सोमवार, 8 अप्रैल 2013

राष्ट्रीय कुम्हार महासभा का प्रांतीय अधिवेशन आयोजित, बाल विवाह बंद करने का लिया संकल्प


विकास के पथ पर बढ़े कुम्हार युवा


एक माह में हो माटी बोर्ड का गठन 



राष्ट्रीय कुम्हार महासभा का प्रांतीय अधिवेशन आयोजित, बाल विवाह बंद करने का लिया संकल्प
बाड़मेर राष्ट्रीय कुम्हार महासभा के प्रांतीय अधिवेशन में पदाधिकारियों ने कहा कि समाज में जो भी कुरीतियां हैं उन्हें इसी तरह संकल्प लेकर दूर करना होगा। युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए आगे बढ़ाना होगा तभी समाज विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा। पदाधिकारियों ने युवाओं से आह्वान किया कि वे समाज का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए राजनीतिक व सामाजिक स्तर पर भी आगे बढ़े। 

समाज का प्रांतीय अधिवेशन यहां जसदेर धाम पर आयोजित हुआ जिसमें प्रदेश भर के दो हजार से ज्यादा प्रतिनिधियों ने भाग लिया। राष्ट्रीय अध्यक्ष लक्ष्मीचंद प्रजापति ने कहा कि जिस तरह रिफाइनरी के बाद बाड़मेर राजस्थान की स्थिति बदलेगा उसी तरह बाड़मेर में हो रहा यह अधिवेशन भी समाज की दशा व दिशा तय करेगा। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब हमें समाज हित में निर्णय लेना पड़ेगा। बाल विवाह जैसी कुरीतियों को समाप्त कर नए विकसित समाज का निर्माण करना होगा। समाज के आह्वान पर कार्यक्रम में उपस्थित सभी पदाधिकारियों व प्रतिनिधियों ने हाथ उठाकर बाल विवाह नहीं करने का संकल्प लिया।

कुम्हार समाज का असल काम धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है। स्टील, पीतल, तांबा और प्लास्टिक से बने सामानों ने मिट्टी के बर्तनों की जगह ले ली है। इससे बेरोजगारी की समस्या बढ़ गई है। जो लोग मूल धंधे से जुड़े हैं उन्हें भी मिट्टी नहीं मिल रही और भट्टों के लिए जगह भी उपलब्ध नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने माटी कला बोर्ड का एक माह में पुनर्गठन करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक उस पर विचार नहीं किया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर एक महीने में सरकार इस पर निर्णय नहीं करती है तो चुनाव में इसका खामियाजा सरकार को भुगतना होगा। अध्यक्षता करते हुए प्रजापत समाज बाड़मेर अध्यक्ष रावताराम मोरवाल ने आरक्षण प्राप्त करने के लिए कंधा से कंधा मिलाकर सहयोग देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इसके लिए धरना-प्रदर्शन करना पड़ेगा तो करेंगे। एडवोकेट सुखराज प्रजापत ने कहा कि एकजुट रहकर अपने अधिकार की मांग करेंगे। कोषाध्यक्ष जयराम जाजपरा ने कहा कि संघर्ष के बिना हक नहीं मिलता। महंत सिद्धगिरी ने समाज का ऐतिहासिक महत्व बताते हुए सृष्टि की उत्पति के बारे में बताय

अधिवेशन में बाबूलाल रेनवाल, केशव पंडित सुग्रीव बिहार, देवाराम सियोटा, ओ.पी जलंधरा, श्रीयादे शक्ति सेना जयपुर के अध्यक्ष गंगाराम जाजपरा ने भी विचार रखे। संचालन चैनाराम ने किया। इस मौके पर हनुमानराम, किशनलाल सियोटा, अलसाराम कुमावत, प्रेम प्रजापत, पीराराम विरानणा, मांगीलाल, बंशीलाल, मूलाराम, हरीराम जाजपरा, जगमालराम, खेराजराम, मंगनाराम, उम्मेदाराम, भल्लाराम प्रजापत, हरखाराम, केसाराम, गंगाराम, पूर्व सरपंच लक्ष्मणराम, दमाराम, पदम प्रजापत, मोहनलाल, गोमदाराम, भीमाराम, जेठाराम, कानाराम, सवाईराम, भैराराम जैसार सहित समाज के लोग मौजूद थे। 

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