मंगलवार, 23 अप्रैल 2013

फसल बीमा के विरोध में किसानों का धरना जारी


फसल बीमा के विरोध में किसानों का धरना जारी 

सिणधरी



मौसम आधारित फसल बीमा को बंद कर इसे क्रॉप कटिंग आधारित करने एवं नर्मदा का नहरी क्षेत्र सिणधरी तक विस्तारित करने सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर धरने पर बैठे किसान सोमवार को सातवें दिन भी डटे रहे। किसानों ने सिणधरी तहसीलदार अशोक कुमार पटेल को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर समाधान करवाने का आग्रह किया। साथ ही मांगे नहीं मानने तक अनिश्चितकालीन धरना जारी रखने और आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी है। इस दौरान कानाराम सांई दरगुड़ा, रामदेव फगोडिय़ा, पूनमाराम चिलका बांड, रूपाराम जाखड़ लूणाकला, हरदानराम सांई एवं पूनमाराम पायलाखुर्द धरने पर रहे। इस बीच राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी का सोमवार को दौरा रहा, लेकिन वे किसानों से बिना मिले ही सीधे निकल गए जिस पर किसानों ने नाराजगी जताई। भाकिसं के तहसील अध्यक्ष रामदेव फगोडिय़ा ने बताया कि सरकार व प्रशासन चाहे जितने दिन किसानों की मांगों को अनसुना करते रहे, लेकिन इस बार आंदोलन अंतिम निर्णय तक जारी रहेगा। किसान बार-बार मौसम आधारित फसल बीमा के नाम पर काटे जा रहे प्रीमियम का भुगतान कर नुकसान के बावजूद क्लेम से वंचित रहने के धोखे को सहन नहीं करेंगे। साथ ही प्रारंभिक सर्वे के अनुसार नर्मदा नहर को सिणधरी व अन्य क्षेत्र तक विस्तार की मांग भी किसानों का मुख्य मुद्दा है। इसको लेकर क्षेत्र के किसान धरना जारी रखे हुए हैं।



किसानों ने चक्काजाम करने की चेतावनी दी

गुड़ामालानी. भारतीय किसान संघ के बैनर तले उपखंड मुख्यालय के आसपास के किसानों ने उपखंड कार्यालय के समक्ष धरना देकर एसडीएम शंकरलाल को ज्ञापन सौंपा। संघ के तहसील अध्यक्ष बाबूलाल मांजू ने बताया कि संघ के नेतृत्व में राजस्व मंत्री, कृषि विभाग के उपनिदेशक के नाम ज्ञापन सौंपा जिसमें चक्काजाम करने की चेतावनी दी गई है। ज्ञापन में बताया कि दो सूत्री मांगों का समाधान न कर सरकार किसानों की उपेक्षा कर रही जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसानों ने चेताया कि अगर प्रशासन या सरकार ने किसानों की मांगों को अनदेखा किया तो किसान एकजुट होकर प्रशासन एवं सरकार का विरोध करेंगे।

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