आग में कूदकर मां कलेजे से चिपका लाई बेटे को
मां-बेटे गंभीर झुलसे, फिर भी देर रात तक पुलिस में कोई मामला दर्ज नहीं
देर रात तक पुलिस में कोई मामला दर्ज नहीं, आग में कोई झुलसा भी है, पुलिस ने यह जानने की कोशिश तक नहीं की, मां-बेटे करीब 60 फीसदी से ज्यादा झुलसे हैं, शाम को जोधपुर रेफर
आग में एक ट्रैक्टर- ट्रॉली व 4 बाइक-मोपेड , कपड़े के सैकड़ों थान व भारी मात्रा में केमिकल जलकर नष्ट, फैक्ट्री मालिक छिपाता रहा मां-बेटे के झुलसने की बात को, पुलिस को दी रिपोर्ट में भी डेढ़ करोड़ रुपए नुकसान का दावा तो किया लेकिन गंभीर रूप से झुलसे मां-बेटे का जिक्र तक नहीं
मंडिया रोड पर एक टैक्सटाइल डाइंग फैक्ट्री में भीषण आग, महिला श्रमिक का 2 वर्षीय बेटा खेल रहा था अडान के नीचे, आसपास कपड़े के सैकड़ों थान पकड़ चुके थे आग, बेटे को आग में घिरा देख मां कूद पड़ी उसे बचाने, मां और बेटे दोनों गंभीर रूप से झुलसे, लोगों ने बांगड़ अस्पताल में भर्ती करवाया
पाली
मंडिया रोड स्थित मातोश्री टैक्सटाइल डाइंग फैक्ट्री में रविवार दोपहर लगी भीषण आग की लपटों में घिरे अपने दो वर्षीय बेटे को बचाने मां भी कूद पड़ी। एक बारगी वह अपने बेटे को मौत के मुंह से जिंदा बाहर खींच लाई। हालांकि इस प्रयास में वह खुद भी गंभीर रूप से झुलस गई। डॉक्टरों के अनुसार मां-बेटे दोनों 60 फीसदी से ज्यादा झुलसे हैं और उनकी हालत चिंताजनक है। शाम को दोनों को जोधपुर रेफर कर दिया गया। इधर, फैक्ट्री प्रबंधन इस मामले को छिपाने की कोशिश करता रहा। पुलिस को दी गई रिपोर्ट में फैक्ट्री मालिक ने सिर्फ एक ट्रैक्टर सहित चार बाइक, केमिकल और कपड़े के थान से डेढ़ करोड़ रुपए के नुकसान का दावा किया है। रिपोर्ट में महिला श्रमिक और उसके बेटे के झुलसने का कोई जिक्र तक नहीं। देर रात तक पुलिस ने इस संबंध में कोई मामला दर्ज नहीं किया, मां-बेटे के झुलसने की घटना से वह भी अनभिज्ञता जताती रही। उधर श्रमिक के रिश्तेदारों व फैक्ट्री प्रबंधन के मोबाइल भी स्विच ऑफ थे।
मंडिया रोड पर रविवार दोपहर एक फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। घटना में महिला श्रमिक तथा उसका 2 वर्षीय मासूम गंभीर रूप से झुलस गया। आग में सैकड़ों कपड़े के थान, एक ट्रैक्टर व 4 बाइक भी जलकर नष्ट हो गईं। इधर, आगजनी की इस घटना से क्षेत्र में करीब 3 घंटे तक अफरा-तफरी का माहौल रहा। इस बीच नगरपरिषद व रीको की फायरब्रिगेड के साथ मौके पर पहुंचे दमकलकर्मियों ने 3 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। स्थानीय लोगों ने आग में झुलसे महिला श्रमिक व उसके बेटे को बांगड़ अस्पताल की बर्न यूनिट में भर्ती कराया गया है। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। जानकारी के अनुसार मंडिया रोड-ट्रीटमेंट प्लांट मार्ग पर मातोश्री डाइंग कंपनी में धुलाई के बाद कपड़े के थान अडान पर सूख रहे थे। दोपहर करीब ढाई बजे अज्ञात कारणों से अडान पर सूख रहे कपड़े के थान में आग लग गई। यह फैक्ट्री बांडी नदी के समीप ही स्थित होने के कारण हवा का वेग तेज होने के कारण आग ने धीरे-धीरे विकराल रूप धारण कर लिया,जिससे क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। इस दौरान अडान के नीचे ही महिला श्रमिक शांतिदेवी (30) पत्नी त्रिलोकसिंह काम कर रही थी तथा उसका 2 वर्षीय पुत्र गजेंद्रसिंह (अस्पताल रिकॉर्ड में भरत) भी पास में ही खेल रहा था। अचानक शांति की नजर बेटे पर पड़ी तो वह आग की भीषण लपटों में घिर चुका था। शांति अपनी जान की परवाह किए बिना आग की लपटों के बीच कूद पड़ी और बेटे को छाती से चिपकाकर दौड़ पड़ी। इस प्रयास में वह भी गंभीर रूप से झुलस गई। मौके पर पहुंचे लोगों ने उसे अस्पताल में भर्ती करवाया। डॉक्टरों के अनुसार मां-बेटे 60 फीसदी तक झुलसे हैं। बांगड़ अस्पताल के रिकॉर्ड के अनुसार उन्हें शाम 4.30 बजे भगवान सिंह नामक व्यक्ति ने भर्ती करवाया गया। हालत चिंताजनक होने पर शाम 6.30 बजे उन्हें जोधपुर रेफर कर दिया गया। बच्चे का चेहरा तथा सीना झुलसाहै तो मां का चेहरा, छाती और पीठ गंभीर रूप से झुलसी है।
इधर, फैक्ट्री के श्रमिकों समेत अन्य नागरिकों ने अपने स्तर पर आग पर काबू पाने का प्रयास किया, मगर आग की लपटें काफी तेज थीं तथा पूरे फैक्ट्री परिसर में फैल गई। परिसर में भारी मात्रा में लकड़ी के गुटखे, केमिकल और सैकड़ों कपड़े के थान सूख रहे थे। एक ट्रैक्टर ट्रॉली में कपड़े के थान रखे हुए थे। आग से कपड़ा और ट्रैक्टर ट्राली भी पूरी तरह जल गए। इस मामले की जानकारी मिलते ही नगरपरिषद से 3 तथा रीको की एक फायरब्रिगेड लेकर दमकलकर्मी मौके पर पहुंचे। साथ ही आसपास की फैक्ट्रियों से पानी के टैंकर भी मंगवाए गए। करीब 3 घंटे के प्रयास के बाद आग पर काबू पाया गया। आग में अडान पर सूख रहे सैकड़ों कपड़े के थान जलकर पूरी तरह से राख हो गए। इसके साथ ही फैक्ट्री परिसर में ही खड़ा 1 ट्रैक्टर तथा 4 बाइक भी जलकर नष्ट हो गईं। आग से फैक्ट्री की दीवारों को भी काफी नुकसान पहुंचा है।
पाली . मातोश्री डाइंग मंडिया रोड स्थित फैक्ट्री में रविवार दोपहर को अचानक आग लग जाने से आग में एक ट्रैक्टर- ट्रॉली व 4 बाइक-मोपेड , कपड़े के सैकड़ों थान व भारी मात्रा में केमिकल जलकर नष्ट हो गया। गंभीर रूप से झुलसे मा-बेटे के फोटो भास्कर के पास उपलब्ध हैं, लेकिन प्रकाशन योग्य नहीं होने के कारण यहां प्रकाशित नहीं किया जा रहा है। फैक्ट्री में भारी मात्रा में लकडिय़ां, कपड़ा व केमिकल होने के बावजूद आग बुझाने के पर्याप्त साधन नहीं थे।
फैक्ट्री मालिक ने पुलिस को दी रिपोर्ट में छिपाई मां-बेटे के झुलसने की बात
इस बाबत कोतवाली थाने में फैक्ट्री मालिक दीपेश पुत्र धनराज जैन की तरफ से रिपोर्ट दी गई है। पुलिस के अनुसार रिपोर्ट में सिर्फ ट्रैक्टर, बाइक, मोपेड, कपड़े के थान व केमिकल के नुकसान की बात की गई है। किसी प्रकार की जनहानि या किसी के झुलसने का जिक्र तक नहीं किया गया है। थाने में दर्ज फैक्ट्री मालिक के मोबाइल नंबर 9352945279 पर बात करने की कोशिश की गई लेकिन वह स्विच ऑफ आ रहा था। फायर ऑफिसर ओमप्रकाश परिहार का कहना है कि फैक्ट्री प्रबंधन किसी के झुलसने की बात को छिपा रहा था। उन्हें पता चला तो दबी जुबान से स्वीकार किया। उनके पहुंचने से पहले ही मां-बेटे को लोग अस्पताल में भर्ती करवा चुके थे। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में इसका जिक्र किया है।
फैक्ट्री का नाम कीर्ति या मातोश्री !
फायर ऑफिसर ने अपनी रिपोर्ट में फैक्ट्री का नाम मातोश्री लिखा है जबकि अस्पताल के भर्ती रिकॉर्ड में कीर्ति फैक्ट्री लिखा है। पुलिस को दी गई रिपोर्ट में मातोश्री डाइंग, एफ-87, मंडिया रोड लिखा है।
इस बाबत कोतवाली थाने में फैक्ट्री मालिक दीपेश पुत्र धनराज जैन की तरफ से रिपोर्ट दी गई है। पुलिस के अनुसार रिपोर्ट में सिर्फ ट्रैक्टर, बाइक, मोपेड, कपड़े के थान व केमिकल के नुकसान की बात की गई है। किसी प्रकार की जनहानि या किसी के झुलसने का जिक्र तक नहीं किया गया है। थाने में दर्ज फैक्ट्री मालिक के मोबाइल नंबर 9352945279 पर बात करने की कोशिश की गई लेकिन वह स्विच ऑफ आ रहा था। फायर ऑफिसर ओमप्रकाश परिहार का कहना है कि फैक्ट्री प्रबंधन किसी के झुलसने की बात को छिपा रहा था। उन्हें पता चला तो दबी जुबान से स्वीकार किया। उनके पहुंचने से पहले ही मां-बेटे को लोग अस्पताल में भर्ती करवा चुके थे। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में इसका जिक्र किया है।
फैक्ट्री का नाम कीर्ति या मातोश्री !
फायर ऑफिसर ने अपनी रिपोर्ट में फैक्ट्री का नाम मातोश्री लिखा है जबकि अस्पताल के भर्ती रिकॉर्ड में कीर्ति फैक्ट्री लिखा है। पुलिस को दी गई रिपोर्ट में मातोश्री डाइंग, एफ-87, मंडिया रोड लिखा है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें