मंगलवार, 7 मई 2013

पाकिस्तान का नंगा सच: फौजी तानाशाह और भुट्टो को था लड़कियों का शौक

इन दिनों पाकिस्तान में जश्न का माहौल है। भई चुनाव जो होने हैं। पिछले पांच साल देश के लिए इसलिए अहम थे क्योंकि जरदारी ने रोते-पड़ते सरकार चला ली और इतिहास बना दिया। हालांकि इस दौरान वे खुद अपनी कुर्सी बड़ी मुश्किल से बचा पाए।
पाकिस्तान का नंगा सच: फौजी तानाशाह और भुट्टो को था लड़कियों का शौक

पाकिस्तान के लिए सबसे बुरा दौर फौजी शासन का माना जाता है। उस दौर में भ्रष्टाचार ने सिर उठाया। सत्ता पर काबिज लोग निरंकुश हो जाते थे और पूरा देश मार्शल लॉ में जीता था। आज हम आपको ऐसे ही दौर की कहानी सुनाने जा रहे हैं।


जिसमें एक आम महिला पाकिस्तान की सबसे शक्तिशाली महिला बनती है। 'जनरल रानी' नाम से मशहूर इस महिला का नाम अकलीम अख्तर था। यह पाकिस्तान की सबसे पावरफुल महिला, वेश्यालय की मालकिन और फौजी जनरल तानाशाह याहया खान के बेहद खास दोस्त थी।


उसे जनरल की रखैल तक कहा जाता था। वह याहया खान, पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो और मुस्तफा खार के लिए लड़कियों की डांस पार्टी आयोजित करती थी और लड़कियां सप्लाय करती थीं। इसके साथ ही लिजेंड्री सिंगर नूरजहां से भी फौजी तानाशाह के बड़े खास रिश्ते रहे, जिसके लिए जनरल रानी जिम्मेदार थी।
पाकिस्तान का नंगा सच: फौजी तानाशाह और भुट्टो को था लड़कियों का शौक


अकलीम अख्तर बचपन में टॉम ब्वॉय किस्म की लड़की थी। उसने पर्दे में रहना और मर्दजात की जूती बनना कभी पसंद नहीं किया। मूलत: पाकिस्तान के गुजरात में 1931 या 1932 में जन्म लेने वाली अकलीम की शादी अपने से कही अधिक उम्र के व्यक्ति से करा दी गई।

वह पुलिस ऑफिसर था। 2001 में एक इंटरव्यू में उसने बताया था कि अपने पति को पावरफुल लोगों से मिलते हुए देख कर उन्हें कुछ-कुछ होता था। उन्हें खुद भी बड़े पोजीशन लेने की चाह होती थी। लेकिन यह चाहत ऐसे पूरी होने वाली नहीं थी।

छह बच्चों की मां अकलीम मशहूर गायक अदनान सामी की मां (नौहिर खान) की मामी थीं. एक बार पति के साथ घूमने गई अकलीम पति के नाराज होने के बाद भी भरे बाजार में अपना बुर्का उतार फेंका। उसके पति के साथ यह आखिरी दिन था। इसके बाद कानूनी कार्रवाई के बाद दोनों ने तलाक ले लिया। इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी जिंदगी में सिर्फ एक ही वाक्य सीखा था "मियां की जूती मियां के सिर।"ज्यादा पढ़ी-लिखी न होने के कारण उनके पास कोई नौकरी नहीं थी। इस दौरान उसने अमीर और पावरफुल लोगों से संबंध बनाने शुरू किए. वे रोज कराची, लाहौर और रावलपिंडी के नाइट क्लब जाती. वे ऐसे लोगों के लड़कियां सप्लाय करने लगी जो अपने बीवियों से उकता गए थे. वह उनके लिए डांस पार्टी रखती. वह इसके लिए ऐसी सुंदर लड़कियों को चुनती, जो पैसे की तंगी झेल रही थीं. इसके बाद वह वेश्यावृत्ति के धंधे (कराची ने नेपियर रोड और लाहौर के हीरामंडी रेड लाइट एरिया) को उतर गई। वह इसका कामकाज रावलपिंडी के घर से देखती थी. वह अपने पति से सरकार में होने वाले कामकाज के बारे सुन चुकी थी। उसे मालूम था कि देश में आपसदारी से काम किए जाते हैं। उनका धंधा इस तरह के काम के लिए कुख्यात था।
पाकिस्तान का नंगा सच: फौजी तानाशाह और भुट्टो को था लड़कियों का शौक
इन सबके बावजूद उसने महिला के तौर पर अपना आत्मसम्मान बनाए रखा। जनरल यायाह खान से उसकी पहली मुलाकात खैरियां में पार्टी के दौरान हुई। उन्होंने बताया कि याहया खान से मिलने पर उन्होंने गुजरात आने का न्यौता दिया. बस यहीं से याहया और उनके बीच एक जादुई सा रिश्ता बन गया. दोनों के बीच गहरे रिश्ते होने के कारण लोग अकलीम को उसकी रखैल कहने लगे थे. इस नजदीकी के लिए उसे जनरल रानी के नाम से पुकारने लगे.


बाद में याहया खान ने पाक सरकार का तख्ता पलटा दिया और मार्शल लॉ (1969-1971) लगा दिया. यही दौर था जब जनरल रानी पाकिस्तान की सबसे ताकतवर महिला बन कर उभरी. उसका दखल सरकार के कामकाज में भी था. वह बताती थी कि याहया की सबसे बड़ी कमजोरी शराब, लड़कियां और वह खुद हैं. उन्होंने उसे एक्ट्रेसेस तराना, मशहूर गायक नूरजहां और नील कमल से मिलवाया. याहया नूरजहां का दीवाना था.
पाकिस्तान का नंगा सच: फौजी तानाशाह और भुट्टो को था लड़कियों का शौक


एक बार जनरल ने उनके बर्थडे पर सिंगर लाने की फरमाइश कर दी. तब जनरल रानी के कहने पर नूरजहां ने पार्टी में गाना गया और डांस भी किया. भले नूरजहां याहया के साथ रिश्ते से इनकार करें, लेकिन अकलीम जानती थी कि उनके रिश्ते किस तरह के थे. दरअसल टैक्स इंस्पेक्टर्स उन्हें परेशान कर रहे थे. इसीलिए मैंने बस उनकी मदद की थी. जनरल रानी पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो और मुस्तफा खर के बारे में भी चौंकाने वाले खुलासे करती हैं. उन्होंने बताया था कि दोनों नेता उनके सामने भीख मांगते थे कि वे याहया खान से उनकी मुलाकात करवा दें. अकलीम कहती थीं कि जितनी पार्टी उन्होंने भुट्टो और खर के लिए दी थीं उतनी शायद जनरल याहया के लिए भी न दी हों. जुल्फिकार बेनजीर भुट्टो के पिता थे, जबकि पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खर मुस्तफा खर भतीजी हैं.
1971 में चुनाव होने के बाद भुट्टो सत्ता में आए. उसके बाद जनरल रानी के दिन बदल गए. भुट्टो ने रानी को घर में नजरबंद करवा दिया. उसके फोन कनेक्शन काट दिए गए. 1977 में जिया उल हक के तख्ता पलटने के बाद उन्हें आजाद कराया गया. लेकिन तब तक वह अपनी सारी जायदाद और रुतबा खो चुकी थी.

कभी एक इशारे और ट्रांसफर रुकवाने वाली, प्रमोशन करवाने वाली महिला के आखिरी दिन बड़ो हि मुफलिसी में बीते. यहां तक कि उसके परिवार में उसके बारे में बात नहीं करना चाहता है. उसकी पोती लोकप्रिय पॉपस्टार फखरे आलम है और वह अदनान सामी ममेरी दादी थीं. 2002 में 70 साल की उम्र में ब्रेस्ट कैंसर से उनकी लाहौर में मौत हो गई.

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