पान सिंह के गांव से निकला एक और चैंपियन
भोपाल। एथलीट से डाकू बने पान सिंह तोमर की उपलब्घियों से तो सभी वाकिफ हैं। अब पान सिंह के गांव से एक और एथलीट दुनिया में नाम रोशन करने को तैयार है। बात हो रही है मध्य प्रदेश के भिड़ौसा गांव निवासी अंकित शर्मा की। अंकित ने 17वीं फेडरेशन कप नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप के दौरान लंबी कूद में स्वर्ण जीता है। उन्होंने 7.1 मीटर लंबी छलांग लगाई, जो कि उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
हालांकि उनके गांव में सुविधाओं का अभाव है। अंकित कहते हैं कि हमारे गांव में एक भी ट्रैक नहीं है। अंकित ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि पान सिंह पर फिल्म बनने के बाद गांव को कुछ सुविधाएं मिलेंगी, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है। साथ ही उन्होंने इस बात की उम्मीद जताई कि उनके प्रदर्शन से लोगों को पता चलेगा कि भिड़ौसा में कितनी प्रतिभा है। अंकित ने कहा कि मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि एक स्थानीय कोच ने मेरी प्रतिभा को पहचाना और मुझे भारतीय खेल प्राधिकरण के सेंटर से संपर्क करने का सुझाव दिया। हालांकि भिड़ौसा में बहुत से टैलेंटेड एथलीट हैं, जो कमाल कर सकते हैं।
चैंपियन एथलीट थे पान सिंह
पान सिंह तोमर स्टीपलचेज के चैंपियन थे। वह सात सालों तक राष्ट्रीय स्तर पर स्टीपलचेजिंग में चैंपियन रहे। 3000 मीटर स्टीपलचेज में 9 मिनट 4 सेकंड का उनका रेकॉर्ड राष्ट्रीय स्तर पर 10 साल तक कोई तोड़ नहीं पाया।
भोपाल। एथलीट से डाकू बने पान सिंह तोमर की उपलब्घियों से तो सभी वाकिफ हैं। अब पान सिंह के गांव से एक और एथलीट दुनिया में नाम रोशन करने को तैयार है। बात हो रही है मध्य प्रदेश के भिड़ौसा गांव निवासी अंकित शर्मा की। अंकित ने 17वीं फेडरेशन कप नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप के दौरान लंबी कूद में स्वर्ण जीता है। उन्होंने 7.1 मीटर लंबी छलांग लगाई, जो कि उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
हालांकि उनके गांव में सुविधाओं का अभाव है। अंकित कहते हैं कि हमारे गांव में एक भी ट्रैक नहीं है। अंकित ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि पान सिंह पर फिल्म बनने के बाद गांव को कुछ सुविधाएं मिलेंगी, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है। साथ ही उन्होंने इस बात की उम्मीद जताई कि उनके प्रदर्शन से लोगों को पता चलेगा कि भिड़ौसा में कितनी प्रतिभा है। अंकित ने कहा कि मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि एक स्थानीय कोच ने मेरी प्रतिभा को पहचाना और मुझे भारतीय खेल प्राधिकरण के सेंटर से संपर्क करने का सुझाव दिया। हालांकि भिड़ौसा में बहुत से टैलेंटेड एथलीट हैं, जो कमाल कर सकते हैं।
चैंपियन एथलीट थे पान सिंह
पान सिंह तोमर स्टीपलचेज के चैंपियन थे। वह सात सालों तक राष्ट्रीय स्तर पर स्टीपलचेजिंग में चैंपियन रहे। 3000 मीटर स्टीपलचेज में 9 मिनट 4 सेकंड का उनका रेकॉर्ड राष्ट्रीय स्तर पर 10 साल तक कोई तोड़ नहीं पाया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें