गुरुवार, 4 अप्रैल 2013

मंदिर की जमीन पर जारी किए पट्टे


मंदिर की जमीन पर जारी किए पट्टे

जैतारण/ रायपुर। चेयरमैन के घूस लेते पकड़े जाने के बाद सामने आए पट्टा प्रकरण से एक ओर जिन्न जाग उठा है। इस जिन्न ने नगरपालिका की ओर से जारी किए पट्टों की सत्यता पर सवाल खड़े किए हैं। जिस विवादित पट्टा प्रकरण में चेयरमैन अंदर गए।

वह जमीन असल में मंदिर डोली की है, जिसका पट्टा किसी भी सूरत में जारी नहीं हो सकता। जबकि पालिका से इसी जमीन के दो पट्टे जारी किए जा चुके हैं। बांजाकुड़ी निवासी जगदीश प्रसाद बावरी ने खसरा नं. 862 में जमीन खरीदनी बताई। इस खसरे की जमीन 29 नवम्बर 2007 को मंदिर श्री गोपालद्वारा वाके देह खातेदार के नाम से दर्ज है। इस खसरे में नगरपालिका द्वारा पट्टा नहीं दिया जा सकता है। इसके बावजूद भी इस खसरे में 25 मार्च को खींयाराम और जगदीश के नाम से दो पट्टे जारी हो गए।

ईओ बोले खारिज कर देंगे पट्टा
इस संबंध में नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी मोतीराम नागौरा का कहना है कि यदि खातेदारी मंदिर श्री गोपालद्वारा के नाम हुई तो दोनों पट्टे खारिज कर दिए जाएंगे। ऎसे में सवाल उठता है कि क्या पालिका ने बिना खातेदारी देखे ही पट्टा जारी कर दिया? यदि हां तो प्रशासन शहरों के संग अभियान में बने 23 सौ पट्टों के हाल क्या रहे होंगे अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।

कलई खोलना जरूरी
भ्रष्ट समाज कभी प्रगति के पथ पर आगे नहीं बढ़ सकता। जागरूक रहकर ऎसे लोगों की कलई खोलना प्रत्येक का दायित्व बनता है। जिससे भ्रष्ट लोगों में भय व्याप्त रहे।
शिवकुमार शास्त्री, रायपुर

विश्वासघात है
बिना निर्दोष साबित हुए केवल जमानत पर छूटने वाले नेताओं का इस तरह स्वागत करना लोकतंत्र के खिलाफ है। इससे भ्रष्टाचार को प्रोत्साहन मिलता है। पैसे लेकर गलत पट्टे देना जनता के साथ विश्वासघात है।
प्रदीपसिंह, जैतारण ब्लॉक अध्यक्ष, कांग्रेस

डीएलबी नहीं पहुंची एफआईआर
पाली. जैतारण नगरपालिका अध्यक्ष मदनलाल रूणेचा को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े जाने की एफआईआर तीसरे दिन भी डीएलबी नहीं पहुंची। ऎसे में रूणेचा का निलम्बन अभी विभागों के बीच फाइलों में ही अटका हुआ है। वरना कार्मिक विभाग के आदेश के अनुसार रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़े जाने पर लोकसेवक का तत्काल निलम्बन अनिवार्य है।

इस संबंध में जानकारी चाहने पर डीएलबी के निदेशक ताराचंद मीणा ने बताया कि एसीबी की ओर से उनके पास किसी तरह की अधिकृत सूचना नहीं आई है। सूचना मिलते ही तत्काल प्रभाव से निलम्बन की कार्रवाई की जाएगी। इधर, एसीबी की पाली चौकी के प्रभारी एल.एन. शर्मा का कहना है कि उन्होंने बिना नम्बरी एफआईआर जयपुर स्थित एसीबी थाने में भिजवा दी है। वहां से अधीक्षक के हस्ताक्षर होंगे और केस रजिट्रेशन के बाद सम्बन्घित विभाग के एचओडी को भिजवा दी जाएगी।


कठोर कार्रवाई जरूरी
जनप्रतिनिधि जनता की अगुवाई करते हैं। जब वह ही भ्रष्टाचार के दलदल में जा फंसे तो फिर आम आदमी की तो बात ही क्या। ऎसे लोगों को कुर्सी से हटाकर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।
वैद्य सोमेश्वर शर्मा, रायपुर

रिवाज सा बन गया
सरकारी विभागों में बिना दाम के काम की अपेक्षा ही नहीं की जा सकती। घूस एक रिवाज सा बन गया है। ऎसे मे जनप्रतिनिधियों का भी इस गोरखधंधे मे शामिल हो जाना शर्मनाक है। ऎसा ही चलता रहा तो जनता आखिर विश्वास किस पर करेगी।
बाबूलाल मेवाड़ा, रायपुर

मोर्चा खोलने की आवश्यकता
लोकतंत्र में भ्रष्टाचार वह दीमक है जिससे न केवल सम्पूर्ण शासन व्यवस्था बल्कि मानवता भी शर्मसार हो रही है। आवश्यकता है एकजुट होकर ऎसे लोगों के खिलाफ मोर्चा खोलने की।
सन्तोषदास वैष्णव, रायपुर

तत्काल निलम्बन के हैं आदेश
राजस्थान सरकार की ओर से 10 अगस्त 2001 को जारी आदेशों के अनुसार रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़े जाने पर तत्काल निलम्बन अनिवार्य होगा। लोकसेवक तब तक बहाल नहीं हो सकेगा, जब तक न्यायालय उसे दोषमुक्त नहीं कर दे।

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