बीकानेर चार भरष्ट सरकारी कारिंदों को कठोर कारावास
कनिष्ठ लेखाकार व लिपिक को कठोर कारावास
बीकानेर। आठ साल पहले चूरू में बेरोजगार को ऋण दिलाने की एवज में रिश्वत लेने के मामले में एससीएसटी विकास निगम के तत्कालीन कनिष्ठ लेखाकार गोपीराम व लिपिक प्रहलादसिंह को दोष्ाी माना गया है। उन्हें एक-एक साल के कठोर कारावास व एक-एक हजार के अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई है। सेशन न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण मामलात नगेन्द्रपाल भंडारी ने शनिवार को प्रकरण पर निर्णय सुनाया।
अभियोजन पक्ष ने 14गवाहों के बयान कराए। पैरवी सहायक निदेशक रिसालसिंह ने की। मामले के अनुसार परिवादी ओमप्रकाश जाट से 27अप्रेल 2005 को पांच सौ रूपए की रिश्वत लेते तत्कालीन कनिष्ठ लेखाकार व लिपिक को ब्यूरो चूरू ने गिरफ्तार किया था। मामले की जांच पुलिस उपअधीक्षक विनोद कालेर ने की।
एईएन व जेईएन को कठोर कारावास
बीकानेर । रिश्वत के करीब दस साल पुराने प्रकरण में सिंचाई विभाग के तत्कालीन सहायक अभियंता कुलवंत सिंह व कनिष्ठ अभियंता लेखराज को दोषी माना गया है। इस आधार पर पीसी एक्ट की धारा सात व 13-1-डी-2 में एक-एक साल के कठोर कारावास व पांच-पांच हजार के अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई है।
सेशन न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण मामलात नगेन्द्र पाल भंडारी ने शुक्रवार को प्रकरण पर निर्णय सुनाया। आदेश के अनुसार जुर्माना अदा न करने पर दोनों आरोपियों को एक-एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अभियोजन पक्ष ने 19 गवाहों के बयान कराए। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी सहायक निदेशक रिसालसिंह ने की।
यह था मामला
परिवादी नई धानमंडी हनुमानगढ के व्यापारी जगदीपसिंह ढिल्लों से पांच हजार की रिश्वत लेते ब्यूरो की टीम ने 29 जुलाई 2003 को सिंचाई विभाग के जैतसर उपखंड के तत्कालीन एईएन व जेईएन को गिरफ्तार किया था।
परिवादी ने करणीजी वितरिका की बुर्जी 80 से 90 के बीच नीलामी में 498 पेड़ खरीदे थे। इनकी रकम भी जमा करा दी थी और जिला कलक्टर ने अनुमति भी दे दी।
आरोप है कि ये पेड़ ले जाने का गेट पास जारी करने की एवज में रिश्वत ली गई। हालांकि रिश्वत राशि रेस्ट हाउस में एईएन की अटैची के नीच बरामद हुई थी और जेईएन उस समय मौजूद नहीं था लेकिन मांग सत्यापन में उल्लेख के कारण उसे भी नामजद किया गया। ट्रेप ब्यूरो हनुमानगढ के तत्कालीन पुलिस उप अधीक्षक पहाड़सिंह ने किया। मामला दर्ज होने पर जांच पुलिस उप अधीक्षक श्रीगंगानगर तेजपालसिंह ने की।
कनिष्ठ लेखाकार व लिपिक को कठोर कारावास
बीकानेर। आठ साल पहले चूरू में बेरोजगार को ऋण दिलाने की एवज में रिश्वत लेने के मामले में एससीएसटी विकास निगम के तत्कालीन कनिष्ठ लेखाकार गोपीराम व लिपिक प्रहलादसिंह को दोष्ाी माना गया है। उन्हें एक-एक साल के कठोर कारावास व एक-एक हजार के अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई है। सेशन न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण मामलात नगेन्द्रपाल भंडारी ने शनिवार को प्रकरण पर निर्णय सुनाया।
अभियोजन पक्ष ने 14गवाहों के बयान कराए। पैरवी सहायक निदेशक रिसालसिंह ने की। मामले के अनुसार परिवादी ओमप्रकाश जाट से 27अप्रेल 2005 को पांच सौ रूपए की रिश्वत लेते तत्कालीन कनिष्ठ लेखाकार व लिपिक को ब्यूरो चूरू ने गिरफ्तार किया था। मामले की जांच पुलिस उपअधीक्षक विनोद कालेर ने की।
एईएन व जेईएन को कठोर कारावास
बीकानेर । रिश्वत के करीब दस साल पुराने प्रकरण में सिंचाई विभाग के तत्कालीन सहायक अभियंता कुलवंत सिंह व कनिष्ठ अभियंता लेखराज को दोषी माना गया है। इस आधार पर पीसी एक्ट की धारा सात व 13-1-डी-2 में एक-एक साल के कठोर कारावास व पांच-पांच हजार के अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई है।
सेशन न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण मामलात नगेन्द्र पाल भंडारी ने शुक्रवार को प्रकरण पर निर्णय सुनाया। आदेश के अनुसार जुर्माना अदा न करने पर दोनों आरोपियों को एक-एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अभियोजन पक्ष ने 19 गवाहों के बयान कराए। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी सहायक निदेशक रिसालसिंह ने की।
यह था मामला
परिवादी नई धानमंडी हनुमानगढ के व्यापारी जगदीपसिंह ढिल्लों से पांच हजार की रिश्वत लेते ब्यूरो की टीम ने 29 जुलाई 2003 को सिंचाई विभाग के जैतसर उपखंड के तत्कालीन एईएन व जेईएन को गिरफ्तार किया था।
परिवादी ने करणीजी वितरिका की बुर्जी 80 से 90 के बीच नीलामी में 498 पेड़ खरीदे थे। इनकी रकम भी जमा करा दी थी और जिला कलक्टर ने अनुमति भी दे दी।
आरोप है कि ये पेड़ ले जाने का गेट पास जारी करने की एवज में रिश्वत ली गई। हालांकि रिश्वत राशि रेस्ट हाउस में एईएन की अटैची के नीच बरामद हुई थी और जेईएन उस समय मौजूद नहीं था लेकिन मांग सत्यापन में उल्लेख के कारण उसे भी नामजद किया गया। ट्रेप ब्यूरो हनुमानगढ के तत्कालीन पुलिस उप अधीक्षक पहाड़सिंह ने किया। मामला दर्ज होने पर जांच पुलिस उप अधीक्षक श्रीगंगानगर तेजपालसिंह ने की।
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