्ट्रपति ने रविवार को प्रधानमंत्री की सलाह पर स्वीकार कर लिया। इन दोनों मंत्रियों को दिल्ली तथा अन्य कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपे जाने की संभावना है।
मंत्रिमंडल में होने वाले इस फेरबदल से कांग्रेस संगठन में भी जल्दी फेरबदल के आसार बढ़ गए हैं। गत जनवरी में जयपुर में हुए पार्टी के चिंतन शिविर में राहुल गांधी को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद से ही संगठन में व्यापक फेरबदल की संभावना जताई जा रही थी।
माकन ने शनिवार को इस्तीफा देने के बाद संगठन में काम करने कीइच्छा जताई थी। वह नई दिल्ली क्षेत्र से सांसद हैं और विधानसभा चुनावों को देखते हुए उन्हें प्रदेश इकाई या अखिल भारतीय कांग्रेस समिति में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। जोशी राजस्थान से सांसद हैं। वहां भी इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। उन्होंने कहा है कि पार्टी उन्हें जो भी नई जिम्मेदारी सौंपेंगी, उसे भी वह अपनी पूरी योग्यता के साथ निभाएंगे।
प्रधानमंत्री ने हाल में अपनी जापान यात्रा से लौटते हुए कहा था कि मंत्रिमंडल में रिक्त पदों को भरने पर विचार किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष तृणमूल कांग्रेस के संप्रग सरकार से हटने और उसके बाद गत मार्च में द्रमुक के उससे अलग होने के बाद मंत्रिमंडल में कई पद रिक्त हैं। पिछले ही माह पवन कुमार बंसल रेल मंत्रालय और अश्विनी कुमार कानून मंत्रालय से इस्तीफा दे चुके हैं।
बंसल ने रेलवे में घूसकांड के चलते अपना पद छोड़ा था जबकि कुमार ने कोयला घोटाले में सीबीआई की जांच में हस्तक्षेप के आरोपों के बाद इस्तीफा दिया था। रेल मंत्रालय का अतिरिकत प्रभार जोशी संभाल रहे थे जबकि कानून मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार कपिल सिब्बल को दिया गया जिनके पास पहले से संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय है। इस फेरबदल में रिक्तियों को भरे जाने के साथ ही दो-दो मंत्रालय का भार संभाल रहे मंत्रियों का भार कम किए जाने की उम्मीद है।
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