रिफायनरी के लिए जमीन पर जारी है माथा पच्ची
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सरकार रिफायनरी लगाना नहीं चाहती इसीलिए ड्रामा कर रही हें
बाड़मेर राजस्थान इतिहास के अब तक सबसे बड़े प्रोजेक्ट रिफायनरी के लिए जमीन
अवाप्ति को लेकर माथा पच्ची जारी है राज्य सरकार इसे पचपदरा ले जाने की
तैयारी कर रही है। इसके लिए एचपीसीएल की टीम एक-दो दिन में पचपदरा का
दौरा करेगी वही सरकार के इस निर्णय का लिलाला के किसानो ने स्वागत किया
है साथ ही सरकार पर यह आरोप लगाया है कि सरकार लीलाला किसानो को बदनाम
कर रही है किसान की मागो को लेकर सरकार ने अपना रुख एक बार भी साफ़ नहीं
किया है सरकार सिर्फ इस साल होने वाले विधान सभा चुनावों में किसानो के
वोट बटोरने के लिए
इतना बड़ा ड्रामा कर रही है सरकार ने हमारी प्रमुख माग पुनर्वास पर अभी
अपने पते नहीं खोले है बाड़मेर जिले के बायतु इलाके के किसान धरने और
प्रदर्शन के जरिये सरकार पर उनकी मांगे माने जाने का दबाव बनाने में लगे
थे इसी बीच सरकार ने गुरुवार को वार को मुख्य सचिव सी.के. मैथ्यू ने
टास्कफोर्स की बैठक ली। लीलाला में जमीन अवाप्ति की एवज में किसानों की
ओर से भारी भरकम मुआवजा मांगे जाने को देखते हुए पचपदरा
में सरकारी जमीन पर रिफाइनरी लगाने पर विचार हुआ। इस बारे में हमने
लिलाला के किसान का साफ़ तोर पर कहना है कि सरकार अगर रिफायनरी पचपदरा ले
जाती है तो यहाँ के किसानो इस बात से बहुत खुश है किसान नेता बालाराम मुड
का कहना है कि हम लोग तो जमीं देने के लिए राजी थे हमारी एक ही प्रमुख
माग है कि पुनर्वास जिस पर सरकार ने आज दिन अपने पते साफ़ नहीं किये किस\
तरह सरकार हम लोगो का पुनर्वास करेगी मुड के अनुसार सरकार रिफायनरी लगाना
ही नहीं चाहती है यह सिर्फ वोट बटोरने की राजनीति है इस पुरे मामले में
सरकार किसानो को भूमि अवाप्ति के बदले क्या देगी इस पर सरकार ने आज दिन
तक हमे नहीं बताया है
..गुरूवार को लीलाला में प्रस्तावित रिफाइनरी के लिए भौगोलिक सर्वे करने
पहुंची टीम को किसानों का विरोध झेलना पड़ा। सर्वे शुरू होते
ही गुस्साए किसान प्रदर्शन पर उतर आए थे सर्वे टीम के सदस्यों से उलझ
गए। मांग पत्र पर सहमति नहीं बनने तक किसी प्रकार का सर्वे नहीं करने की
जिद पर अड़ गए। महिलाओं व किसानों के विरोध से एक बारगी माहौल गरमा गया
काफी मशक्कत के बाद सर्वे टीम को बैरंग लौटना पड़ा था जब तक सरकार हमारे
माग पत्र पर कोई सहमति नहीं होती है तब तक हम कोई भी कारवाही नहीं होने
देगे ..लिलाला में महिलाओ का कहना है कि हम अपनी जमीन नहीं देने चाहते
है अगर जमीन चली गई तो हम कहा जाएगे
रिफायनरी के लिए सरकार ने लिलाला में दस हजार बीघा जमीन की अवाप्ति की
प्रक्रिया शरू की थी लेकिन किसानो के विरोध के चलते यह
कारवाही अभी तक अटकी हुई है इस बायतु SDM अलोक जेन का कहना है कि सर्वे
कार्य शुरू करने पर किसानों ने आपत्ति जताते हुए विरोध किया। उनसे समझाइश
की गई, मगर वे सर्वे के लिए राजी नहीं हुए। इस पर सर्वे कार्य शुरू नहीं
हो पाया किसानो की जो भी मागे है वह सरकार के स्तर की है
..दरसल कांग्रेस और सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की यह मंशा थी कि
रिफायनरी का जून महीने के अंत तक शिल्यानस हो जाए लेकिन भूमि अवाप्ति की
प्रक्रिया में हो रही देरी के चलते अब यह जून महीने के अंत तक शिल्यानस
खटाई पड़ता नजर आ रहा है इसलिए सरकार ने अब रिफायनरी को पचपदरा ले जाने की
तयारी कर रही है अगले हफ्ते ही एचपीसीएल की टीम पचपदरा का मौका देखने के
बाद रिपोर्ट देगी। उसकी रिपोर्ट पर रिफाइनरी पचपदरा में लगाने की कवायद
शुरू होगी।--
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