दलबीर कौर ने मांगा पीएम का इस्तीफा
अमृतसर/ लाहौर। पाकिस्तान से भारत लौटीं भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की बहन दलबीर कौर ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का इस्तीफा मांगा है। दलबीर ने कहा कि वे तब तक कुछ नहीं खाएंगी जब तक सरबजीत घर नहीं आ जाता। दलबीर ने कहा,सरबजीत को वापिस नहीं ला पाने के लिए मैं उसके बच्चों से माफी मांगती हूं।
सरबजीत सिंह का परिवार बुधवार को वाघा बॉर्डर से भारत लौटा। पाकिस्तान में डाक्टरों के कथित रूप से सरबजीत के ब्रेन डैड होने का संकेत देने के बाद भारत लौटा। इमरजेंसी वीजा दिए जाने पर सरबजीत की बहन दलबीर कौर,उसकी पत्नी व दो बेटियां रविवार को पाकिस्तान गई थीं।
भारत लौटने पर सरबजीत की बहन दलबीर कौर ने कहा कि उनका परिवार यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने की कोशिश करेगा। दलबीर ने कहा कि वे भारत सरकार के रवैये से निराश हैं। दलबीर ने कहा कि सरकार ने सरबजीत की मदद के लिए ठोस कदम नहीं उठाए। मैंने सरकार को लगातार बताया कि सरबजीत की जान को खतरा है। पीएम को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
उधर,सरबजीत की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ है। लाहौर के जिन्ना अस्पताल के डाक्टरों ने मंगलवार को कहा कि सरबजीत सिंह ब्रेन डैड है। हालांकि पाकिस्तानी अधिकारियों ने मेडिकल अपडेट देने से इनकार कर दिया। ब्रेन डैड वह स्थिती है जिसमें दिमाग अपरिवर्तनीय ढंग से क्षतिग्रस्त हो जाता है लेकिन अन्य महत्वपूर्ण अंग कृत्रिम सहारे से काम करते रहते हैं।
सरबजीत पर गत शुक्रवर को लाहौर की कोट लखपत जेल में कैदियों ने जानलेवा हमला किया था। वह तभी से कोमा में है। उसके शरीर पर घातक चोटों के बावजूद डाक्टरों का कहना है कि उसका शरीर सर्जरी की स्थिति में नहीं है। एक वरिष्ठ डाक्टर ने एक अखबार को बताया - अब सरबजीत को कोई चमत्कार ही बचा सकता है।
सरबजीत सिंह की बहन दलबीर कोर ने मंगलवार को कहा था कि अगर पाकिस्तान के डाक्टर उनके भाई को ब्रेन डैड घोषित कर देते हैं तो भी वे उसका वेटिलेटर हटाने नहीं देंगी। दलबीर ने कहा कि उन्होंने भारत सरकार से अपील की है कि वह डाक्टरों का एक दल सरबजीत सिंह की हालत की जांच करने के लिए पाकिस्तान भेजे। दलबीर ने कहा कि वे जिन्ना हॉस्पिटल में उसे दिए जा रहे इलाज से संतुष्ट नहीं हैं।
सरबजीत की पत्नी व बेटियां को मंगलवार को कोई मेडिकल अपडेट नहीं दिया गया। हालांकि कुछ डाक्टरों ने कहा कि वह ब्रेन डैड है। एक डाक्टर ने कहा,वह बेन डैड है। उसे डीप कोमा की स्थिति में अस्पताल लाया गया। तभी से उसकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। ऎसे मामलो में मरीज तभी तक जीवित रहता है जब तक कि वह वेंटिलेटर पर रहता है। दलबीन ने कहा,मैंने एक डाक्टर से बात की थी। उन्होंने कहा,प्रार्थना कीजिए। उसे ठीक होने में 10 दिन से तीन महीने लग सकते हैं।
दलबीर ने कहा कि उहें सरबजीत के पास जाने नहीं दिया जाता। अभी तक सरबजीत को एक चादर से आधा ही ढ़क रखा था लेकिन मंगलवार को जब मैंने आईसीयू में झांका तो देखा कि उसे पूरा ढ़क रखा था। दलबीर ने कहा,मैं सरबजीत के बाएं हाथ के अंगूठे पर स्याही का निशान देखकर हैरान रह गई थीं। मुझे लगता है कि पाकिस्तान सरकार ने किसी दस्तावेज पर उसका अंगूठा लिया होगा। उल्लेखनीय है कि सरबजीत पर लाहौर की कोट लखपत जेल में जानलेवा हुआ था। उस पर 26 अप्रेल को कैदियों ने हमला किया था। तभी से उसकी हालत बेहद नाजुक बनी हुई है।
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