रिफाइनरी पर अब तय होगा मुआवजा
बाड़मेर। बाड़मेर जिला प्रशासन ने रिफाइनरी के लिए 9976 बीघा जमीन अवाप्ति के तीनों फेज की सुनवाई का अंतिम काम मंगलवार को पूरा कर लिया। प्रशासन अब अवार्ड जारी करने के लिए संभवत: बुधवार को रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज देगा। सरकार को किसानों से बात कर मुआवजा तय करना होगा। इसके बाद अवार्ड जारी होंगे।
बाड़मेर प्रशासन के अफसरों के मुताबिक जमीन के दो फेज की आपत्तियों की सुनवाई का काम पहले ही पूरा किया जा चुका था। मंगलवार को तीसरे फेज की अंतिम सुनवाई थी, लेकिन सुनवाई के दौरान प्रभावित किसानों ने कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई। ऎसे में जमीन अवाप्ति की धारा 9 के तहत सुनवाई का काम पूरा कर मंगलवार शाम सरकार को सूचना दे दी गई। यह काम पूरा होने से प्रशासन व राज्य सरकार ने राहत की सांस ली है।
एक बीघा के मांगे एक करोड़ रूपए
रिफाइनरी के लिए जमीन देने के एवज में किसानों ने एक करोड़ रूपए बीघा का मुआवजा मांगा है। इसके अलावा रॉयल्टी सहित अन्य कई मांगें सरकार के सामने रखी हैं। किसानों से वार्ता के लिए संभागीय आयुक्त जोधपुर की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। लेकिन कमेटी की अभी बैठक नहीं हुई है। संभागीय आयुक्त स्तर पर मुआवजा को लेकर समझौता न हुआ तो राज्य की उच्चाधिकार प्राप्त कमेटी फैसला लेगी।
अगला कदम
जमीन अवाप्ति को लेकर जिला प्रशासन की कार्रवाई पूरी हो चुकी है। जानकारों की मानें तो किसानों को मुआवजे के लिए रिकॉर्ड दर्ज करने का काम अंतिम चरण में है। अब सरकार व किसानों के बीच मुआवजा दरें तय होनी हैं। इसके साथ अवार्ड जारी कर जमीन का कब्जा लेने का काम शुरू होगा।
खाली है जमीन
मौके पर पूरी जमीन लगभग खाली पड़ी है। ऎसे में कब्जा लेने की सिर्फ कागजी कार्रवाई ही करनी होगी। इसके तत्काल बाद रिफाइनरी निर्माण का काम किसी भी वक्त शुरू किया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार जून में रिफाइनरी के शिलान्यास की तैयारी में है।
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