रविवार, 2 जून 2013
नेहड़ क्षेत्र में सूखे पड़े जीएलआर
नेहड़ क्षेत्र में सूखे पड़े जीएलआर
कई बार भेजे प्रस्ताव लागू ही नहीं हुआ
सुथड़ी गांव में तीन साल से ढहा पड़ा है पंपिग स्टेशन
कस्बे के निकटवर्ती सुथड़ी में बने पंपिग स्टेशन ढह जाने के कारण इस स्टेशन से जुड़े दर्जन भर गांवों की पेयजल आपूर्ति ठप हैं। क्षेत्र वासियों ने बताया कि ग्राम पंचायत मुख्यालय पर जलदाय विभाग की ओर से एक बड़ा टांका बनाया गया था। जहां से पानी बूस्ट करने के साथ करीब दर्जन भर गांवों को पेयजल सप्लाई करते थे। मगर वह भी फरवरी 2010 में गिर गया था जिसे साढ़े तीन साल गुजर जाने के बाद भी आज दिन तक सही नहीं करवाया गया ।
इन गांवों में नहीं हो रही सप्लाई
स्थानीय ग्राम पंचायत मुख्यालय सहित बूस्टर से जुडऩे वाले गांव उमरकोट, भवातड़ा, जोरादर, धिंगपुरा, विशनपुरा, वरणवा, प्रताप नगर, साकरिया, फोगड़वा, कोलियों की ढाणी साकरिया व खासरवी की ढाणी सहित दर्जन भर गांवों में साढ़े तीन साल से जलापूर्ति नहीं हो रही है।
मालियों का गोलिया सुथड़ी में सूखा पड़ा जीएलआर
ग्रामीणों ने बताया कि यह जीएलआर टांपी बूस्टर से जुड़ा हैं। पिछले एक साल से यहां जलापूर्ति नहीं हो रही हैं। विभाग के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को कई बार अवगत करवाया मगर समाधान नहीं हुआ।
खासरवी गांव में सूखा पड़ा जीएलआर
जीएलआर में पिछले छह साल से पानी नहीं आया हैं। जलापूर्ति के अभाव में टापी बूस्टर से जुड़ा जीएलआर काफी समय से सूखा पड़ा हैं। जीएलआर को जोडऩे वाली पाइप लाइन में रेत व पेड़ की जड़े फंसी हुई है। इससे सप्लाई नहीं हो रही हैं।
जाणवी गांव में भी यही हालात
लंबे समय से सप्लाई नहीं होने के कारण जीएलआर सूखा पड़ा हैं। ग्राम वासियों ने अधिकारियों को कई बार अवगत करवाया मगर कार्रवाई नहीं हो रही। बबूल की झाडिय़ों से घिरा केसूरी गांव का जीएलआर गांव का जीएलआर बबूल की झाडिय़ों से घिरा हुआ हैं। जीएलआर में गलीफा बूस्टर से पानी की सप्लाई होती थी जो पिछले कई सालों से बंद हैं।
अवैध कनेक्शन से मुश्किल बढ़ी
सूराचंद गांव में पिछले दो साल से जलापूर्ति नहीं होने से ग्रामीणों को पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। टांपी बूस्टर से जुड़े भीमगुडा, सूंथड़ी, वरणवा, खासरवी, निंबज, माधोपुरा, पावटा, रायपुर, मेलावास चारणान, नारायणपुरा, मालासर, भलाइयों की ढाणी, सुजानपुरा, कलजी की बेरी, तखतगढ़, उमरकोट, विशनपुरा, भाटवास गांवों में भी जलापूर्ति चरमराई हुई हैं। ग्रामीणों ने बताया कि टांपी बूस्टर से जुड़े इन गांवों को जाने वाली पाइप लाइन पर अवैध कनेक्शनों की भरमार के चलते जलापूर्ति नहीं हो रही है।
सुथड़ी गांव में तीन साल से ढहा पड़ा है पंपिग स्टेशन
कस्बे के निकटवर्ती सुथड़ी में बने पंपिग स्टेशन ढह जाने के कारण इस स्टेशन से जुड़े दर्जन भर गांवों की पेयजल आपूर्ति ठप हैं। क्षेत्र वासियों ने बताया कि ग्राम पंचायत मुख्यालय पर जलदाय विभाग की ओर से एक बड़ा टांका बनाया गया था। जहां से पानी बूस्ट करने के साथ करीब दर्जन भर गांवों को पेयजल सप्लाई करते थे। मगर वह भी फरवरी 2010 में गिर गया था जिसे साढ़े तीन साल गुजर जाने के बाद भी आज दिन तक सही नहीं करवाया गया ।
इन गांवों में नहीं हो रही सप्लाई
स्थानीय ग्राम पंचायत मुख्यालय सहित बूस्टर से जुडऩे वाले गांव उमरकोट, भवातड़ा, जोरादर, धिंगपुरा, विशनपुरा, वरणवा, प्रताप नगर, साकरिया, फोगड़वा, कोलियों की ढाणी साकरिया व खासरवी की ढाणी सहित दर्जन भर गांवों ें साढ़े तीन साल से जलापूर्ति नहीं हो रही है।
मालियों का गोलिया सुथड़ी में सूखा पड़ा जीएलआर
ग्रामीणों ने बताया कि यह जीएलआर टांपी बूस्टर से जुड़ा हैं। पिछले एक साल से यहां जलापूर्ति नहीं हो रही हैं। विभाग के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को कई बार अवगत करवाया मगर समाधान नहीं हुआ।
खासरवी गांव में सूखा पड़ा जीएलआर
जीएलआर में पिछले छह साल से पानी नहीं आया हैं। जलापूर्ति के अभाव में टापी बूस्टर से जुड़ा जीएलआर काफी समय से सूखा पड़ा हैं। जीएलआर को जोडऩे वाली पाइप लाइन में रेत व पेड़ की जड़े फंसी हुई है। इससे सप्लाई नहीं हो रही हैं।
जाणवी गांव में भी यही हालात
लंबे समय से सप्लाई नहीं होने के कारण जीएलआर सूखा पड़ा हैं। ग्राम वासियों ने अधिकारियों को कई बार अवगत करवाया मगर कार्रवाई नहीं हो रही। बबूल की झाडिय़ों से घिरा केसूरी गांव का जीएलआर गांव का जीएलआर बबूल की झाडिय़ों से घिरा हुआ हैं। जीएलआर में गलीफा बूस्टर से पानी की सप्लाई होती थी जो पिछले कई सालों से बंद हैं।
अवैध कनेक्शन से मुश्किल बढ़ी
सूराचंद गांव में पिछले दो साल से जलापूर्ति नहीं होने से ग्रामीणों को पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। टांपी बूस्टर से जुड़े भीमगुडा, सूंथड़ी, वरणवा, खासरवी, निंबज, माधोपुरा, पावटा, रायपुर, मेलावास चारणान, नारायणपुरा, मालासर, भलाइयों की ढाणी, सुजानपुरा, कलजी की बेरी, तखतगढ़, उमरकोट, विशनपुरा, भाटवास गांवों में भी जलापूर्ति चरमराई हुई हैं। ग्रामीणों ने बताया कि टांपी बूस्टर से जुड़े इन गांवों को जाने वाली पाइप लाइन पर अवैध कनेक्शनों की भरमार के चलते जलापूर्ति नहीं हो रही है।
॥गांव में साढ़े तीन साल से पेयजल आपूर्ति बंद है। नया बूस्टर लगाने के लिए ग्राम पंचायत की बैठक में प्रस्ताव लेकर कई बार भेजा जा चुका है। चार बार पंचायत समिति स्तर पर प्रस्ताव लेकर राज्य सरकार को भेजा तथा कई बार जलदाय विभाग के अधिकारियो को मौखिक रूप से भी कहा। प्रशासन गांवों के संग अभियान में भी कलेक्टर व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया, मगर आज दिन तक समस्या का समाधान नहीं हुआ। नर्मदा विभाग के अधिकारियों ने नहरों में भी पानी की सप्लाई बंद कर रखी हैं जिससे पानी के अभाव में मवेशी दम तोड़ रहे हैं। ॥ -मनीषा मेघवाल, प्रधान पंचायत समिति चितलवाना
हाड़ेचा. सुराचंद गांव में सूखा पड़ा जीएलआर।
पानी के अभाव में दम तोड़ रहे पशु, कहीं दो तो कहीं तीन साल से नहीं हो रही जलापूर्ति, अवैध कनेक्शन को लेकर विभाग नहीं कर रहा कार्रवाई, कुछ जीएलआर से चोरी हुई पाइपलाइन विभाग ने आज तक नहीं लगाई
हाड़ेचा. साकरिया गांव का जीएलआर, जिसका अवाड़ा टूटा हुआ है।
हाड़ेचा. मालियों का गोलिया सुथड़ी में सूखा पड़ा जीएलआर।
हाड़ेचा. सुथड़ी गांव में तीन साल से गिरा क्षतिग्र्रस्त पड़ा जीएलआर।
हाड़ेचा कस्बे सहित पूरे नेहड़ क्षेत्र में पेयजल संकट की समस्या विकराल होती जा रही हैं। इससे ग्रामिणों को एक मटकी पानी के लिए मीलों दूर जाना पड़ रहा हैं। वहीं पशु भी पानी के लिए भटकते हुए दम तोड़ रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में बनाए गए जीएलआर में लंबे समय से जलापूर्ति नहीं होने से जर्जर हो रहे हैं। क्षेत्र में कार्यरत बूस्टर से केवल स्थानीय गांव में ही पानी वितरित हो रहा हैं जबकि बूस्टर से जुड़े अन्य जीएलआर सूखे पड़े हैं। हाडेचा, गलीफा, सुथड़ी, खेजडय़ाली, टांपी व सिलुसन जल योजना के तहत हाडेचा, काछेला, गलीफा, मरटवा, मेढा, टेंबी, दुठवा, भाटवास, जाणवी, केसुरी, खासरवी, वरणवा, सुथड़ी, सुराचंद, साकरिया, डडुसन, बावरला, विछावाड़ी, सरवाना, नलधरा, बालेरा, भाटकी, जोरादर व कुकडिय़ा गांव में पेयजल सप्लाई होती हैं।
चोरी गई पाइपलाइन आज तक नहीं जुड़ी
कस्बे के निकटवर्ती साकरिया गांव के ग्रामीण पिछले कई सालों से पेयजल संकट से त्रस्त हैं। गांव में बना जीएलआर पिछले कई सालों से सूखा पड़ा हैं। ग्रामीणों ने बताया की 1992 में गांव में जीएलआर बनाया था। उसके बाद पाइप लाइन लगाने पर केवल पंद्रह से बीस दिनों तक पानी की सप्लाई हुई थी। फिर आज दिन तक जलापूर्ति नहीं हुई हैं। कई साल पहले सूथड़ी से जुड़ी पाइप लाइन चोरी हो गई थी, विभाग को इसकी सूचना भी दी थी। उसके बाद आज दिन तक साकरिया गांव में बने जीएलआर को पाइप लाइन से नहीं जोड़ा गया हैं।
॥नेहड़ क्षेत्र में पानी की समस्या गंभीर हो चुकी हैं। पूर्ववती भाजपा सरकार में कंटिंजेंसी प्लान के तहत अलग से बजट दिया जाता था। जिसे कांग्रेस सरकार ने बंद कर दिया। पानी कि समस्या को लेकर लोग धरने पर बैठेंगे तो में भी उनके साथ धरना दूंगा। ॥
- जीवाराम विधायक, सांचौर
॥नेहड़ क्षेत्र में पेयजल समस्या को लेकर विभाग की ओर से जहां जीएलआर बने हैं, उन्हें नर्मदा नहर से जोडऩे के लिए अधिकारियों के पास योजना बना कर भेज दी हैं। जिससे जल्द ही क्षेत्र में पेयजल की समस्या से राहत मिलेगी। ॥
- केके व्यास, अधिशासी अभियंता, जलदाय विभाग, सांचौर
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