बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर के समदडी में प्रसिद्द रसगुल्लों का आनंद अब यात्री नहीं उठा पायेंगे .कई दशको से समदडी और लूणी के निर्मित रसगुल्लों ने अपनी ख़ास पहचान राजस्थान भर में बना रखी थी बाड़मेर ,जोधपुर ,नागौर ,गुजरात ,जालोर आदी स्थानों पर रेल से जाने वाले यात्री अपने परिजनों और रिश्तेदारों के लिए यंहा क्ले रसगुल्ले ले जाना नहीं भूलते थे .कम कीमत और स्वादिष्ट रसगुल्लों ने अपनी खास पहचान बनाई थी .इन रेल वे स्टेशन पर करीब दर्जन भर वेंडर रसगुल्ले बेच कर अपने परिवार की रोजी रोटी थे . समदड़ी व लूणी रेलवे स्टेशनों पर वेंडरों के पास में रसगुल्ले बड़ी आसानी से सस्ते भावों में मिल जाते थे, लेकिन अब रेलवे प्रशासन ने रेलवे स्टेशन पर मिष्ठान बेचने पर पाबंदी लगा दी है। ऐसे में लोगों को अब रेलवे स्टेशन पर रसगुल्ले , केशरबारी आदि मिठाईयां नहीं मिल पाएगी। इससे लोगों को भी निराशा हाथ लगेगी, वहीं वेंडरों की कमाई भी मारी गई है।
शिकायत के कारण प्रतिबंध: रेलवे स्टेशन पर रसगुल्ले नहीं मिलने की जानकारी मिलने पर रेलवे प्रशासन से पता किया तो रेलवे अधिकारियों ने बताया कि किसी ने रेलवे मंडल जोधपुर को शिकायत की थी कि खुले में १२ घंटे तक मिठाई रखने पर वह खराब हो जाती है। इस शिकायत के बाद जोधपुर रेलवे मंडल की टीम ने पूरे डिविजन का निरीक्षण कर इस बात की जांच की। इसके बाद जोधुपर मंडल के रेलवे स्टेशनों पर खुली मिठाई बेचने पर पाबंदी लगा दी गई है। इस पाबंदी के कारण ज्यादातर लुणी स्टेशन के वेंडरों पर गाज गिरी है। उल्लेखनीय है कि लुणी के रसगुल्ले काफी प्रसिद्व है। लुणी रेलवे स्टेशन पर सबसे ज्यादा रसगुल्ले बिकते थे, लेकिन अब प्रतिबंध लगने से कई वेंडरों को अपने स्टॉल बंंद करने की नौबत आ गई है।
शिकायत के कारण प्रतिबंध: रेलवे स्टेशन पर रसगुल्ले नहीं मिलने की जानकारी मिलने पर रेलवे प्रशासन से पता किया तो रेलवे अधिकारियों ने बताया कि किसी ने रेलवे मंडल जोधपुर को शिकायत की थी कि खुले में १२ घंटे तक मिठाई रखने पर वह खराब हो जाती है। इस शिकायत के बाद जोधपुर रेलवे मंडल की टीम ने पूरे डिविजन का निरीक्षण कर इस बात की जांच की। इसके बाद जोधुपर मंडल के रेलवे स्टेशनों पर खुली मिठाई बेचने पर पाबंदी लगा दी गई है। इस पाबंदी के कारण ज्यादातर लुणी स्टेशन के वेंडरों पर गाज गिरी है। उल्लेखनीय है कि लुणी के रसगुल्ले काफी प्रसिद्व है। लुणी रेलवे स्टेशन पर सबसे ज्यादा रसगुल्ले बिकते थे, लेकिन अब प्रतिबंध लगने से कई वेंडरों को अपने स्टॉल बंंद करने की नौबत आ गई है।
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