चिटफंड के चीटर की तीन बीवियां,पांच घर
कोलकाता। लाखों लोगों को करोड़ों का चूना लगाने वाले पश्चिम बंगाल के शारदा ग्रुप के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक सुदिप्ता सेन के मामले में एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। वह यह कि सेन अपनी वेबसाइट से भी मिसिंग है। जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार किए गए सेन की वेबसाइट के मुख्य पेज पर उसकी कोई फोटो नहीं है, बस एक खाली कुर्सी की तस्वीर है, जो यह दर्शाने के लिए काफी है कि वह धोखा करके जा चुका है।
पिता भी धोखेबाज
लगभग 30 लाख लोगों के खून-पसीने की कमाई को हजम करने वाले सेन के बारे में लोग कम ही जानते हैं। 50 की उम्र के बीच सेन शांति पसंद व्यक्तित्व है। मीठी जुबान वाले सेन के लिए कुछ लोग कहते हैं कि वह भुदेब सेन का बेटा है। गौरतलब है कि भुदेब ने 1980 के दशक में चिट फंड कंपनी संच्यानी शुरू की थी, जिसका 10 साल पहले घोटाला सामने आया था। यानी सुदिप्ता का पिता भी लोगों से धोखा कर रफूचक्कर हो गया था। सुदिप्ता ने 2006 में शारदा समूह की स्थापना की थी। जानकारी के अनुसार कुछ लोगों का यह भी कहना है कि सेन ऎसा अक्सर कहता रहा कि भुदेब और संच्यानी से उसके किसी तरह के संबंध नहीं है। अफवाह यह भी है कि 1990 में सेन ने प्लास्टिक सर्जरी करवा कर अपना चेहरा बदलवाया था। हालांकि किसी ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
कैमरे से दूरी
रीयल एस्टेट एजेंट से मीडिया बिजनेस में प्रवेश करने वाले सेन के मीडिया एंपायर में बेशक 10 अखबार और टीवी चैनल शामिल हैं, लेकिन सेन खुद हमेशा कैमरे से भागता रहा है। सेन ने करियर की शुरूआत रियल एस्टेट वेंचर्स के साथ की थी।
पांच घर, तीन बीवियां
यहां तक कि यह भी पुख्ता नहीं है कि सेन रहता कहां है, क्योंकि उसके पास कम से कम पांच घर केवल कोलकाता के एलीट एरिया साल्ट लेक में हैं। वहीं सूत्रों की माने तो उसके पासपोर्ट पर संतोषपुर, दक्षिण कोलकाता का पता है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुलासा करते हुए यह तक कहा है कि उन्होंने सुना है कि सेन की तीन बीवियां हैं।
लड़कियों की दलाली भी
सेन के पड़ोसियों ने खुलासा किया है कि संतोषपुर में उसे सब शंकर के नाम से जानते थे, लेकिन जब उसका नाम लड़कियों की दलाली में आया तो वह रातों रात परिवार को लेकर भाग गया। इसके बाद उसने सुदिप्ता के नाम से नई पहचान बनाई।
देबजनी भी फर्जी
सुदिप्ता के साथ गिरफ्तार हुई देबजनी मुखर्जी भी अपने बॉस की तरह धोखेबाज है। महज रिसेप्शनिस्ट से वह शारदा ग्रुप में बेहद अहम मुकाम पर पहुंच गई। वह हमेशा सेन के साथ रहती थी और यही नहीं उसे चैक और अपॉइंटमेंट लैटर्स पर भी हस्ताक्षर करने का अधिकार था। देबजनी के पास भी कोलकाता के पॉश इलाकों में कई फ्लैट हैं।
किसने दी सेन को शह?
इतने सालों तक लोगों को ठगना और राज्य में शोहरत के साथ टिके रहना अकेले मुमकिन नहीं है। हालांकि अभी इस बात के सबूत नहीं मिले हैं कि सेन को शह देने वाली तृणमूल कांग्रेस है, लेकिन सीबीआई को लिखे पत्र में सेन ने टीएमसी के सांसद कुणाल घोष और सृन्जॉय बोस पर नॉर्थ ईस्ट में टीवी चैनल की डील करने के लिए उस पर दबाव डालने की बात कही है। यही नहीं इस पत्र में वित्तमंत्री पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम के अलावा टीएमसी नेताओं, वकीलों और पत्रकारों सहित कई नामचीन हस्तियों के नाम हैं, जिन पर पैसा मांगने, ब्लैकमेलिंग और कई अन्य आरोप लगाए गए हैं।
कोलकाता। लाखों लोगों को करोड़ों का चूना लगाने वाले पश्चिम बंगाल के शारदा ग्रुप के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक सुदिप्ता सेन के मामले में एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। वह यह कि सेन अपनी वेबसाइट से भी मिसिंग है। जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार किए गए सेन की वेबसाइट के मुख्य पेज पर उसकी कोई फोटो नहीं है, बस एक खाली कुर्सी की तस्वीर है, जो यह दर्शाने के लिए काफी है कि वह धोखा करके जा चुका है।
पिता भी धोखेबाज
लगभग 30 लाख लोगों के खून-पसीने की कमाई को हजम करने वाले सेन के बारे में लोग कम ही जानते हैं। 50 की उम्र के बीच सेन शांति पसंद व्यक्तित्व है। मीठी जुबान वाले सेन के लिए कुछ लोग कहते हैं कि वह भुदेब सेन का बेटा है। गौरतलब है कि भुदेब ने 1980 के दशक में चिट फंड कंपनी संच्यानी शुरू की थी, जिसका 10 साल पहले घोटाला सामने आया था। यानी सुदिप्ता का पिता भी लोगों से धोखा कर रफूचक्कर हो गया था। सुदिप्ता ने 2006 में शारदा समूह की स्थापना की थी। जानकारी के अनुसार कुछ लोगों का यह भी कहना है कि सेन ऎसा अक्सर कहता रहा कि भुदेब और संच्यानी से उसके किसी तरह के संबंध नहीं है। अफवाह यह भी है कि 1990 में सेन ने प्लास्टिक सर्जरी करवा कर अपना चेहरा बदलवाया था। हालांकि किसी ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
कैमरे से दूरी
रीयल एस्टेट एजेंट से मीडिया बिजनेस में प्रवेश करने वाले सेन के मीडिया एंपायर में बेशक 10 अखबार और टीवी चैनल शामिल हैं, लेकिन सेन खुद हमेशा कैमरे से भागता रहा है। सेन ने करियर की शुरूआत रियल एस्टेट वेंचर्स के साथ की थी।
पांच घर, तीन बीवियां
यहां तक कि यह भी पुख्ता नहीं है कि सेन रहता कहां है, क्योंकि उसके पास कम से कम पांच घर केवल कोलकाता के एलीट एरिया साल्ट लेक में हैं। वहीं सूत्रों की माने तो उसके पासपोर्ट पर संतोषपुर, दक्षिण कोलकाता का पता है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुलासा करते हुए यह तक कहा है कि उन्होंने सुना है कि सेन की तीन बीवियां हैं।
लड़कियों की दलाली भी
सेन के पड़ोसियों ने खुलासा किया है कि संतोषपुर में उसे सब शंकर के नाम से जानते थे, लेकिन जब उसका नाम लड़कियों की दलाली में आया तो वह रातों रात परिवार को लेकर भाग गया। इसके बाद उसने सुदिप्ता के नाम से नई पहचान बनाई।
देबजनी भी फर्जी
सुदिप्ता के साथ गिरफ्तार हुई देबजनी मुखर्जी भी अपने बॉस की तरह धोखेबाज है। महज रिसेप्शनिस्ट से वह शारदा ग्रुप में बेहद अहम मुकाम पर पहुंच गई। वह हमेशा सेन के साथ रहती थी और यही नहीं उसे चैक और अपॉइंटमेंट लैटर्स पर भी हस्ताक्षर करने का अधिकार था। देबजनी के पास भी कोलकाता के पॉश इलाकों में कई फ्लैट हैं।
किसने दी सेन को शह?
इतने सालों तक लोगों को ठगना और राज्य में शोहरत के साथ टिके रहना अकेले मुमकिन नहीं है। हालांकि अभी इस बात के सबूत नहीं मिले हैं कि सेन को शह देने वाली तृणमूल कांग्रेस है, लेकिन सीबीआई को लिखे पत्र में सेन ने टीएमसी के सांसद कुणाल घोष और सृन्जॉय बोस पर नॉर्थ ईस्ट में टीवी चैनल की डील करने के लिए उस पर दबाव डालने की बात कही है। यही नहीं इस पत्र में वित्तमंत्री पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम के अलावा टीएमसी नेताओं, वकीलों और पत्रकारों सहित कई नामचीन हस्तियों के नाम हैं, जिन पर पैसा मांगने, ब्लैकमेलिंग और कई अन्य आरोप लगाए गए हैं।
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