मंगलवार, 28 मई 2013
जैसलमेर शख्शियत ....इनसे मिलये .... श्री लाधू भा बलाणी !
जैसलमेर शख्शियत ....इनसे मिलये .... श्री लाधू भा बलाणी !
मुझे भी आपसे मिलने का अवसर मिला ..मेरे दादाजी के परम मित्र हें ....मेरे दादा जी के बारे में कई बातें बताई ...लगभग दो घंटे तक इनकी बातें निरंतर सुनता रहा . शिव भक्त लधु भा को कोफ़्त हें की वर्तमान में जैसलमेर की संस्कृति ,परम्पराओं तथा रीती रिवाजो का ह्रास हो रहा हें ...सबसे बड़ी बात मिला की मैं श्री मंगल सिंह भाटी भाभा का पोता हूँ इस पर उनके चहरे पर जो ख़ुशी मुझे दिखाई दी वो मुझे ता उम्र याद रहेगी ..लाधू भा पूजा पाठ से निवृत होकर कुर्सी लगा कर घर के बाहर बेठ जाते हें हें .. वहां से गुजरने वाला हर शख्स भा पगे लागाँ का संबोधन जरुर करते हें .. उनके जीवन के अनुभव हमें बहूत कुछ सीख देते हें ...मुझे भी जीवन में आगे बढ़ने के कई टिप्स दिए आपने ..वाकई जैसलमेर की एक शानदार शख्शियत हें लाधू भा श्री लाधू भा बलाणी !
लम्बा छरहरा बदन, श्याम वर्ण , तन पर धोती ,सिर पर जैसलमेर साफा और पावो में कसीदे की जुती चेनपुरा या जैसलमेर शहर में अपनी ही विचारधारा में लीन रहते हुवे भी सदा समाज का चिन्तन करने वाले है श्री लाधू भा बलाणी ! जो हमेशा समाज की सेवा में लगे रहते है ! बलाणी जी अपनी हसमुख हँसी से सब के दिल में जगह बनाई , तथा सब लोगो की बात सुनते है
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