रविवार, 7 अप्रैल 2013

आठ दिवसीय आंगी गेर नृत्य आयोजन का समापन


'क्षेत्र के आंगी गेर नृत्य की विश्व में पहचान'


आठ दिवसीय आंगी गेर नृत्य आयोजन का समापन 





जसोल. कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुति देती लाल आंगी गेर।
 . जसोल क्षेत्र के आंगी गेर नृत्य ने पूरे विश्व में अपनी पहचान बनाई है। युवा पीढ़ी इस लोक नृत्य के प्रति लगाव बनाए रखें, जिससे कि आने वाली पीढ़ी भी इसे अपना सकें। ये उद्बोधन विधायक मदन प्रजापत ने शुक्रवार रात जसोल कस्बे में मालाणी सांस्कृतिक कला केंद्र के तत्वावधान में आयोजित आठ दिवसीय आंगी गेर नृत्य के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के व्यक्त किए। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए समाजसेवी प्रेमप्रकाश गहलोत ने कहा कि पश्चिमी राजस्थान के धोरों में अनगिनत प्रतिभाएं छिपी हैं। विशिष्ट अतिथि पूर्व सरपंच ईश्वरसिंह चौहान ने भी कलाकारों की सराहना की। मंचासीन अतिथियों में कांग्रेस नगर अध्यक्ष मंगलाराम टांक, संघ प्रचारक साकलचंद बागरेचा, चुरंगीलाल सालेचा, समाजसेवी गणपत गहलोत ने भी विचार व्यक्त किए। विशेष रूप से निंबार्काचार्य पीठाधीश्वर के युवाचार्य श्यामशरणदेवी महाराज का सानिध्य मिला। कार्यक्रम में मालाणी सांस्कृतिक कला केंद्र जसोल के कलाकारों की ओर से मनमोहक प्रस्तुतियां का दर्शकों ने लुत्फ उठाया। कार्यक्रम में संस्था की ओर से भामाशाह प्रेमप्रकाश गहलोत व गणपत गहलोत का स्मृति चिह्न प्रदान कर बहुमान किया गया। इस दौरान संस्था अध्यक्ष मूलाराम माली के नेतृत्व में सचिव पारसमल सोलंकी, भगवानाराम पालीवाल, सरदारमल माली, माधाराम, दिनेश सैन, गणपत राठौड़, पारसमल सुथार, लालाराम माली, शंकरदास, केवलचंद माली, नरसिंगराम घांची व विक्रमसिंह राठौड़ सहित बड़ी संख्या में दर्शक मौजूद थे। महोत्सव के दौरान सेवाएं देने वाले कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया। केंद्र अध्यक्ष मूलाराम माली ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन देवेंद्र माली ने किया।

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