18 साल की उम्र में 10वीं के छात्र को प्यार हो गया. प्यार भी खुद से दोगुनी उम्र की अपनी ही टीचर से और वो भी दीवानेपन की हद तक. इतना कि फोन पर फोन.
टीचर अपने ही छात्र की बार-बार आने वाली मिस्ड काल से बेहद परेशान थी. उसने छात्र को समझाने की बेहद कोशिश की लेकिन जब छात्र ने तंग करना बंद नही किया तो मजबूरन टीचर ने अपने भाई और पति से इसकी शिकायत कर दी.
टीचर के भाई और छात्र के बीच झगडा मारपीट में बदल गया और मामला पुलिस थाने तक पहुच गया. टीचर के इनकार से छात्र इतना आगबबूला था कि उसने टीचर पर ही यौन शोषण का आरोप लगा दिया. मामले में पुलिस ने टीचर के भाई को गिरफ्तार कर लिया जबकि टीचर की शिकायत पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नही की.
मामला कोर्ट में पहुंचा तो कोर्ट ने पुलिस को फटकारते हुए टीचर की शिकायत पर जांच करने के आदेश दे दिए. कोर्ट इस मामले में बेहद गभीर दिखा. कोर्ट ने कहा कि ये बेहद संवेदनशील और समाज की आंख खोलने वाला मामला है और सरकार को इस तरह के मामलो में खास तौर से लड़कों के स्कूलों में पढ़ाने वाली महिला टीचरों की गरिमा और सुरक्षा को लेकर गभीर रुख अपनाते हुए ठोस कदम उठाने होगे. साथ ही दोनों की काउसलिंग की भी जरुरत पर जोर दिया.
लेकिन कोर्ट में आया ये मामला ये तो साफ कर ही गया कि समाज के बदलाव के बीच गुरु और शिष्य के इस रिश्ते को सामान्य नहीं कहा जा सकता.
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