ब्यावर.बीकानेर का मोस्ट वांटेड प्रदीप गोदारा शनिवार देर रात एक साथी के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। ब्यावर पुलिस को बीकानेर व जोधपुर संभाग क्षेत्र में कई वारदात में वांछित गोदारा व उसके साथी के कब्जे से आधा किलो अफीम भी मिली है।
पुलिस को इस शातिर अपराधी गोदारा की डेढ़ साल से तलाश थी। गोदारा के खिलाफ गिरोह चला कर अपराध करने के मामलों में जोधपुर व बीकानेर संभाग के विभिन्न थानों में 23 मुकदमे दर्ज हैं। करीब डेढ़ साल पहले फलोदी कोर्ट में पेशी पर ले जाते समय पुलिस को गच्चा देकर प्रदीप गोदारा कोर्ट से फरार हो गया था। तभी से दोनों जिलों की पुलिस को गोदारा की तलाश थी जुटी हुई थी। पुलिस ने इसे पकड़ने के लिए 50 हजार रुपए के इनाम की घोषणा कर रखी है। इसके अलावा शंकर पूनिया की हत्या के आरोप में भी वह आजीवन कारावास का सजायाफ्ता भी है।
उर्स के मद्देनजर चाक चौबंद थी जिला पुलिस
उर्स के मद्देनजर एसपी गौरव श्रीवास्तव ने ब्यावर पुलिस को अजमेर-ब्यावर क्षेत्र में बड़ी वारदात के मकसद से शातिर अपराधियों के आने की सूचना दी गई। शनिवार देर रात करीब 12 बजे सदर थाना प्रभारी रवींद्र प्रताप सिंह को मुखबिर ने पजेरो कार में मोस्ट वांटेड के ब्यावर से निकलने की इतला दी। इस पर उन्होंने पुलिस उपाधीक्षक गोपी सिंह शेखावत के निर्देशन में हाइवे पर नाकाबंदी करा दी। पीपलाज के पास नाकाबंदी देख ब्यावर की ओर से आ रही एक पजेरो कार पुलिस जीप को टक्कर मारते हुए नाकाबंदी तोड़ गायब हो गई।
पुलिस टीम ने सिटी थाना पुलिस को सूचना दी और जीप क्षतिग्रस्त होने के बावजूद कार का पीछा करते हुए बिजयनगर बाइपास पुलिया के पास कार को घेर लिया। वहां सिटी थाना पुलिस भी पहुंच गई थी। कार रुकते ही उसमें सवार दोनों युवकों ने भागने की कोशिश की लेकिन पुलिसकर्मियों ने पीछा कर उन्हें दबोच लिया। पकड़े जाने पर दोनों की पहचान बीकानेर नोखा क्षेत्र के मोस्ट वांटेड नगरासर गांव निवासी प्रदीप गोदारा पुत्र रामेश्वर फौजी और लक्ष्मण नगर, चांडी निवासी ओमप्रकाश पुत्र गैपर राम विश्नोई के रूप में हुई। दोनों के गृह थानों से जानकारी लेने पर पुलिस को शातिर अपराधियों के बारे में पता चला।
कड़ी सुरक्षा में अपराधी
कार से फरार होने के बाद दोनों शातिर अपराधियों का पीछा करते समय पुलिसकर्मी उनके काफी नजदीक पहुंच गए। तभी अचानक दोनों शातिरों ने पीछा कर रहे पुलिस कर्मियों पर हमला कर दिया। इस बीच एक जवान के साथ हाथापाई करते समय प्रदीप गोदारा जवान के साथ एक गड्ढे में गिरने घायल हो गया। हाथ में गहरी चोट के कारण गोदारा भागने में नाकामयाब रहा। आपराधिक रिकॉर्ड के मद्देनजर पुलिस ने रातो रात दोनों को सिटी थाने के बंदीगृह में शिफ्ट कर दिया। दोनों की निगरानी के लिए एक संतरी के अलावा दो सशस्त्रधारी जवानों की ड्यूटी लगाई है।
जेल में भी हो चुका है गैंगवार : प्रदीप गोदारा खुद एक बड़े तस्करी गैंग का सरगना है। उसके गिरोह का जोधपुर के कैलाश मांजू की गैंग से कई बार दो-दो हाथ हो चुका है। जेल में बंद होने के बाद भी दोनों गैंग के गुर्गो के बीच मुठभेड़ भी हो चुकी है। पुलिस को पता चला कि कैलाश अपनी गैंग के साथ प्रदीप को जान से मारने की फिराक में है। कैलाश की गैंग से बचने के लिए प्रदीप अपनी पजेरो से जयपुर, अजमेर और ब्यावर क्षेत्र में छुपने की कोशिश कर रहा था कि पकड़ा गया।
सम्मान की अनुशंषा
डिप्टी गोपी सिंह शेखावत ने प्रदीप और ओमप्रकाश को पकड़ने वाली टीम को सम्मानित करने के लिए एसपी से अनुशंषा की है। इस टीम में सदर थाना प्रभारी रवींद्र प्रताप सिंह, एएसआई सियाराम, रामाकिशन, शंकर, गुलाब, राजेश, श्रवण, चालक सतपाल और सिटी थाने के एएसआई महेंद्र सिंह, हेड कांस्टेबल दयाल सिंह, नंद सिंह जोधा, विनोद और प्रमेंद्र शामिल थे।
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