मंगलवार, 28 मई 2013
वायुसेना का बाढ़ राहत प्रशिक्षण एवं जागरूकता शिविर का आयोजन
वायुसेना का बाढ़ राहत प्रशिक्षण एवं जागरूकता शिविर का आयोजन
जोधपुर वायुसेना स्टेशन, जोधपुर में वायुसेना एवं नागरिक प्रशासन के अधिकारियों के लिए आज बाढ़ राहत एवं बचाव की जानकारी हेतु बाढ़ राहत प्रशिक्षण एवं जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। शिविर को आयोजित करने का उददेश्य हैलीकाप्टर दल को बाढ़ राहत संबंधित प्रशिक्षण देना एवं राज्य सरकार के अधिकारियों को प्राकृतिक आपदाओं जैसे भारत के पशिचमी क्षेत्र में बाढ़ आदि से निपटने के लिए उचित कदम उठाना है। शिविर में सिविल आपदा प्रबंधनद ल के साथ भारतीय वायुसेना के वायुयानों की क्षमताओं एवं सीमाओं के बारे में तथा विमानों के संचालन में से मौसम संबंधी सिथतियों पर विस्तृत चर्चा की।
वर्ष 2007 में जोधपुर वायुसेना स्टेशन के हैलीकाप्टरों ने राजस्थान एवं गुजरात के बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में लगभग 250 लोगों की जान बचार्इ। वर्ष 2008 के दौरान वायुसेना के हैलीकाप्टरों ने पूर्णिया (बिहार) में बाढ़ग्रस्त जनसंख्या को राहत प्रदान करने कें लिए 106 टन खाध सामग्री हैलीकाप्टर के जरिये वितरित की। वर्ष 2009 में हैलीकाप्टरों ने भारत के दक्षिणी राज्यों, विशेष रूप से आंध्रप्रदेश में हैलीकाप्टरों के जरिये 46 लाख टन खाध पैकेट, जल एवं अन्य राहत सामग्री वितरित की तथा कर्इ बहुमूल्य मानव जीवन को बचाया। विजयवाड़ा में किसी भी प्रकार का हैलीपेड न होने की सिथति में भी वायुसेना के हैलीकाप्टरों ने राहत कार्मिकों एवं बाढ़-राहत उपकरणों को नीचे उतारा और बाढ़ग्रस्त गांवों में लगातार प्रभावित जन-जीवन से संपर्क बनाए रखा। सितम्बर 2010 में जोधपुर वायुसेना के हैलीकाप्टरों ने 22 दिन से फंंसे कैलाश मानसरोवर यात्रा के श्रद्धालुओं को वहां से निकालकर अन्य सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। उत्तरांचल में रोड़ अतिवृषिट के कारण अवरूद्ध हो गर्इ थी। उसी माह में हैलीकाप्टरों ने अल्मोड़ा के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में 6-7 टन दवाइयों तथा खाध सामग्री का वितरण किया।
वायुसेना स्टेशन, जोधपुर में एडवांस्ड लाइट हैलीकाप्टर (ए एल एच) निकट भविष्य में शामिल हो जाऐंगे जिससे कि भारतीय वायुसेना को बाढ़-राहत त्रासदी प्रबंधन क्षमता में उल्लेखनीय सुधार आ सकेगा। इसके अतिरिक्त वायुसेना स्टेशन, फलौदी (राजस्थान) के वायुबेस में एम आर्इ-75 हैलीकाप्टर (भारतीय वायुसेना का अधतन हैलीकाप्टर) की तैनाती हुर्इ है, इससे राजस्थान एवं गुजरात क्षेत्र में बाढ़-राहत त्रासदी प्रबंधन में वायुसेना की क्षमता को अतिरिक्त बल प्राप्त होगा।
इस शिविर में भारतीय वायुसेना एवं राजस्थान के सभी जिलों से 40 अधिकारी एवं भारतीय वायुसेना के 20 अधिकारी शामिल हुए। उन्हें बाढ़-राहत उपकरणों से सुसजिजत मिग-17 तथा चेतक हैलीकाप्टरों के स्थैतिक प्रदर्शन के अलावा लोगों को बाढ़ से निकालने और उन्हें अन्य सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का उड़ान अभ्यास भी करवाया गया।
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