बुधवार, 1 मई 2013

28 साल से पाक जेल में बंद भगू के परिजन भी चिंतित

28 साल से पाक जेल में बंद भगू के परिजन भी चिंतित


कलेक्टर से पति की खैर खबर जानने लक्ष्मी बेटे व बेटी के साथ पहुंची 




 बाड़मेर  
पाक के लाहौर की कोट लखपतराय जेल में सरबजीत पर हुए जानलेवा हमले के बाद बाड़मेर के धनाऊ गांव के लोग भी मायूस हैं और चिंता में डूबे हैं। इस गांव का एक लाड़ला भगूसिंह भी पिछले 28 सालों से पाक की लखपत जेल में बंद है। सरबजीत की खबरें सुनकर ही भगूसिंह की पत्नी लक्षमी का बुरा हाल हो रहा है। वह हर दिन अपने पिया मिलन की आस में गुजारती है। लक्ष्मी कहतीं हैं कि अब हर दिन ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि मेरे पति की रक्षा करें। लंबे अर्से से रिहाई की उम्मीद कर रहे भगूसिंह के परिजनों की भी बैचनी बढ़ गई है कि परिवार का मुखिया पाक जेल में किस हाल में है। पति की खैर खबर जानने के लिए लक्ष्मी अपनी बेटी व बेटे के साथ मंगलवार को कलेक्टर के पास पहुंच गई। बिछोह की दास्तां सुनाते हुए लक्षमी की आंखें नम हो गई। मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन कलेक्टर को सौंपकर पाक जेल में बंद पति की रिहाई की मांग रखी। धनाऊ गांव निवासी भगूसिंह वर्ष 1985 में भारत-पाक सीमा के पास भेड़ बकरियां चराने गया था। भूलवश पाक सीमा में घुसने पर पाक रेंजर्स ने भगूसिंह को शक के आधार पर पकड़ कर जेल में डाल दिया। पति को खोने के बाद लक्ष्मी अकेली रह गई। दो बेटे व एक बेटी के पालन पोषण के साथ घर की पूरी जिम्मेदारी अकेली अबला पर आ गई। विकट हालात में उसने हिम्मत नहीं हारी। पति की रिहाई की उम्मीद के साथ जिंदगी का संघर्ष जारी रखा। बीते दिनों पाक की लाहौर की कोट लखपत जेल में सरबजीत पर हुए हमले के समाचार मिलने के बाद परिवार के सदस्यों की चिंताएं बढ़ गई। लक्ष्मी कंवर बताती है कि पाक की जेल में ही उसका पति भगूसिंह कैद है। वे किस हाल में है इस बारे में कोई खैर खबर नहीं है। इस बारे में पता लगाने के लिए कलेक्टर से मिलकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया है। कहीं से उसके पति की खैर खबर मिल जाए तो मन को सुकून मिल जाए। अर्जुन सोढ़ा ने बताया कि जब पिता पाक चले गए थे, तब वे छोटे थे। पिता का चेहरा तक उन्हें याद नहीं है। पुराने फोटो देखकर ही पिता की याद सलामत होती है। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें